कुत्ते की आत्मकथा निबंध हिंदी में- Kutte Ki Atmakatha Essay in Hindi

In this article, we are providing an Essay on Kutte Ki Atmakatha in Hindi कुत्ते की आत्मकथा निबंध हिंदी | Nibandh in 200, 300, 500, 600, 800 words For Students. Kutte Ki Atmakatha Hindi Nibandh

कुत्ते की आत्मकथा निबंध हिंदी में- Kutte Ki Atmakatha Essay in Hindi

प्रस्तावना- कुत्ता, एक अजीब ही नाम है न, जैसे सबके नाम होते हैं वैसे ही नाम है एक कुत्ते का, लेकिन जाने किसने कुत्ते के नाम को गाली में परिवर्तित कर दिया। लोगो ने कुत्ता शब्द का गलत मतलब बना दिया। एक कुत्ता जो बहुत वफादार होता है अगर वह अपनी आत्मकथा बयान करेगा तो कैसे करेगा यही इस निबंध कुत्ते की आत्मकथा के द्वारा बताया गया है।

मैं कुत्ता हूँ, जैसे तुम सब का नाम इंसान है ठीक वैसे ही मेरा नाम कुत्ता है, मुझे भी भगवान ने बनाया है और जीवन जीने के लिए मुझे भी उसी धरती पर भेजा है, जिस धरती पर आप सब इंसानों को भेजा है। मेरा भी नदियों, पहाड़ो और मैदानों पर उतना ही अधिकार है जितना कि तुम्हारा है।

भगवान ने मुझे चार पैर और एक मुहँ दिया है, मुझे कपड़े बनाने का दिमाग नही दिया, लेकिन भगवान ने मुझे प्राकृतिक कपड़े के रूप में बाल दिए हैं, जिन्हें मैं अपने शरीर पर ओढे रहता हूँ। मुझे भगवान ने सिर्फ उतना ही दिमाग दिया है जितने से मैं अपना पेट पाल सकूँ, उतना नही जिससे मैं किसी का पेट काट सकूँ।

मैंने कुछ अविष्कार नही किए, मैंने हथियार नहीं बनाए तो मैंने युद्ध भी नहीं किए। मैंने उतना ही खाया जितने से मैं जिंदा रह सकू, मेरी कोई ख्वाहिश नहीं है। मेरा पसंदीदा भोजन हड्डी है, जिसे मैं चाटता रहता हूँ।

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मैं बहुत वफादार हूँ, क्योंकि छल, कपट तो इंसानों द्वारा किए जाते हैं। मुझे प्रकृति ने जैसा बनाया है, मैं आज भी बिल्कुल वैसा ही हूँ। प्रकृति ने मुझे आत्मरक्षा के लिए हाथ नहीं दिए लेकिन उसकी जगह पर दांत दिए हैं। जिससे मैं संकट के समय किसी पर भी हमला कर अपनी आत्मरक्षा कर सकता हु।

मेरे काटने से लोगों को रेबीज नामक भयंकर बीमारी हो जाती है, जिसके बाद उन्हें कई इंजेक्शन लगते हैं, कई बार मेरे काटने से लोगों की मृत्यु भी हो जाती है, इसलिए जब कोई मुझे बहुत परेशान करता है, मैं तब ही उसे काटता हूँ अन्यथा नहीं कटता हु।

मेरी सूंघने की क्षमता बहुत अधिक है, मैं किसी भी वस्तु को सूंघ कर खोज सकता हूँ, इसलिए लोग मुझे खोजी कुत्ता भी बुलाते हैं। दुनियाभर की आर्मी मुझे संदिग्धों को खोजने के लिए इस्तेमाल करती है। जहां मुझे एक सिपाही की तरह इज्जत भी दी जाती है और उम्र पूरी होने पर मुझे रिटायर भी किया जाता है।

मैंने बॉलीवुड की कई फिल्मों में नायक का किरदार निभाया है, और काफी फिल्मों में मेरे नाम को इस्तेमाल किया जाता है। फिल्मों में मेरे नाम से आज भी कई डायलॉग मशहूर हैं।

मैं बड़े-बड़े लोगों के घर पर पाला जाता हूँ, जहां मुझे लोग बहुत प्यार करते हैं, मैं भी शरारतें करके उनका मनोरंजन करता रहता हूँ। मैं कई सर्कसों में काम करता हूँ, जहां मैं अपने मालिक के कहने पर नाच-कूद करता रहता हूँ।

मैं लोगों के घरों की चौकीदारी भी पूरी वफादारी से करता हूं, लोग मुझ पर भरोसा करके आराम से सो जाते हैं और मैं किसी अनजान शख्स की आहट से भौंककर अपने मालिक को जगा देता हूँ। मेरे चौकन्ना रहने के गुण की लोग बहुत तारीफ करते हैं, मंत्रों में भी ” स्वान निद्रा “अर्थात कुत्ते जैसी नींद इस्तेमाल कर मेरी तारीफ की गई है। लोग मेरे कई नाम रखते हैं जैसे – राजा, टॉमी, रानी, टाइगर, शेरा, वीरू आदि।

मैं लोगों के दरबाजे पर जाकर खड़ा हो जाता हूँ, जहां बहुत से लोग मुझे दुत्कार कर भगा भी देते है, कई लोग तो मुझे पत्थर या डंडे से भी मारते हैं। कुछ लोग ही मुझे खाना देते हैं। मैं कभी लालच नही करता, मुझे जितना खाना मिल जाता है, मैं चुपचाप उतने में ही अपना गुजारा कर लेता हूँ।

उपसंहार- कुत्ता बहुत ही वफादार जानवर होता है जो संकट के समय हमेशा काम आता है, लोगों को उसके खाने का भी ध्यान रखना चाहिए, उसे कभी भी मारना नहीं चाहिए क्योंकि कुत्ते को भी वैसे ही दर्द होता जैसा कि इंसान को होता है।

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दोस्तों इस लेख के ऊपर Kutte Ki Atmakatha (कुत्ते की आत्मकथा) आपके क्या विचार है और क्या आप भी कोई कुत्ते को पालते है? हमें नीचे comment करके जरूर बताइए।

‘कुत्ते की आत्मकथा’ ये हिंदी निबंध class 4,5,7,6,8,9,10,11 and 12 के बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है। यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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