Essay on Exercise in Hindi- व्यायाम पर निबंध हिंदी में

In this article, we are providing an Essay on Exercise in Hindi | Vyayam Par Nibandh व्यायाम पर निबंध | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों आज हमने Vyayam | Exercise Essay in Hindi लिखा है, व्यायाम पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

Essay on Exercise in Hindi- व्यायाम पर निबंध हिंदी में

 

( Essay-1 ) 10 Lines Essay on Exercise in Hindi

1. व्यायाम करना हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

2. यह हमें स्वस्थ और मजबूत रखने में मदद करता है।

3. व्यायाम करने से हमारी मानसिक चेतना भी बढ़ती है।

4. दौड़ना, स्किपिंग, योग, और खेलना व्यायाम के उदाहरण हैं।

5. यह हमारे खून को शुद्ध करता है और हमें रोगों से बचाता है।

6. व्यायाम करने से हमारी शरीर में ताजगी आती है और और उससे हमें और ऊर्जा मिलती है।

7. यह हमें मोटापे से बचाकर आकर्षक और स्वस्थ बनाता है।

8. व्यायाम करने से हमारी नींद भी अच्छी आती है और हमारा ध्यान बढ़ता है।

9. नियमित व्यायाम करने से हम तनाव को कम करते हैं और मनोवैज्ञानिक तनाव से राहत प्राप्त करते हैं।

10. व्यायाम का आनंद लेकर हम खुश और सकारात्मक जीवन जी सकते हैं।

 

( Essay- 2 ) Short Essay on Exercise in Hindi- व्यायाम पर निबंध (200 words)

‘पहला सुख नीरोगी काया’ इस उक्ति के अनुसार शरीर का नीरोग या स्वस्थ रहना ही सब से बड़ा सुख है। कारण, अस्वस्थ व्यक्ति न कोई काम कर सकता हैं और न सांसारिक सुखों को भोग सकता है।

व्यायाम का अर्थ है ( Meaning of Exercise in Hindi )

शरीर के अंगों का विकास। व्यायाम करने से शरीर के अंगों का ठीक प्रकार से विकास हो जाता है। व्यायाम से हाथ, पैर और शरीर के पुढे बलिष्ठ हो जाते हैं; शरीर स्फूर्ति-सम्पन्न तथा कर्मण बनता है। इससे पाचन क्रिया भी ठीक रहती है, भूख समय पर लगती है; शरीर में रक्त का निर्माण और रक्त-संचार ठीक प्रकार से होता है और काया पुष्ट होती है तथा मन भी प्रसन्न रहता है। नियमपूर्वक व्यायाम करने वाला कभी अस्वस्थ नहीं होता। व्यायाम के कई प्रकार हैं। जैसे- दण्ड-बैठक लगाना, मुग्दर चलाना, कुश्ती करना, जिमनास्टिक करना, दौड़ लगाना, घुड़ सवारी करना, गदका चलाना आदि। इसी प्रकार विभिन्न प्रकार के आसन और प्राणायाम करना भी श्रेष्ठ व्यायाम हैं। खेलों से भी शरीर का व्यायाम हो जाता है। मस्तिष्क से काम करने वाले व्यक्तियों के लिए घूमना, सूर्य नमस्कार आदि भी हल्के और उपयोगी व्यायाम हैं।

शरीर का प्रभाव मन पर भी पड़ता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है। अतः समय निकाल कर सबको व्यायाम अवश्य करना चाहिए।

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( Essay- 3 ) Hindi Essay on Exercise ( 250 words )

हमारे गुरुजन बताते हैं कि जिस प्रकार शरीर के लि भोजन व पानी आवश्यक है उसी प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने क लिए व्यायाम भी जरूरी है। व्यायाम के बिना मनुष्य का शरीर रोगी हो जाता है। इसलिए वह मन लगाकर कोई भी कार्य नहीं क सकता है।

आसनों का अभ्यास करना सबसे उत्तम व्यायाम बताया गया है बचपन में बालक हर प्रकार के आसन सरलता से कर लेता हैं। बड़े होने पर कई आसन हो ही नहीं सकते हैं। इसलिए अच्छे जानका व्यक्ति की देख-रेख में आसन बचपन से ही करने चाहिए।

खेल भी एक प्रकार का व्यायाम है। खेलों में उछल-कूद स् सभी अंग संचालित होते हैं। प्रायः बच्चों को खेल करने से व्यायाम के सारे लाभ मिल जाते हैं। इससे एक ओर शरीर में फुर्ती आती है तो दूसरी तरफ हार जीत के कारण मन में उत्सुकता बनी रहती है। खेल बच्चों के लिए सर्वोत्तम व्यायाम है।

व्यायाम करने से शरीर में स्फुर्ति व ताजगी बनी रहती है। जिस लड़के का शरीर स्वस्थ रहता है, उसका दिमाग भी स्वस्थ रहता है। बीमार व रोगी शरीर में रोगी दिमाग ही निवास करता है। व व्यायाम करने वाले लड़के का शरीर ही स्वस्थ नहीं बल्कि वह पढ़ा में भी निपुण होता है। इसलिए दिमाग व शरीर दोनों को स्वस्थ रखने के लिए हमें व्यायाम जरूर करना चाहिए।

 

( Essay- 4 ) Vyayam Par Nibandh -(कसरत) व्यायाम पर निबंध 300 words

कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन रहता है। जिस व्यक्ति का शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा होता है, उसका मानसिक स्वास्थ्य भी, अच्छा होता है। शारीरिक स्वास्थ्य केलिए व्यायाम जरूरी है। यह सब व्यक्तियों के लिए उपयोगी है। कुछ लोग व्यायाम को व्यर्थ समझते हैं। यह गलत विचार है।

व्यायाम के कई प्रकार हैं। हमारे ऋषि लोग प्राणायाम करते थे। प्राणायाम से अच्छा व्यायाम होता है। परन्तु साधारण लोग इसे मुश्किल मानते हैं। प्राणायाम के भी हजारों प्रकार हैं। आजकल शिक्षित लोग प्राणायाम की ओर आकृष्ट हो रहे हैं।

आसन डालना भी व्यायाम का एक विधान है। इसकी अनेक किस्में हैं । घर में ही लोग आसन डाल सकते हैं। प्राणायाम और आसनों में बहुत खर्च नहीं करना पड़ता।

खेल-कूद व्यायाम का सरल विधान है। विद्यार्थी अपने विद्यालय में . ही अपनी इच्छा के अनुसार फुटबॉल, हॉकी, क्रिकेट आदि खेल सकते हैं। ये खेल खर्चीले होते हैं। ग्रामीण प्रांतों में इन खेलों का कोई प्रयोजन नहीं होता। कुश्ती लड़ना, को-को; दंड-बैंठक सरल उपाय हैं। गरीब लोग भी ये कर सकते हैं। बूढ़े लोगों को सैर-सपाटे से व्यायाम होता है।

व्यायाम से कई लाभ हैं। उससे शरीर और मन मजबूत होते हैं। बीमारियाँ पास नहीं आतीं। आदमी फुर्तीला हो जाता है। वह अपने कर्तव्य-पालन में लग जाता है। खन का प्रसार तेजी से होने लगता है। आदमी जल्दी नहीं थकता।

मैदान में तथा खुली हवा में व्यायाम करें। भोजन के बाद व्यायाम नहीं करना चाहिए। व्यायाम के बाद तत्काल भोजन नहीं करना है। व्यायाम में संयम की आवश्यकता है। सब विद्यार्थियों को व्यायाम में मन लगाना चाहिए।

 

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( Essay- 5 )  Long Exercise Essay in Hindi- व्यायाम पर निबंध( 500 words )

1. भूमिका
2. व्यायाम का महत्व ( Vyayam Ka Mahatva )
3. व्यायाम के भेद ( Types of Exercise in Hindi )
4. व्यायाम से लाभ ( Benefits of Exercise in Hindi )
5. उपसंहार

भूमिका

किसी विद्वान ने कहा है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। शरीर को स्वस्थ रखना सुखी जीवन के लिए आवश्यक है। व्यायाम हमारे स्वास्थ्य की कुंजी है। उत्तम स्वास्थ्य से मनुष्य का जीवन सुखी रहता है। हमारे शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के स्वास्थ्य के लिए व्यायाम आवश्यक है।

व्यायाम के भेद ( Types of Exercise in Hindi )

व्यायाम अनेक प्रकार के होते हैं। केवल दण्ड बैठक या कुश्ती लड़ने को ही व्यायाम नहीं समझना चाहिए। प्रातः काल खुले मैदान में थोड़ी देर चहल कदमी या टहलना भी व्यायाम है। इससे शरीर में ताजगी और स्फूर्ति आती है और कार्य करने में मन लगता है। खेल-कूद भी व्यायाम के ही अन्तर्गत आते हैं। अनेक देशी-विदेशी खेलों से उत्तम व्यायाम हो जाता है। ऐसे खेलों में कबड्डी, गुल्ली डण्डा, आती-पाती, घोड़े की सवारी, फुटबॉल, हॉकी, बैडमिण्टन, क्रिकेट, वालीबॉल आदि प्रमुख हैं। ये खेल मनोरंजन और व्यायाम के समान रूप से साधन हैं। इसके अलावा दौड़ना, तैरना, गेंद फेंकना, उछलना-कूदना आदि भी व्यायाम के अन्तर्गत आते हैं। हर व्यायाम का शरीर पर अलग-अलग ढंग से प्रभाव पड़ता है। गदा फेरने, मुग्दल उठाने आदि से बाहें और सीना आदि पुष्ट होते हैं। दण्ड–बैठक करने से जाँघे सुगठित और मजबूत होती हैं। दौड़ने से फेफड़े ठीक रहते हैं। साइकिल चलाने से कमर और जांघे पुष्ट होती हैं।

व्यायाम करने के नियम

व्यायाम समय पर और नियमानुसार करना चाहिए। ऐसा न करने से लाभ की अपेक्षा हानि होने की सम्भावना होती है। देशी व्यायाम के लिए प्रात:काल सर्वोत्तम समय होता है। व्यायाम खुले स्थान और सुन्दर वातावरण में करना । चाहिए, जहाँ हवा–प्रकाश की अच्छी व्यवस्था हो ऐसे स्थान पर व्यायाम करने से अधिक लाभ होता है। विदेशी व्यायाम अधिकतर शाम को आयोजित होते हैं। व्यायाम शारीरिक क्षमता के अनुकूल होना चाहिए। अधिक व्यायाम हानिप्रद होता है। व्यायाम के बाद हल्का जलपान लेना चाहिए। बूढ़े लोगों के लिए टहलना ही व्यायाम है। शारीरिक क्षमता के अनुकूल ही व्यायाम करना लाभदायक है।

व्यायाम के लाभ ( Benefits of Exercise in Hindi )

व्यायाम हमारे लिए बहुत आवश्यक है। इससे हमारा शरीर स्वस्थ और नीरोग होता है। व्यायाम से शरीर पुष्ट और शक्तिशाली बनता है। शरीर स्वस्थ और नीरोग होता है। व्यायाम से शरीर पुष्ट और शक्तिशाली बनता है। शरीर स्वस्थ रहने से मन भी स्वस्थ रहता है। इससे शरीर में स्फूर्ति आती है और मन प्रसन्न रहता है। व्यायाम कार्य करने में मन लगता है। अधिक परिश्रम से शरीर में थकावट आती है।

व्यायाम से थकावट दूर हो जाती है। व्यायाम करने से स्वास्थ्य ठीक रहता है और हम दीर्घजीवी होते हैं। व्यायाम से शिथिलता, आलस्य और उदासी दूर होती है। शरीर में रक्त संचार सुन्दर ढंग से होता है। फेफड़ों में स्वच्छ वायु जाने से वे अच्छी तरह कार्य करते हैं। व्यायाम से हमारा शारीरिक गठन सुन्दर होती है।

निष्कर्ष

उपर्युक्त बातों के सन्दर्भ में हम कह सकते हैं कि व्यायाम हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। उसके करने से शरीर स्वस्थ रहता है, मन प्रसन्न रहता है और हमारा जीवन सुखी और आनन्दमय होता है। हर व्यक्ति को समयानुसार नियमित व्यायाम करना चाहिए। कहा गया है- तन्दुरुस्ती हजार नियामत। व्यायाम हमारे स्वस्थ जीवन की आधारशिला है।

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इस लेख के माध्यम से हमने Vyayam Par Nibandh | Exercise Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

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व्यायाम के लाभ पर छोटा निबंध
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