प्यासा कौआ की कहानी- The Thirsty Crow Story In Hindi

In this article, we are providing The Thirsty Crow Story In Hindi | Pyasa Kauwa Short Story in Hindi in 100, 150, and 250 words for Students of classes 1,2,3,4,5,6,7,8

प्यासा कौआ की कहानी- The Thirsty Crow Story In Hindi

 

Pyasa Kauwa Kahani for kids ( प्यासा कौआ की कहानी )

Story of Thirsty Crow in Hindi for kids– जून का महीना था। दोपहर का समय था। बहुत गर्मी थी। एक पेड़ पर एक कौवा बैठा था। उसे पानी की बहुत प्यास लगी। पानी की खोज में वह इधर-उधर उड़ा। किन्तु उसे समीप कहीं भी पानी न मिला। उड़ता-उड़ता वह एक बाग में पहुंचा। बाग में उसने एक घड़ा देखा। वह उस घड़े पर बैठ गया। घड़े में थोड़ा पानी था। उसकी चोंच पानी तक न पहुँच सकी। वह पानी पीने के उपाय सोचने लगा।

बुद्धिमान कौवे ने पानी तक पहुँचने के लिए एक उपाय सोचा। उसने घड़े के पास पड़े कंकड़ों को उठा-उठा कर पानी में डालना शुरू किया। तुरन्त पानी ऊपर आ गया। अब उसकी चोंच पानी तक पहुँच सकती थी। कौवे ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई और उड़ गया।

शिक्षा ( Moral of Thirsty Crow Story in Hindi )

जहाँ चाह, वहाँ राह।

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A Thirsty Crow Story in Hindi ( प्यासा कौआ की कहानी )

Pyasa Kauwa Ki Kahani Hindi Mein– गरमी का मौसम था । तेज लू चल रही थी । पशु पक्षी सभी गर्मी से परेशान थे । पशु पक्षी गरमी से छुटकारा पाने के लिए अपने-अपने स्थानों पर आराम कर रहे थे। ऐसी तेज गरमी में एक कौआ प्यास के मारे परेशान था । वह पानी की तलाश में इधर उधर उड़ रहा था। वह उड़ता उड़ता एक वन में पहुँचा । वहाँ उसने एक नीम के पेड़ के नीचे एक घड़ा रखा देखा। उस घडे को देखकर कौए को बहुत खुशी हुई। उसने घड़े में झाँक कर देखा। घड़े में पानी बहुत कम था। उस पानी तक कौए की चोंच नहीं पहुँच सकती थी। घड़े का मुँह छोटा था। इसलिए कौआ उसमें जाकर बाहर नहीं आ सकता था। यह देखकर वह परेशान था। परंतु उसने हिम्मत नहीं हारी ।

कौए ने इधर-उधर नजर घुमाई तो उसे दूर परे तक कुछ कंकड़ पड़े दिखाई दिए। उसकी बात समझ में बात आ गई। उसने चोंच में एक-एक कंकड़ उठाकर घड़े में डालने शुरू कर दिए। कौआ जैसे-जैसे कंकड़ घड़े में डालता गया, वैसे-वैसे पानी ऊपर उठता गया। धीरे धीरे कौए की इस सूझ से पानी घड़े के मुँह तक आ गया। अब कौ की चोंच आसानी से पानी तक पहुँच सकती थी। फिर कौए ने पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई। उसे अपनी मेहनत का फल मिल गया। उसने ईश्वर का धन्यवाद किया और उड़ गया और जाकर अपने घोसलें में आराम करने लगा ।

शिक्षा ( Moral of thirsty crow in hindi )
1. मेहनत का फल मीठा होता है।
2. आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है ।

 

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