मेरा जन्मदिन पर निबंध- My Birthday Essay in Hindi

In this article, we are providing My Birthday Essay in Hindi. मेरा जन्मदिन पर निबंध | Nibandh in 200, 250, 300, 500 words For Students. Janamdin par Hindi Nibandh.

दोस्तों आज हमने Mera Janamdin Essay in Hindi लिखा है जन्मदिन पर लेख। निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

मेरा जन्मदिन पर निबंध- My Birthday Essay in Hindi

 

Essay on My Birthday in Hindi for kids

Mere Janamdin Par Nibandh in 200 words

मेरा जन्मदिन 10 अप्रैल को है। यह एक विशेष दिन है। कुछ दिन पहले ही दोपहर विद्यालय से आने के बाद मैंने दीदी की मदद से छोटे-छोटे निमंत्रण पत्र बनाए। अपने दोस्तों को जन्मदिन के उत्सव के लिए आमंत्रित किया । जन्मदिन की सुबह माँ और पिताजी ने मुझे प्यार से जगाया। मेरी दीदी ने मुझे जन्मदिन की बधाई दी। माँ मझे मंदिर ले गयीं।

मंदिर से लौटने पर दीदी ने मुझे अपने हाथों का बना एक बधाई पत्र दिया। माँ पिताजी ने भी मुझे जन्मदिन का उपहार दिया। यह नीम का एक पौधा था। इस उपहार को पाकर मैं दंग रह गया। इसे मैंने घर के सामनेवाले बाग में लगाया।

इसके बाद मैं विद्यालय चला गया। वहाँ मैंने मित्रों और शिक्षकों में चॉकलेट बाँटे। उन्होंने मुझे बधाई दी।

शाम को दीदी और मैंने बाहरवाले कमरे को गुब्बारों और रंगीन झालरों से सजाया। माँ ने समोसे और मिठाईयाँ बनाई थी। पिताजी आईस-क्रीम, पिज्जा और केक लेकर आए।

मेरे मित्र आए। पूरा घर हँसी, मजाक और खुशीयों से भर गया। सब ने जी भर कर समोसे, मिठाईयाँ, पिज्जा, केक और आईस-क्रीम खायी। इसके बाद संगीत की धुन पर हम सबने जी भर कर नृत्य किया।

मेरे मित्र मेरे लिए तरह-तरह के उपहार लाए थे। मैं खुशी से फूला नहीं समा रहा था। माँ ने भी मेरे मित्रों को जाते समय एक-एक पुस्तक उपहार में दिया। मेरे मित्र भी प्रसन्न हो उठे।

 

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मेरा जन्मदिन पर निबंध in 250 words

हम चार बहिन-भाई हैं। मेरी तीन बहिनें हैं। वे सभी मुझ से बड़ी हैं। तीन बहिनों के बाद मेरा जन्म हुआ। अत: मैं घर में सबसे छोटा और लाड़ला हूँ। मेरे माता-पिता वैसे मुझ में और मेरी बहिनों में कोई भेद-भाव नहीं रखते। सबको समान रूप से प्यार करते हैं।

मेरा जन्म मार्च महीने की 10 तारीख को हुआ था। यही मेरा जन्म दिन है। इसी दिन हर वर्ष मेरा जन्मदिन मनाया जाता है। घर में बड़ी चहल-पहल और प्रसन्नता का वातावरण रहता है। एक दिन पहले से ही तैयारियां शुरु हो जाती हैं। निमंत्रण पत्र भेजे जाते हैं और निकट के लोग तथा मित्रगण कार्यक्रम में भाग लेते हैं।

मेरे जन्मदिन पर मुझे और मेरे माता-पिता को बधाइयाँ मिलती हैं। लोग मेरे दीघार्यु होने की कामना करते हैं। मेरे मित्रगण पार्टी में भाग लेने आते हैं साथ में सुन्दर-सुन्दर उपहार और कार्ड्स लाते हैं। जो नहीं आ पाते वे अपनी शुभकामना संदेश देते हैं।

केक काटने और मोमबत्तियां बुझाने के समय तालियों से घर गूंज उठता है। फिर सब लोग पहले केक खाते हैं और फिर दूसरे पकवान आदि। ठंडे पेय भी मुक्त रूप से पिये जाते हैं। जो चाय पीना चाहें उन्हें चाय दी जाती है। मेरे पिता मुझे बहुत अच्छा उपहार तो देते ही हैं, साथ ही बहुत-सारा नकद भी देते हैं। इसे मैं अपने बैंक खाते में जमा करा देता हूँ। मेरी तीनों बहिनों के लिये तो यह खुशी का एक विशेष दिन होता है। कई बार में सोचता हूँ कि बर्थडे वर्ष में एक बार ही क्यों आता है।

 

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Mera Janamdin Essay in Hindi ( 300 words )

मेरा नाम राहुल देव है। मेरा जन्मदिन 20 जुलाई को आता है। मेरे माता पिता मेरा जन्मदिन अवश्य मनाते हैं। इस बार मेरे कक्षा में प्रथम आने की खुशी में पिताजी ने इस उत्सव को और अधिक उल्लास के साथ मनाने का फैसला किया था। मेरे मित्रों के अलावा पड़ोस के लोग तथा हमारे अपने रिश्तेदार इस उत्सव में आमंत्रित थे।

उत्सव का समय सभी की सुविधानुसार साँय 7 बजे रखा गया। सामने के पार्क में व्यवस्था कर दी गई। पार्क में कनातें लगवाई गयीं, कुर्सियों की व्यवस्था की गई। गर्मी को देखते हुये पापा ने ठंडे पानी की विशेष व्यवस्था की थी। 20 जुलाई को सही समय पर लोग आ गये थे। सभी लोग नये-नये कपड़ों में आये थे तथा उत्सव की शोभा बढ़ा रहे थे। सही समय पर पूजा पाठ के साथ मेरे जन्मदिवस की पार्टी आरम्भ हो गई थी। सभी लोग पूजा पाठ में सम्मिलित हुये। पंडित जी ने मुझे एक सफल विद्यार्थी तथा नेक मनुष्य बनने का आशीर्वाद दिया। मम्मी पापा ने मुझे नई साईकिल का उपहार दिया तथा मुझसे भविष्य में और अधिक परिश्रमी तथा अनुशासित छात्र बनने का वचन लिया। मेरे सभी दोस्तों तथा रिश्तेदारों ने मुझे जन्मदिवस की मुबारकबाद दी। पापा ने पहले तोहफे-उपहार लाने की औपचारिकता करने से लोगों को मना कर दिया था, अतः सबने मुझे आशीर्वाद दिया।

इसके बाद मैंने निर्धन विद्यार्थियों को पुस्तकें तथा पैन बाँटे। फिर मैंने केक काटा। उसके बाद सभी खाने-पीने के पंडाल की ओर चले गये। कोल्ड ड्रिंक तथा आइसक्रीम के स्टालों पर विशेष भीड़ थी। खाने-पीने के बाद मेरे दो दोस्तों ने कविताएँ सुनाई। एक दोस्त ने बहुत सारे चुटकुले सुनाकर सबको खूब हँसाया। मेरे कुछ दोस्तों ने डांस करके भी दिखाया। पार्टी का यह कार्यक्रम नौ बजे तक चला। पार्टी में मेरे पिताजी अपने मित्रों के साथ बातें करते रहे। फिर धीरे-धीरे सब लोग अपने घरों को लौटे। इस प्रकार मैंने इस जन्म दिन पार्टी का खूब आनन्द उठाया तथा सबका आशीर्वाद प्राप्त किया।

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इस लेख के माध्यम से हमने Mera Janamdin Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

जन्मदिन पर निबंध।

मेरा जन्मदिन इन हिंदी।

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