Essay on Farmer in Hindi- किसान पर निबंध

In this article, we are providing Kisan Par Nibandh | Essay on Farmer in Hindi. किसान पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 150, 200, 250, 300 words For Students & Children.

दोस्तों आज हमने Kisan | Farmer Essay in Hindi लिखा है किसान पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

जरूर पढ़े- Bhartiya Kisan Par Nibandh

Essay on Farmer in Hindi- किसान पर निबंध

Short Kisan Essay in Hindi- किसान पर निबंध ( 120 words )

समाज का श्रेष्ठ बन्धु किसान है। किसान मौसम के अनुकूल अन्न पैदा करता है। वे कड़ी धूप, सर्दी और वर्षा में कठिन परिश्रम करते हैं। फसल के समय इन्हें दिनभर में विश्राम के लिए थोड़ा भी समय नहीं मिलता है। सुबह कलेवा तथा दोपहर का भोजन इन्हें खेत में ही करना पड़ता है। किसान ही धान, जौ, गेहूँ, चना, मटर, सरसों, आलू, गोभी, बैगन, कपास, जूट आदि पैदा करते हैं।

किसान गाँवों के कच्चे मकानों एवं घास-पूस की झोपड़ियों में रहते हैं। हल, हेंगा, कुदाल, खुरपी, हँसिया आदि ही इनके खेती के औजार हैं।

किसान का जीवन अत्यन्त सरल होता है। किसान अन्न पैदा करते हैं। इनका पहनावा भी साधारण होता है। किसान ही हमारे देश के प्राण हैं। इनकी उन्नति के बिना देश का कल्याण असम्भव है।

जरूर पढ़े- 10 Lines on Farmer in Hindi

 

Essay on Farmer in Hindiकिसान पर निबंध ( 150 words )

किसान खेतों में मेहनत करता है। वह अन्न उगाता है । किसान को ‘भूमिपुत्र’ कहते हैं।

वह अपने परिवार के साथ छोटी सी झोपड़ी में रहता है। रूखी, सूखी खा कर वह अपना और अपने परिवार का पेट भरता है।

किसान हर दिन बड़े सबेरे जागता है। अपने बैलों को लेकर खेत में जाता है । वहाँ दिन भर वह परिश्रम करता है। उसकी पत्नी और बच्चे भी खेती के काम में उसकी मदद करते हैं।
वह हर मौसम में कड़ी मेहनत कर अन्न उगाता है। इसी अन्न से राष्ट्र की जनता का पेट भरता है । किसान ना हो तो अन्न कौन उगाएगा ?

लेकिन जनता का पेट भरनेवाला किसान खुद अधभूखा रहता है। उसे गरीबी में दिन काटने पड़ते हैं। इसलिए उसके अन्न की उसे सही कीमत मिलनी चहिए।

किसान सुखी होगा, तो देश खुशहाल होग।

जरूर पढ़े- Essay on Kisan ki Atmakatha in Hindi

 

Kisan Par Nibandh- Hindi Essay on Farmer ( 200 words )

दिन-रात परिश्रम करके तरह-तरह की फल-सब्जी और अनाज को अपने खेतों में किसान उगाता है। किसान समाज का अन्नदाता है।

धूप-वर्षा, आँधी-पानी, सर्दी-गर्मी – चाहे कोई भी मौसम हो, वह दिन-रात खेतों में जुटा रहता है। किसान के प्यारे साथी हैं – हल और बैल।

किसान खेतों में हल चलाता है, बीज बोता है और उन्हें सींचता है। वह पशु-पक्षियों से खेतों की रक्षा करता है। जंगली पौधों को खेतों में से उखाड़ता है। धीरे-धीरे पौधे बढ़ते हैं। किसान उन्हें बढ़ता देखकर खुश होता है। अब फसल पकती है। पकने के बाद उन्हें काटता है। किसान का सारा परिवार लगातार खेतों में जुटा रहता है। इतने परिश्रम के बाद किसानों के खलिहान भरते हैं। किसान की मेहनत सफल होती है। वह रात को चैन की नींद सोता है। अनाज को मंडी पहुँचाता है और धन पाता है।

अब फिर समय आता है – खेतों में बुआई करने का। किसान फिर हल और बैल लेकर खेत पहुँच जाता है। उसे फिर आँधी-तूफ़ान की चिंता सताने लगती है। वह फसल को अपने पसीने से सींचता है। इसलिए कहा गया है, ‘जय किसान’।

जरूर पढ़े- Essay on Agriculture in Hindi

 

Farmer Essay in Hindi- किसान पर निबंध हिंदी में ( 250 words )

हमारा देश गाँवों में अधिक है। गाँवों के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है। इसलिए हमारे दश के अधिक लोग किसान हैं। हमको जो भोजन खाने को मिलता है। उसे किसान ही उगाते हैं। इसीलिए किसान को अन्नदाता कहा जाता है।

हमारे अन्नदाता किसान को अन्न उपजाने में कितना श्रम करना पड़ता है—क्या आपने कभी सोचा है। किसान प्रातःकाल उठता है। अपने गाय-बैलों को दाना पानी देता है। उनके रहने के स्थान की सफाई करता है। गोबर उठाकर एक स्थान पर जमा करता है। गाय भैसों का दूध निचोड़ता है।

थोड़ा सा नाश्ता पानी करके खेतों की ओर चल पड़ता है। उसके कंधे पर हल होता है और हाथ में बैलों की रस्सी। ठीक समय पर दिन भर हल चलाता है। दोपहर का भोजन उसकी पत्नी खेतों पर लेकर आती हैं भोजन लेकर वह थोड़ा आराम कर लेता है। फिर बैलों को लेकर खेत जोतने लगता है।

खेत जोत लेने पर उनमें बीज डालता है। पौधे निकल जाने पर उसकी रखवाली करता है। पौधे बड़े होने पर उसकी प्रसन्नता बढ़ती जाती है। पौधों में फूल आते हैं और दाने भरने लगते हैं। अन्त में फसल पक जाती

अब किसान का काम फिर बढ़ जाता है। उसे फुर्सत ही नहीं रहती। फसल काटना, खलिहान में जमाना, भूसे से अनाज अलग करना, बड़े परिश्रम के काम हैं। इसमें भी बैलों से सहायता लेता है।

खलिहान से अनाज घर आ जाने पर किसान को कुछ दिनों आराम रहता है। वर्षा प्रारंभ होते ही उसकी फिर से वही दिनचर्या हो जाती है।

———————————–

इस लेख के माध्यम से हमने Kisan Par Nibandh | Long & Short Essay on Farmer in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

Essay about farmers in hindi
Farmer Kisan Par Nibandh
Essay on kisan in Hindi
Kisan par lekh

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *