Man Ke Hare Har Hai Man Ke Jeete Jeet Essay in Hindi- मन के हारे हार है, मन के जीते जीत पर निबंध

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Man Ke Hare Har Hai Man Ke Jeete Jeet Essay in Hindi- मन के हारे हार है, मन के जीते जीत पर निबंध

निराश मन सफलता से दूर होता जाता है तथा उत्साह और आशा से भरा मन अपने लक्ष्य में सफलता प्राप्त करता है। दूध की बाल्टी में गिरे मेंढ़को की कहानी इस तथ्य को प्रमाणित करती है।

एक बार दो मेंढक तालाब के सुख जाने पर पानी की ढूंढमें भटकने लगे। भटकते-भटकते वे सयोंवश एक हलवाई की दुखन पर पहुंचे जहाँ वे एक बाल्टी में गिर पड़े। इस बाल्टी में दूध भरा हुआ था। दोनों बहार निकलने का रास्ता ढूंढ़ने लगे ओर चारोंओर तैरते रहे लेकिन वे किसी भी प्रकार बाहर न निकल सके। इस से निराश होकर एक मेंढक सोचने लगा कि यहाँ से बाहर निकलने अब संभव नहीं है। अंत:किसी भी प्रकार का यतन करना व्यर्थ ही है। प्रात: काल जब हलवाई आएगा ओर देखेगा तो हमें मार डालेगा। इस प्रकार अब मौत निस्चित है। हारकर उसने तैरना ही छोड़ दिया ओर वह दूध में डुब कर मर गया।

दूसरा मेंढ़क नहीं हारा। यद्यपि वह थक भी गया था, तथापि वह तैरता ही रहा और सारी बाल्टी में चक्कर काटता रहा। उसके इस प्रकार इधर-उधर तैरने से दूध मथने लग और मक्खन बनने लगा। अन्त में मक्खन का एक ढेला बन गया। अब वह मेंढ़क उस पर चढ़ा और वहां से छलांग लगाकर बाल्टी से बाहर आ गया। वह तुरन्त ही वहां से भाग गया और अपनी जान बचाने में सफल हो गया। इस प्रकार उसकी मानसिक शक्ति ने उसकी जान बचा दी।

शिक्षा– मन के हारे हार है मन के जीते जीत।

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