मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend Essay in Hindi

In this article, we are providing My Best Friend Essay in Hindi | Mera Priya Mitra Par Nibandh, मेरा प्रिय मित्र पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों हमने Mera Priya Mitra Nibandh | Essay on My Best Friend in Hindi लिखा है मेरा प्रिय मित्र पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है। 5 simple Essay on My Best Friend in Hindi language.

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend Essay in Hindi

 

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend Essay in Hindi 10 lines ( 100 words )

1. राहुल मेरा प्रिय मित्र है।

2. हम पहली कक्षा से साथ-साथ पढ़ते आए हैं। तभी से हमारी अच्छी मित्रता हो गई है।

3. राहुल बहुत अच्छा लड़का है। वह सभी से प्रेम और आदर से बात करता है।

4. हमारी भी आपस में कभी लड़ाई नहीं हुई।

5. राहुल पढ़ाई में चुस्त और अध्यापकों का भी प्रिय है। वह खेल-कूद में भी आगे रहता है।

6. राहुल सदा अपनी चीजें मुझसे बाँटता है और पढ़ाई में मेरी सहायता करता है।

7. राहुल के साथ रहकर मैंने भी खेल-कूद का महत्त्व समझ लिया है।

8. हम पाठशाला के बाद नियमित रूप से घुड़सवारी के लिए जाते हैं।

9. मेरे माता-पिता भी राहुल को बहुत पसंद करते हैं।

10. पिता जी कहते हैं कि अच्छी संगति से ही हम आगे बढ़ सकते हैं।

 

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- Mera Priya Mitra Nibandh | Essay ( 120 words )

मेरे कई मित्र हैं। पर मेरा प्रिय मित्र रोहन है। उसके प्यार का नाम टिंकू है।

रोहन मेरी ही उम्र का है। हम एक ही कक्षा में पढ़ते हैं। वह पढ़ाई लिखाई में बहुत होशियार है। गणित पढ़ने में वह मेरी मदद करता है। मैं उसे चित्रकारी सीखाता हूँ |

हम सदा साथ खेलते, पढ़ते और चित्रकारी करते हैं। हममें कभी लड़ाई भी हो जाती है| रोहन ही सदा सुलह करता है। वह बहुत नम्र है। बाद में मैं अपनी गलती की माफी माँगता हूँ|

रोहन बहुत अच्छा लड़का है। वह सदा बड़ों का आदर करता है। सभी उसे चाहते हैं।

मैं चाहता हूँ रोहन सदा मेरे साथ रहे। हम सदा अच्छे मित्र रहें।

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend Essay in Hindi ( 200 words )

अच्छा मित्र एक दुर्लभ वस्तु है। आज के युग में जहाँ स्वार्थ ही सब कुछ है, अच्छा मित्र पाना एक वरदान जैसा ही है। इस मामले में मैं बड़ा भाग्यशाली हूँ। मेरे तीन-चार मित्र हैं, परन्तु मेरा प्रिय मित्र विकास है। वह मूल रूप से कानपूर का रहने वाला है। पर अब वह पिछले कई वर्षों से दिल्ली में ही रह रहा है। उसके पिता एक ऊँचे पद पर सरकारी कर्मचारी हैं। माँ एक कुशल गृहणी हैं।

विकास और मैं एक ही कक्षा में पढ़ते हैं और कक्षा में पास-पास ही डेस्कों पर बैठते हैं। वह रोहिणी में रहता है और मैं पीतमपुरा में। अतः एक-दूसरे से ज्यादा दूर नहीं रहते। इसीलिए एक-दूसरे के घर आना-जाना तो लगा ही रहता है। उसके माता-पिता मुझे विकास जैसा ही प्यार करते हैं। मेरे माता-पिता का भी विकास पर अपार स्नेह है।

विकास एक होनहार छात्र है। कक्षा में हमेशा प्रथम आता है। उसकी स्मरण-शक्ति असाधारण है। लेकिन उसे तनिक भी घमण्ड नहीं है। पढ़ने-लिखने में वह मेरी सहायता करता है। उसको और मुझे दोनों को बागवानी का शौक़ है। हम दोनों इस विषय पर जब-तब बातचीत करते हैं और पेड़-पौधों की प्रदर्शनियाँ भी देखने जाते हैं। मेरे घर के पीछे एक अपना छोटा-सा उद्यान है। उसे सजाने-संवारने में हम दोनों मित्र अपना खाली समय लगाते हैं।

 

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend | Mera Priya Mitra Essay in Hindi ( 300 words )

मेरा नाम रोनित है। मैं कक्षा 8 का छात्र हूँ। यूँ तो मेरी कक्षा में बहुत से विद्यार्थी पढ़ते हैं। लेकिन इन सबमें मैं अमन को बहुत पसन्द करता हूँ। वह मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। वह एक होशियार तथा मेहनती छात्र है।

अमन छरहरे शरीर का सुन्दर लड़का है। वह अच्छे परिवार से सम्बन्ध रखता है। उसके पिता सरकारी डॉक्टर है। उसकी माता एक कॉलेज में अध्यापिका हैं। वह भी मुझसे अत्यन्त प्रेम करता है।

वह सदैव साफ स्कूल की पोशाक पहनकर विद्यालय आता है। वह विद्यालय नियमित आता है। वह पढ़ने में होशियार है। उसका सपना बड़े होकर इंजीनियर बनने का है। वह सदैव अपना गृहकार्य पूरा रखता है। वह मेरा गृहकार्य करने में भी मेरी सहायता करता है। जब मुझे कोई परेशानी होती है, तो वह सदैव मेरी सहायता करता है। एक सच्चे मित्र के सभी गुण उसमें मौजूद हैं।

वह विद्यालय में भी अनुशासन के साथ रहता है। वह अपने अध्यापकों की आज्ञा पालन करता है। वह उन्हें कभी किसी शिकायत का अवसर नहीं देता है। उसके सभी अध्यापक भी उसकी प्रशंसा करते हैं।

वह गरीब बच्चों की भी आर्थिक मदद करता है। वह एक धनी डॉक्टर का पुत्र है, किन्तु उसे अपने धनी होने का तनिक भी घमण्ड नहीं है। वह अपनी कक्षा के गरीब बच्चों की फीस, ड्रेस तथा किताबों का व्यवस्था भी अपने पिताजी से कहकर करवाता है।

वह अच्छे विचारों तथा उत्तम स्वभाव का लड़का है। वह अपना समय कभी बर्बाद नहीं करता है। वह विद्यालय के विभिन्न खेलों में भी भाग लेता है। वह विद्यालय की हॉकी टीम का सदस्य है। उसे महापुरुषों की जीवनियाँ पढ़ने तथा उनसे प्रेरणा प्राप्त करने का भी शौक है। वह रोज समाचार पत्र पढ़ता है। वह मुझे भी अधिक पढ़ने तथा समय बर्बाद न करने की प्रेरणा देता है। खाली समय में वह मेरे साथ खेलता है। वास्तव में अमन सच्चा मित्र है तथा ईश्वर की ओर से दिया गया एक वरदान है।

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- Long Essay on My Best Friend in Hindi ( 500 words )

प्रस्तावना

मनुष्य को उसके जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाएँ हमेशा परेशान करती रहती हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए उसे परस्पर सहयोग की आवश्यकता होती है। यह केवल मित्रता के द्वारा ही सम्भव है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य का कोई-न-कोई सच्चा मित्र होता है।

सच्चे मित्र की पहचान

जीवन में मित्र तो बहुत मिल जाते हैं किन्तु सच्चे मित्र का मिलना बहुत ही कठिन है। वास्तव में सच्चे मित्र की पहचान करना तो बहुत ही कठिन कार्य है। सच्चा मित्र तो वह होता है जो विपत्ति में साथ देता है। सच्चे मित्र के सम्मुख हम अपने मन की सभी बातें खोलकर रख सकते हैं। वह अपने मित्र को कुमार्ग से बचाकर सत्य मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। मित्र के अवगुणों पर पर्दा डालकर उन्हें दूर करने की कोशिश करता है और उसकी अच्छाइयों की प्रशंसा करता है।

मेरा प्रिय मित्र

सचिन ही मेरे सुख-दुःख का साथी है। वह मेरा प्रिय मित्र है। उसमें वे सभी गुण विद्यमान हैं जो एक सच्चे मित्र में होने चाहिएँ। वह मेरा पड़ोसी भी है और मेरे साथ ही कक्षा में पढ़ता है। उसकी आयु लगभग 16 वर्ष की है। वह नियमितता का पालन करने वाला है और मुझे भी नियमितता के लिए बाध्य करता है। वह अध्ययन के समय अध्ययन करता है और खेलने के समय खेलता है। वह अपने समय को व्यर्थ नष्ट नहीं करता है। अतः वह प्रत्येक कार्य समय पर करना पसन्द करता है। हमारा अधिकांश समय एक साथ ही व्यतीत होता है। पढ़ाई के विषय में हम दोनों के मध्य स्वस्थ स्पर्धा रहती है। हम दोनों परीक्षा में प्रायः एक-दो अंकों से आगे-पीछे रहते हैं। मेरे मित्र के अन्य गुण-मेरा मित्र सचिन गुणों की खान है। वह

अनुशासन-प्रिय बालक है। वह सदैव प्रातः काल सैर करने जाता है। वह सदैव अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता का ध्यान रखता है। वह समय पर पाठशाला जाता है तथा वहाँ मन लगाकर पढ़ता है। वह अपने अध्यापकों की बातों को ध्यान से सुनकर उस पर अमल करता है। इसलिए वह सदैव अपनी कक्षा में सर्वप्रथम रहता है। उसकी खेलों में भी रुचि है। वह प्रथम श्रेणी का खिलाड़ी है। इतना ‘ ही नहीं वह समाज सेवा में भी खूब भाग लेता है अर्थात् वह दीन-दुःखी व्यक्ति की समय पड़ने पर सहायता करता रहता है। उसके मधुर व्यवहार से पड़ोसी भी खुश रहते हैं। उसके अधरों पर सदैव मुस्कान बनी रहती है।

उपसंहार

आज इस स्वार्थपरता के युग में गौतम जैसा सच्चा मित्र मिलना सौभाग्य की बात है। वह हमेशा मुझे उन्नति के शिखर पर देखना चाहता है। वह सदैव मुझ पर तन, मन, धन न्यौछावर करने के लिए तत्पर रहता है। उसका मेरे प्रति अटूट प्रेम है। वह छल, कपट तथा स्वार्थ से सदैव दूर रहता है, इसीलिए प्रत्येक उसे अपना मित्र बनाने को तैयार रहता है। सचिन के इन गुणों के कारण उसके माता-पिता, विद्यालय व उसके साथियों को उस पर गर्व है। मेरी प्रभु से यही प्रार्थना है कि हमारी मैत्री जीवन-पर्यन्त बनी रहे ताकि विपत्ति के समय एक-दूसरे की सहायता कर सकें।

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इस लेख के माध्यम से हमने Mera Priya Mitra Par Nibandh | My Best Friend Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध पर निबंध हिंदी में Class 1 से 12 तक
My Best Friend essay in hindi for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10
My Best Friend per nibandh

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