In this article, we are providing Essay on My Father in Hindi | Papa Par Nibandh, मेरे पिता पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.
दोस्तों आज हमने Pita par Nibandh | My Father Essay in Hindi लिखा है मेरे पिता पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।
Essay on My Father in Hindi- मेरे पिता पर निबंध
My Father Essay in Hindi 10 Lines for kids ( 100 words )
1. मेरे पिताजी एक शिक्षक हैं।
2. वे नौवीं एवं दशवीं के बच्चों को गणित पढ़ाते हैं।
3. पिताजी सुबह सात बजे विद्यालय जाते हैं और दोपहर को दो बजे घर लौटते हैं ।
4. शाम में चार बजे उनके पास नौवीं एवं दशवीं के अनेक बच्चे आते हैं ।
5. पिताजी उन्हें गणित पढ़ाते हैं।
6. रात में पिताजी मुझे पढ़ाते हैं। वे बड़ी अच्छी कहानियाँ भी ” सुनाते हैं।
7. पिताजी को शतरंज खेलना बहुत प्रिय है। वे मुझे भी शतरंज खेलना सीखाते हैं।
8. छुट्टियों के दिन पिताजी हमें कहीं घुमाने लेकर जाते हैं। उनके साथ बड़ा आनंद आता है।
9. मेरे पिताजी सबसे अच्छे पिता हैं।
10. मैं उन्हें बहुत प्यार करता हूँ।
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Short Essay on My Father in Hindi- Pita par Nibandh ( 120 words )
श्रीमान राजेश कुमार मेरे पिता जी है। वे एक प्रकाशक है। उनकी पुस्तकों की एक बड़ी दुकान है। यह दुखन मुख्य बाजार में है। वे ईमानदार तथा मेहनती है। मेरे पिता जी बहुत व्यस्त आदमी है।
मेरे पिता जी की उम्र ३५ वर्ष है। वे स्वस्थ और सुन्दर है। उनका जीवन मेरे लिए प्रेरणा है। वे सुबह जल्दी उठ जाते है। तब वे रोज़ाना की सैर पर जाते है।
वे बहुत सी पुस्तकें छापते है। उनमे से कुछ बहुत चर्चित है। वे बहुत दयालु तथा सहयोग करने वाले है।
उनमे एक अचे पिता के सभी गुण है। में उनकी ख़ुशी तथा लम्बे जीवन की कामना करता हू।
Mere Papa Par Nibandh | My Father Essay in Hindi ( 150 words )
मेरे पापा एक डॉक्टर हैं। उनका दवाखाना घर पर ही है। वे रोज़ बहुत-से लोगों का इलाज करते हैं।
मेरे पापा लंबे कद के हैं। उनका रंग गोरा है। उनके बाल काले और धुंघराले हैं। वे बहुत हँसमुख स्वभाव के हैं। वे बात-बात पर ठहाके लगाते हैं। उन्हें बातें करने का बहुत शौक है।
पापा स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखते हैं। वे हम सबको सुबह उठा देते हैं। वे रोज़ सुबह सैर करते हैं। वे कहते हैं कि हमें खुली हवा में व्यायाम करना चाहिए।
पापा शाम को दवाखाना बंद करके मेरे साथ खेलते हैं। उन्हें टेनिस खेलने का शौक है। मेरे पापा को पढ़ने का भी बहुत शौक है। वे कई विदेशी पत्रिकाएँ भी मँगाते हैं। वे बहुत मिलनसार हैं। पास-पड़ोस के लोग उनकी खूब तारीफ़ करते हैं।
मेरे पापा एक अच्छे चित्रकार भी हैं। हमारे घर में उनके बनाए हुए बहुत-से चित्र लगे हैं। मैं भी बड़ा होकर पापा जैसा बनूँगा।
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Essay on My Father in Hindi – मेरे पिता पर निबंध हिंदी में ( 250 words )
मेरे पिताजी सरकारी सेवा में हैं। वे एक मंत्रालय में अधिकारी हैं। वे बड़े व्यस्त रहते हैं। कभी-कभी उन्हें सरकारी दौरे पर बाहर भी जाना पड़ता है। सप्ताह में पाँच दिन उनका कार्यालय खुलता है और दो दिन अवकाश रहता है। अवकाश के और भी दिन होते हैं।
गये रविवार को हम सर्कस देखने गये थे। सर्कस देखने । में बड़ा मज़ा आया। हमारा भरपूर मनोरंजन हुआ। मेरे पिताजी मुझे बड़ा प्यार करते हैं। मेरी छोटी बहन से भी उन्हें बड़ा प्यार-दुलार है। हम सब उनका बड़ा आदर करते हैं, उनका कहना मानते हैं। वे बहुत पढ़े-लिखें और विद्वान व्यक्ति हैं। उनके मित्र और जान-पहचान वाले सभी उनके प्रति बड़ा आदरभाव रखते हैं।
प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर वे प्रतिदिन सैर करने समीप के एक उद्यान में जाते हैं। घर पर थोड़ा-सा व्यायाम भी करते हैं। स्नान के बाद वे पूजा-पाठ तथा ध्यान में अपना समय व्यतीत करते हैं। उनकी एक निश्चित दिनचर्या है। वे सदा प्रसन्न रहते हैं। उनका स्वास्थ्य भी अच्छा है। उन्हें कोई बुरी आदत नही है। सुबह समाचारपत्र पढ़ना भी उनकी दिनचर्या का एक आवश्यक अंग है।
वे मेरी माताजी का बड़ा आदर करते हैं। उनकी कोई बात नहीं टालते। उनकी चालीस वर्ष की आयु है। वे हमारे घर के प्रमुख हैं। हमें उन पर बड़ा गर्व है। वे दूसरों की सहायता करने में भी सदा तत्पर रहते हैं। वे हमारे लिए तरह-तरह की सुन्दर वस्तुएं खरीद कर लाते हैं। हमारे लिए मिठाइयां, चॉकलेट और खिलौने भी उनमें हैं। मेरे गृहकार्य में भी वे मेरी सहायता करते हैं। रात को कभी-कभी वे मुझे कहानी भी सुनाते हैं।
Mere Pita par Nibandh
मेरे पिता पर निबंध- My Father Essay in Hindi ( 400 words )
मेरे पिताजी केन्द्रीय सचिवालय में कार्य करते हैं। उनका ऑफिस सप्ताह में पांच दिन खुलता है। शनिवार और रविवार को उनका अवकाश रहता है। इसके अतिरिक्त भी उनकी छुट्टियां होती हैं।
मेरे पिताजी की आयु लगभग 40 वर्ष है। उनका कद पाँच फुट दस इंच है। रंग गेहुंआ और शरीर गठीला है। उन की शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय में हुई है। वे एम० एस० सी० फिजिक्स है। बाद में उन्होंने एम० बी० ए० भी कर लिया है। उन्हें अध्ययन करने का बहुत शौक है। वे प्रतिदिन कई घंटें पढ़ने में लगाते हैं। घर पर एक अच्छा खासा पुस्तकालय-सा है। घर पर प्रतिदिन दो समाचार पत्र आते हैं। वे समाचार पत्र अवश्य पढ़ते
मेरे पिताजी सुबह 5.30 बजे उठते हैं, सबसे पहले वह घर में नित्य कार्य से निवृत होकर थोड़ा योगाभ्यास करते हैं फिर बाहर बाग में घूमने के लिए चले जाते हैं। वहाँ से आकर वह स्नान करते हैं। उसके बाद वह नाश्ता करते हैं और समाचार पत्र पढ़ते हैं। रेडियो के 8.00 बजे के समाचार वह अवश्य सुनते हैं। यही उनकी दैनिक क्रिया है। जिसे वह प्रतिदिन करते हैं। इसीलिए वह चुस्त और स्वस्थ रहते हैं।
छुट्टी वाले दिन वह हम सबको घुमाने के लिए ले जाते हैं। पिछले शनिवार को हम सब अप्पू घर गए थे। वहाँ हम सब खूब झूला झूले और अपना मनोरंजन किया। मैं, मेरी बड़ी बहन, मेरा छोटा भाई और मम्मी हम सब पापा को बहुत चाहते हैं। वह भी हम सब से बहुत प्यार करते हैं। हम भाई-बहन भी चाहते हैं कि हम उनके अज्ञाकारी बनकर रहें।
मेरे पिताजी एक सामाजिक व्यक्ति हैं। वह पड़ोसियों और अपने दोस्तों की सहायता के लिए सदैव तैयार रहते हैं और कभी-कभी उनके साथ घूमने के लिए भी चले जाते हैं। उनके मित्र घर पर आते हैं और वह भी उनके यहाँ चले जाते हैं। वे कालोनी की कल्याण-सभा के सचिव भी है।। कालोनी की समस्याओं को लेकर वे उच्च अधिकारियों, टेलीफोन कर्मचारियों और राजनीतिज्ञों से भी मिलते रहते हैं। आज उनके की कारण हमारी कालोनी में डाकघर और डिस्पैंसरी की सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
वह कभी भी दुःखी या परेशान नहीं रहते। वह हम सब भाई-बहनों की पढ़ाई में भी सहायता करते हैं। परीक्षा में हमें विशेष तैयारी कराते हैं और हमारे स्वास्थ्य का भी पूर्ण ध्यान रखते हैं। हमारे साथ खेलते भी हैं और कहानियों के माध्यम से अच्छे संस्कार और अच्छी आदतें हमारे अन्दर डालते हैं। वह हमारे जन्म दिन पर और परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर उपहार भी देते हैं।
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इस लेख के माध्यम से हमने Pita par Nibandh | My Father Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।
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