ताजमहल पर निबंध- Taj Mahal Essay in Hindi Language

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Taj Mahal Par Nibandh ( Essay on Taj Mahal in Hindi ) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words and 500 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.

In this article, we are providing information about Taj Mahal in Hindi. ताजमहल पर पूरी जानकारी जैसे की निर्माण की कथा, स्थति और स्वरूप, विशेषताएँ अदि के बारे बताया गया है। 

ताजमहल पर निबंध- Taj Mahal Essay in Hindi Language

 

10 Lines Essay on Taj Mahal in Hindi

विश्व की सबसे सुन्दर इमारतों में ताजमहल का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है ।

ताजमहल विश्व के सात महान आश्चर्यों में से एक है।

ताजमहल आगरा शहर में यमुना नदी के किनारे निर्मित हुआ है।

इस ऐतिहासिक विशल भवन का निर्माण सन् 1631 ई० में हुआ है ।

इस भवन का निर्माण मुगल शासक शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में करवाया था।

इसी भवन में मुमताज महल तथा शाहजहाँ की समाधियाँ हैं।

पूर्णिमा की चाँदनी में ताजमहल की शोभा और सौन्दर्य कई गुना बढ़ जाता है।

यह भवन भारत की शिल्प और स्थापत्य कला का उन्नत उदाहरण है।

वास्तुकला की यह अद्वितीय प्रतिमूर्ति भारत की शान है जो चिरकाल तक बनी रहेगी।

विश्व की इतनी सुन्दर इमारत भारतीय इतिहास का अंग है।

   

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Taj Mahal Essay in Hindi ( 200 words )

विश्व की सबसे सुन्दर इमारतों में ताजमहल का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है । तीन सौ वर्ष से भी अधिक प्राचीन इस स्मारक का आकर्षण दूर-दूर से यात्रियों को प्रति वर्ष खींच लाता है।

इस ऐतिहासिक विशल भवन का निर्माण सन् 1631 ई० में हुआ है । जो आज भी उसी शान से आगरा में यमुना के दाहिने किनारे पर खड़ा है।

शरद पूर्णिमा की रात्रि को ताजमहल की सुन्दरता दुगुनी हो जाती है। चन्द्र की किरणों से उसका शांत सफेद मुख को देखकर किसका हृदय हर्ष से नहीं भर जाता। अन्धेरी रात में तो ताजमहल एक सफेद साड़ी ओढ़े हुए एक विधवा नारी-सा करुण दिखाई देता हैं । जल में ताजमहल की प्रतिछाया चंचल बालक के समान किलकारियाँ मारती हुई दिखलाई देती हैं । इसी अनुपम छटा के नए-नए रूप देखने के लिए देश के कोने-कोने से और विदेशों से भी लोग प्रायः आते रहते हैं।

ताजमहल का नाम भारत में ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व में आश्चर्य एवं सम्मान से लिया जाता है । वास्तुकला की यह अद्वितीय प्रतिमूर्ति भारत की शान है जो चिरकाल तक बनी रहेगी।

 

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Taj Mahal Par Nibandh ( 400 words )

आगरा एक ऐतिहासिक नगर है। यहाँ अनेक ऐतिहासिक भवन हैं। किन्तु ताजमहल उन सबमें सुन्दर है। ताजमहल विश्व के सात महान आश्चर्यों में से एक है। यह सुन्दर इमारत भारत में ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। यह मुगलकाल की सुन्दर वास्तुकला का सर्वोत्तम उदाहरण है।

ताजमहल यमुना नदी के किनारे आगरा शहर के बाहरी भाग पर बना है। इस भवन का निर्माण मुगल शासक शाहजहाँ ने अपनी प्रिय रानी अर्जुमन्द बानो बेगम की याद में करवाया था। शाहजहाँ उसे मुमताज महल कहता था। शाहजहाँ मुमताज महल से अत्यधिक प्रेम करता था। उसकी मृत्यु होने पर उसकी याद में उसने यह भवन बनवाया। इसीलिये ताजमहल को प्रेम की निशानी भी माना जाता है। ताजमहल सफेद संगमरमर से बना है। यह इतनी विशाल इमारत है कि हजारों मजदूरों ने इसे बनाने में बाईस वर्षों का समय लिया था। ताजमहल 1631 ई. में बनना आरम्भ हुआ तथा 1653 ई. में इसका निर्माण कार्य पूर्ण रूप से समाप्त हुआ। उस्ताद ईसा आफन्दी, जो रोम के रहने वाले थे तथा मोहम्मद शरीफ समरकंदी ताजमहल के प्रमुख वास्तुविद् थे। ताजमहल के एक ओर मस्जिद तथा दूसरी तरफ तस्बीहखाना निर्मित करवाया गया है। ताजमहल के चारों कानों पर सफेद संगमरमर से बनी चारमीनारें हैं तथा बीच में बड़ा गुंबदवाला भवन हैं। इसी भवन में मुमताज महल तथा शाहजहाँ की समाधियाँ हैं। भवन के ऊपरी सतह पर नकली समाधियाँ बनाई गई हैं। असली समाधियाँ नीचे हैं।

ताजमहल की सुन्दरता को देखने के लिये देश विदेश से हर वर्ष लाखों पर्यटक आते हैं। प्रत्येक देश का राष्ट्राध्यक्ष ताजमहल की सुन्दरता का आनन्द अवश्य उठाना चाहता है। कवियों ने भी अपनी कविताओं में इसकी सुन्दरता का वर्णन किया है। किसी ने ताजमहल को आंसू की बूंद कहा है तो किसी ने चमकता मोती किसी कवि ने ताजमहल को अलौकिक भवन बताया है तो किसी को इसकी सुन्दरता की प्रशंसा करने के लिये शब्द ही नहीं मिले हैं। चाँदनी रात में तो ताजमहल की सुन्दरता में चार चाँद लग जाते हैं। वर्षा ऋतु में जब चमकती चाँदनी सफेद ताजमहल पर पड़ती हैं तो पूरा वातावरण दूधिया हो जाता है। पास में बहती यमुना नदी वातावरण में और रोमांच भर देती है। वास्तव में ताजमहल वैभवशाली मुगलकाल की उत्कृष्ट कला का एक उदाहरण है। मैं इसको कई बार देख चुका हूँ तथा बार-बार इसकी सुन्दरता तथा वैभव का आनन्द उठाने का इच्छुक हूँ। हमें गर्व है कि विश्व की इतनी सुन्दर इमारत भारतीय इतिहास तथा संस्कृति का अंग है।

 

lines on Taj mahal

 

Long Essay on Taj Mahal in Hindi ( 700 words )

भूमिका

दुनियाँ में मनुष्य द्वारा अनेक अद्भुत एवं आशार्यजनक वस्तुओं जा निर्माण हुआ है । मनुष्य अपनी प्रतिभा, परिश्रम और लगन से एक से एक महत्वपूर्ण और कौतूहलपूर्ण निर्माण करता आ रहा है। इस धरती पर निर्मित ऐसी वस्तुओं में ताजमहल का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। इसे संसार के सात आश्चर्यजनक वस्तुओं में से एक माना जाता है। ताजमहल भारत की वस्तु-स्थापत्य कला का एक बेजोड़ नमूना है। यह आगरा नामक शहर में यमुना नदी के किनारे निर्मित हुआ है। इसका निर्माण आज से लगभग साढ़े तीन सौ वर्ष पहले हुआ था। इसका सौन्दर्य, कलात्मकता और भव्यता दर्शनीय है।

निर्माण की कथा

ताजमहल के निर्माण की कथा अत्यन्त आश्चर्यजनक है। मुगल सम्राट शाहजहाँ अपने वैभव और कला प्रेम के लिए बहुत प्रसिद्ध है। उसने अपने शासनकाल में अनेक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक भवनों का निर्माण करवाया। कहा जाता है कि शाहजहाँ अपनी बेगम मुमताज महल को अत्यधिक प्रेम करता था। अचानक वह बीमार पड़ गई। उसके बचने का कोई उपाय न रहा। मृत्यु शैय्या पर पड़ी बेगम ने अपने शौहर शाहजहाँ से अपनी अन्तिम इच्छा प्रकट की कि उसकी समाधि पर ऐसा भवन निर्मित किया जाय जो अद्वितीय हो। 7 जून 1631 ई० को मुमताज की जीवन लीला समाप्त हो गई। बादशाह ने बेगम की अन्तिम इच्छा-पूर्ति का दृढ़ संकल्प लिया और बेगम की अभिलाषा को पूरा करने के लिए कटिबद्ध हो गया। 22 वर्षों के निरंतर कार्य, हजारों कारीगरों और मजदूरों के अथक परिश्रम एवं 9 करोड़ रुपये के व्यय से ताजमहल बनकर तैयार हो गया। निर्मित हो जाने के बाद ताजमहल को जो भी देखता दाँतों तले अंगुली दबा लेता।

स्थति और स्वरूप

ताजमहल आगरा में यमुना नदी के तट पर निर्मित और स्थित है। यह संगमरमर का एक भव्य चबूतरा है। पूरा ताजमहल देश-विदेश के पत्थरों से बनाया गया है। यह आगरा फोर्ट स्टेशन से करीब तीन किलोमीटर दूर पर है। यमुना के जलपर ताजमहल की छवि अद्भुत प्रतीत होती है। पूर्णिमा की चाँदनी में ताजमहल की शोभा और सौन्दर्य कई गुना बढ़ जाता है। ताजमहल को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष आते रहते हैं जो इसके कलात्मक सौंदर्य और अद्भुत शिल्प को देखकर अभिभूत होते हैं।

ताजमहल का प्रवेशद्वार लाल पत्थरों से बना है जो बहुत भव्य एवं विशाल है। प्रवेशद्वार पर सफेद पत्थरों पर कुरान की आयतें खुदी हुई हैं। पास ही एक अजायबघर है जहाँ मुगल बादशाह की वेशभूषा, अस्त्र-शस्त्र तथा अन्य ऐतिहासिक सामग्री संग्रहीत है। ये परतुएँ दर्शनीय हैं। मुख्यद्वार से ताजमहल तक जाने का एक सुन्दर मार्ग है। इस मार्ग के दोनों तरफ पंक्तिबद्ध वृक्षों की कतारें हैं जो बहुत मनोरम दृष्टिगोचर होती हैं। मार्ग के अगल-बगल हरी घासों का लान है जो मखमली गलीचों जैसा प्रतीत होता है। मार्ग के अगल-बगल जगह-जगह फव्वारे बने हुए हैं। ताजमहल का उद्यान बहुत शोभाशाली है। ताजमहल अनेक स्थापत्य कलाओं का त्रित रूप है जो भारतीय सभ्यता और संस्कृति का प्रतिरूप प्रतीत होता है। भवन के चारों कोनों में चार ऊँची मीनारें हैं और उनके मध्य में ताजमहल का रंग-बिरंगा गुम्बद है। अनेक लुटेरों, आक्रमणकारियों ने गम्बट में जडित रत्नों को निकाल लिया है। अब उनके स्थान पर रंग-रंग के काँच जड़े गा। गम्बद के नीचे मुमताज और शाहजहाँ की बनबटी समाधियाँ हैं। उनकी वास्तविक समाधि तहखाने में है।

विशेषताएँ

ताजमहल की अनेक विशेषताएँ हैं। इसमें ऐसे पत्थरों का प्रयोग हआ है जो चाँदनी रात में अधिक शोभाशाली हो जाते हैं। अगर उपमा दी जाए तो हम कह सकते हैं कि यहाँ अलकापुरी उतर आई है। यमुना के नीले जल पर पड़नेवाली ताज की छवि दर्शकों को सम्मोहित करती है। जैसा कहा गया है कि ताजं भारतीय सामुदायिक कला का नमूना है। विदेश के कलाप्रेमी पर्यटक ताजमहल की शोभा को देखकर आश्चर्यचकित होते हैं। अनेक कवियों, सहित्यकारों और कलाप्रेमियों ने ताजमहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की है।

उपसंहार

ताजमहल एक शाहंशाह के प्रेम की अमर कृति है। कहा जाता है कि जिस समय भारत के अनेक अंचलों में अकाल पड़ा हुआ था, ताज महल पर रुपये व्यय किये जा रहे थे। यह दीगर बात है कि शाहजहाँ एक कलाप्रेमी व्यक्ति था किन्तु शाहजहाँ से अधिक महत्व उन कलाकारों का है जिन्होंने इसके निर्माण में अपनी प्रतिभा और परिश्रम को समर्पित किया। ताजमहल कलाकारों, शिल्पियों एवं श्रमिकों की प्रतिभा एवं परिश्रम का परिणाम है। ऐसे कलाकार, शिल्पी एवं श्रमिक धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने इस महान और अत्यन्त सौन्दर्यशाली भवन का निर्माण किया। यह भवन भारत की शिल्प और स्थापत्य कला का उन्नत उदाहरण है।

 

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