In this article, we are providing information about Lotus Temple in Hindi- Lotus Temple History In Hindi Language. हिस्ट्री ऑफ लोटस टेम्पल | कमल मंदिर का इतिहास और तथ्य
कमल मंदिर का इतिहास और तथ्य- Lotus Temple History In Hindi
कमल मंदिर एक बहाई उपासना मंदिर जो कि भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है। यह कमल के आकार का बना हुआ है और यहाँ पर किसी भी भगवान की कोई मूर्ति नहीं है और न ही कोई धार्मिक कार्य किया जाता है। यहाँ पर सभी धर्मों के पवित्र लेख पढ़े जाते हैं। Kamal mandir ka itihas
Lotus Temple History In Hindi
History of Lotus Temple कमल मंदिर को बनने में लगभग दस साल लग गए थे और यह 1986 में बनकर तैयार हुआ था। 24 दिसंबर, 1986 को मंदिर का उद्घाटन किया गया था लेकिन इसे आम जनता के लिए 1 जनवरी 1987 को खोला गया था।
कमल मंदिर की वस्तु कला | Architecture Information about Lotus Temple in Hindi
फरीबर्ज सहबा कमल मंदिर के वास्तुकार थे और इस मंदिर को अभिव्यंजनात्मक शैली में बनाया गया है। इस मंदिर की लंबाई 40 मीटर है और इसके मुख्य प्रवेश हॉल के 9 द्वार है जो कि 40 मीटर ऊँचे हैं। इस मंदिर ने अपने डिजाईन के कारण बहुत से अवार्ड जीते हैं। इसकी ईमारत में 3 और 9 के आकार में 27 खड़ी मार्बल की कमल के फूल के आकार की पंखुड़ियाँ बनी हुई है। यह मंदिर 9 तालाबों से घिरा हुआ है। इसमें पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ऊँचे गुबंद के प्रार्थनाघर, सफेद विशाल भवन और हरे भरे घास के मैदान। यहाँ पर 2003 में जिग्यासुओं के लिए सूचना केंद्र खोला गया जिसमें मुख्य सभागार है जिसमें 400 लोग साथ बैठ सकते हैं। इसमें दो छोटे सभागार है जिनमें 70 सीट हैं। मीडिया प्रसार और प्रचार के माध्यम से आगुंतकों को सूचना दी जाती है। सुर्य की लालीमा में सुबह और शाम के समय यह संगमरमर की इमारत बहुत ही सुंदर दिखती हैं। इसके आस पास की हरियाली इसे शांत वातावरण प्रदान करती है जिससे यहाँ प्रार्थना और ध्यान अच्छे से किया जा सकता है।
कमल मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य | Lotus Temple Temple Information and Facts in Hindi
1. कमल को सभी धर्मों में पूजा जाता है और पवित्र माना जाता है इसी कारण इस मंदिर को भी कमल के आकार में बनाया गया है।
2. कमल मंदिर पूरे एशिया में एकमात्र बहाय् मंदिर है और इसे अपने डिजाईन के लिए बहुत ज्यादा अवार्ड मिले हैं।
3. इस मंदिर को देखने प्रतिदिन 10000 लोग आते हैं।
4. यहाँ सभी धर्म के लोग आकर प्रार्थना कर सकते है और यह सभी धर्मों को समान मानता
है।
5. यह मंदिर मूर्ति पूजा की बजाय प्रभु की उपस्थिति में विश्वास करता है।
6. मंदिर के अंदर लकड़ी के बैंच है जिसपर बैठकर ध्यान अच्थे से लगाया जा सकता है।
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