भारत के राष्ट्रीय ध्वज़ पर निबंध- Indian National Flag Essay in Hindi

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Rashtriya Dhwaj Par Nibandh ( Indian National Flag Essay in Hindi ) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words and 500 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.

In this article, we are providing information about Indian National Flag in Hindi. भारत के राष्ट्रीय ध्वज़ पर पूरी जानकारी जैसे की परिचय, ध्वज का प्रयोग अदि के बारे बताया गया है। 

भारत के राष्ट्रीय ध्वज़ पर निबंध- Indian National Flag Essay in Hindi

 

( Essay-1 ) 10 Lines Essay on Our National Flag in Hindi

1. राष्ट्रीय ध्वज किसी भी राष्ट्र की स्वतंत्रता तथा सत्ता का प्रतीक होता है।

2. भारत वर्ष का राष्ट्रीय झण्डा तीन रंगों से बना है।

3. सबसे ऊपर केसरिया रंग रहता है मध्य में सफेद रंग और नीये हरा रंग।

4. केसरिया रंग हमारे साहस का, श्वेत रंग हमारी शान्ति प्रियता का तथा हरा रंग हमारी हरी भरी धरती का प्रतीक है।

5. सफेद रंग के बीच में अशोक चक्र बना है।

6. राष्ट्रीय झण्डे को राष्ट्रीय पर्वों पर फहराया जाता है।

7. झण्डा फहराते समय यह देखना चाहिए कि वह पूरा ऊपर हो गया है।

8. सरकारी भवनों एवं कार्यालयों पर यह सदैव फहराता रहता है।

9. तिरंगा ही भारत देश की आत्मा है।

10. देश के सभी लोगों को तिरंगे का सम्मान करना चाहिये।

जरूर पढ़े- 10 sentences about Indian National Flag in Hindi

 

( Essay-2 ) Indian National Flag Essay in Hindi 200 words

किसी देश का राष्ट्रीय झण्डा उस देश के गौरव का प्रतीक होता है। देशभक्त लोग अपने झण्डे की मानमर्यादा की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दे देते हैं। वे मर जाते हैं पर झण्डे को झुकने नहीं देते। किसी भी देश के झण्डे में उसके प्राचीन गौरव की झलक होती है। भारत वर्ष का राष्ट्रीय झण्डा तीन रंगों से बना है। ये रंग हैं- केसरिया, सफेद, हरा।

सबसे ऊपर केसरिया रंग रहता है मध्य में सफेद रंग और नीये हरा रंग। सफेद रंग के बीच में अशोक चक्र बना होता है।

हमारे झण्डे के रंग भी हमारी परम्परा के प्रतीक हैं। केसरिया रंग हमारे साहस का, श्वेत रंग हमारी शान्ति प्रियता का तथा हरा रंग हमारी हरी भरी धरती का प्रतीक है। मध्य में बना अशोक चक्र प्रकट करता है कि चक्र की भाँति हम भारत वासी सदा आगे बढ़ते रहेंगे।

राष्ट्रीय झण्डे को राष्ट्रीय पर्यों पर फहराया जाता है। उसे सावधानी से ऊपर चढ़ाना चाहिए कि केसरिया रंग ऊपर और हरा रंग नीचे रहे। उसका सम्मान सलामी देकर तथा राष्ट्रगीत गाकर किया जाए।

झण्डे का दुरुपयोग न हो। उससे कोई अन्य काम न लिया जाय। झण्डे को सूर्यास्त होते होते उतार लिया जाए। उसे उचित ढंग से लेकर तह करके रखा जाए। किसी भी दशा में उसे भूमि पर न गिरने दिया जाय । झण्डा फहराते समय यह देखना चाहिए कि वह पूरा ऊपर हो गया है।

( Essay-3 ) Rashtriya Dhwaj Par Nibandh ( 250 Words )

भारतवर्ष का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है। यह हमारी एकता- अखण्डता, गौरव और शान का प्रतीक है। इसे भारतवर्ष में किसी भी महत्त्वपूर्ण भवन, स्थान और अवसर पर शान से लहराता हुआ देखा जा सकता है। 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ और यह ध्वज हमारी राष्ट्रीयता की पहचान बन गया। इसके सम्मान और गौरव के लिए प्रत्येक भारतीय सदैव बलिदान देने के लिए तैयार रहता है।

प्रत्येक राष्ट्र का अपना एक ध्वज होता है। हमारा ध्वज तीन रंगों वाला है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी दिल्ली में लालकिले पर इसे हमारे प्रधानमंत्री के द्वारा फहराया जाता है। गणतंत्र दिवस पर इंडिया गेट के पास राष्ट्रपति इसे बड़ी श्रद्धा और सम्मान से फहराते हैं तथा सलामी देते हैं।

हमारे राष्ट्रीय ध्वज में सबसे ऊपर केसरिया रंग है। यह हमारी वीरता और शौर्य का प्रतीक है। बीच में श्वेत रंग है। यह हमारी पवित्रता, शांतिप्रियता और अहिंसा को दर्शाता है। नीचे जो गहरा हरा रंग है वह समृद्धि व सम्पन्नता को दिखाता है क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है। तीनों रंगों की पट्टियाँ समान आकार की होती हैं। बीच में भव्य अशोक चक्र है। इसमें 24 आरा (लाइनें ) हैं। यह चक्र गहरे नीले रंग का है। यह चक्र अशोक के लायन केपिटल से लिया गया है। यह चक्र हमारी प्रगति, गतिशीलता और सक्रियता को दर्शाता है। हमें अपने ध्वज पर बड़ा गर्व है। हम इसके सामने सदैव नतमस्तक रहते हैं। किसी को भी इसका अपमान नहीं करने दिया जाता है। जब भी तिरंगा फहराया जाता है, हम सावधान की मुद्रा में आकर इसके प्रति अपना सम्मान प्रकट करते हैं।

 

( Essay-4 ) Indian National Flag Essay in Hindi ( 250 to 300 words )

राष्ट्रीय ध्वज किसी भी राष्ट्र की स्वतंत्रता तथा सत्ता का प्रतीक होता है। सभी देशों का अपना अलग राष्ट्रीय ध्वज होता है। भारत का भी अपना राष्ट्रीय ध्वज है। इसे तिरंगा कहा जाता है। इसमें तीन रंग की पट्टियाँ हैं केसरिया, सफेद तथा हरी। इन पट्टियों के अपने सांकेतिक अर्थ भी हैं। जैसे केसरिया पट्टी त्याग की निशानी है। सफेद पट्टी शुद्धता तथा हरी पट्टी उन्नति तथा खुशहाली की प्रतीक है। झण्डे के मध्य में एक चक्र भी है। इसे अशोक चक्र कहते हैं। इस चक्र में चौबीस तीलियाँ होती हैं। यह चक्र प्रगति का प्रतीक है। इस प्रकार लहराता हुआ तिरंगा हमें शुद्धता, खुशहाली, त्याग, बलिदान तथा शान्ति का सन्देश देता है। यह हमारे देश के गौरव का प्रतीक है। यह देश की जनता का प्रतिनिधित्व करता है।

तिरंगा झण्डा हमें आजादी के संघर्ष की याद दिलाता है। ब्रिटिश सरकार के झण्डे ‘यूनियन जैक’ को हटाकर तिरंगा फहराने के लिये सैकड़ों देशभक्तों ने अपनी जानें दे दी। आजादी से पूर्व इस तिरंगे का स्वरूप थोड़ा बदला हुआ था। आजादी मिलने के बाद भारतीय नेताओं ने इसको इस रंग में बदला तथा राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार किया। तिरंगा झण्डा हमारी शान का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि देश की शान के लिये हमें त्याग तथा बलिदान के लिये सदैव तैयार रहना चाहिये। स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री जब तिरंगा फहराते हैं तो मन में देशप्रेम की लहर दौड़ जाती है। उसी प्रकार जब गणतंत्र दिवस पर देश के राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं तो मन को अत्यंत शान्ति मिलती है।

तिरंगा ही भारत देश की आत्मा है। तिरंगा झण्डा जिला मुख्यालयों, अदालतों पर लहराता हुआ देखा जा सकता है। देश के सभी लोगों को तिरंगे का सम्मान करना चाहिये।

Rashtriya Dhwaj Par Nibandh

national flag lines essay

 

( Essay-5 ) Essay on National Flag in Hindi ( 700 words )

प्रस्तावना

प्रत्येक राष्ट्र की अपनी राष्ट्र भाषा और राष्ट्रीयध्वज होता है जो उस देश की अस्मिता का प्रतीक होता है। उनके माध्यम से ही किसी राष्ट्र की पहचान होती । है। राष्ट्रीय ध्वज की रक्षा के लिए उस देश का हर नागरिक अपने प्राणों की बलि देने के लिए सदैव प्रस्तुत रहता है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज की रक्षा के लिए देश का हर नागरिक अपने प्राणों की बलि देने के लिए सदैव प्रस्तुत रहता है। हमारा राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ है जो हमारी राष्ट्रीय मर्यादा का प्रतीक है।

परिचय

भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है अर्थात उसमें तीन रंग हैंकेसरिया, सफेद और हरा। इसके मध्य में अशोक चक्र बना हुआ है। इसकी आकृति आयताकार है। इस ध्वज के प्रत्येक रंग का अलग-अलग अर्थ है। केसरिया रंग हमारे त्याग का प्रतीक है, श्वेत रंग सत्य और पावनता का उपदेश देता है तथा हरा रंग हमारी हरी-भरी धरती के प्रति प्रेम का संदेश देता है। अशोक चक्र में चौबीस रेखाएँ है जो 24 घंटे की प्रतीक हैं। चक्र प्रगति और आगे बढ़ने का संदेश देता है। इसका तात्पर्य यह है कि हमें दिन-रात कर्म करते हुए आगे बढ़ने की चेष्टा करनी चाहिए।

विश्व के प्रत्येक देश में राष्ट्रीय झण्डा का महत्व रहा है। हमारे देश में प्राचीन काल से राष्ट्र ध्वज के महत्व को स्वीकारा गया था। महाकाव्य युग में झंडे का प्रयोग किया गया था। देश के हर राजा तथा उसके राज्य का अपना झंडा होता था। उन झंडों पर अनेक प्रकार के चित्र अंकित होते थे। किसी पर किसी देवी-देवता पर तो किसी पर पशु-पक्षियों या अन्य पदार्थों के चिन्ह बने होते थे। उदाहरण के लिए भगवान रामचन्द्र के ध्वज पर सूर्य का, राजा जनक के झंडे पर हल तथा पाण्डवों के पताके पर हनुमान जी का चित्र अंकित था। आधुनिक काल में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (सन् 1857) के विद्रोहियों के झंडे का रंग हरा था। सर्वप्रथम भारतीय ध्वज को कोमा नामक महिला ने तिरंगा रूप दिया। कुछ साधारण परिवर्तन के बाद राष्ट्रीय आन्दोलन में इसी झंडे को स्वीकार किया गया। उस समय लाल, सफेद और हरे रंगों की पटियों के बीच चरखे का चिन्ह अंकित रहता था। स्वतंत्रता के बाद इसमें सामान्य परिवर्तन किया गया। लाल रंग के स्थान पर केसरिया रंग और चरखे की जगह अशोक चक्र अंकित किया गया। आज हमारे देश का यही ध्वज राष्ट्रीय ध्वज है।

राष्ट्रीय ध्वज फहराने के कुछ निश्चित नियम हैं जिनका पालन करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। साधारण जनता इस ध्वज को स्वाधीनता दिवस, गणतंत्र दिवस तथा अन्य राष्ट्रीय दिवसों के अवसर पर ही इस झण्डे को फहरा सकती है। सरकारी भवनों एवं कार्यालयों पर यह सदैव फहराता रहता है। अन्य व्यक्तिगत जगहों पर इसका सदा फहराना वर्जित है। आम जनता विशेष राष्ट्रीय दिवसों पर कहीं भी प्रात:काल फहराकर सायंकाल उतार देती हैं। राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि केसरिया रंग ऊपर रहे। नासमझी में अक्सर लोग इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं।

निष्कर्ष

राष्ट्रीय ध्वज किसी भी देश की मान-मर्यादा का प्रतीक होता है जिसके गौरव की रक्षा करना उस देश के प्रो. नागरिक का कर्त्तव्य है। भारत के हर नागरिक का कर्तव्य और दायित्व है कि वह अपने राष्ट्रीय ध्वज की शान-बान और आन की रक्षा के लिए सदैव प्रस्तुत रहे। स्वाभिमान नागरिक अपने राष्ट्रीय ध्वज की मर्यादा की रक्षा के लिए अपने प्राण दे सकता है। इस ध्वज की मान रक्षा के लिए अनेक देश-भक्तों ने अपने प्राणों की आहुति दी। यह ध्वज हमें उन बलिदानियों और शहीदों की याद दिलाता है जिन्होंने इसकी प्रतिष्ठा के लिए अपने प्राणों की बलि दी। हर नागरिक उन शहीदों की स्मृति में अपना शोश झुकाता है। इस झंडे के माध्यम से हममें अपूर्व साहस, बलिदान एवं त्याग की भावना पैदा होती है। हमारा राष्ट्रीय ध्वज हमारी मर्यादा, स्वाभिमान, त्याग और तप का प्रतीक है। किसी कवि ने ठीक ही कहा है- ‘झंडे की शान न जाने पाये चाहे प्राण भले ही जाएं।

हमें इस भावना को याद रखना है और राष्ट्रीय झण्डे की मान-मर्यादा हर मूल्य पर रखने को प्रस्तुत रहना है। जिस भी देश के नागरिकों ने अपने देश के राष्ट्रीय ध्वज के महत्व को नहीं स्वीकारा, उस देश की स्वतंत्रता की रक्षा खतरे में पड़ी।

 

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