In this article, we are providing an Anekta Mein Ekta Essay in Hindi | Anekta Mein Ekta par Nibandh अनेकता में एकता पर निबंध | Essay in 300, 500, 800 words For Students. Unity in Diversity Essay in Hindi
अनेकता में एकता पर निबंध- Anekta Mein Ekta Essay in Hindi
Anekta Mein Ekta Essay in Hindi ( अनेकता में एकता निबंध ) 500 words
हमारे देश का नाम भारत है। इसलिए हम सब बड़े मान के साथ कहते हैं कि इस देश में रहने वाले हम सब भारतीय हैं। किसी ने यह कितना अच्छा भाव व्यक्त किया है कि भारत हम सब का है और हम सब भारत के हैं।
हमारे देश में सभी धर्मों के लोग रहते हैं। सभी धर्मों के अपने-अपने नियम या सिद्धान्त हैं । किन्तु सब धर्मों का लक्ष्य ईश्वर प्राप्ति तथा आत्मिक शान्ति है। कहने का भाव यह है कि राहें अलग-अलग हैं पर मंज़िल एक है। इस कथन से यह पूरी तरह सिद्ध हो जाता है कि भारत देश में अनेकता में भी एकता है । अन्य शब्दों में हम यूँ कहें – हम सब भारतीय अनेक प्रकार के फूल हैं और बाग जिसे हम भारत का नाम देते हैं, वह तो एक है। इसी तथ्य को अनेकता में एकता कहा गया है।
हमारे इस भारत देश में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, बंगाल, तामिलनाडू, कर्नाटक, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, असम आदि अनेक प्रदेश या प्रान्त हैं। ये सब प्रान्त एक माला के मनकों के समान हैं किन्तु ‘माला’ जिसे हम भारत कह कर पुकारते हैं, तो वह एक है ।
हमारे इस प्यारे भारत देश में हिन्दी, पंजाबी, उर्दू, बंगला, उड़िया, तमिल, तेलगु, मलयालम, कन्नड़, मराठी, असमिया आदि अनेक भाषाएं बोली जाती हैं। किन्तु भावना सब की एक है। इसलिए, हम बड़े मान से कह सकते हैं कि भारत हम सबका है और धर्म- निरपेक्षता इस देश की सबसे बड़ी विशेषता है।
हम सब भारतीयों का खान-पान, रहन-सहन विभिन्न प्रकार का है। हमारी खुशियाँ, मैले, स्पोहार एवं उत्सव सब एक-दूसरे से अलग-अलग हैं। इतना ही नहीं, हम सब की वेशभूषा भी एक-दूसरे से अलग है पर सबकी आत्मा एक है। इसलिए हमारे इस भारत देश में अनेकता में भी एकता है।
हमारे इस प्यारे देश भारत में हिन्दू, सिख, ईसाई, मुस्लिम, जैनी, पारसी आदि अनेक जातियों के लोग रहते हैं। सब एक दूसरे के साथ प्रेम भाव से मिलते हैं। इतना ही नहीं, सब एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहते हैं। सब एक दूसरे के सुख-दुःख के साथी हैं। सभी एक दूसरे की खुशी गमी में शामिल होते हैं। सभी भारत माता की आँखों के तारे हैं। सब के धार्मिक ग्रन्थ, गीता, रामायण, कुरान, बाइबल, श्री गुरू ग्रन्थ साहिब एक-दूसरे से अलग है। परन्तु इन सभी धर्मों का उपदेश एक ही है। यह उपदेश है-ईश्वर प्राप्ति, आत्मिक शान्ति, परोपकार की भावना, भाइचारे का संदेश, मिलजुल कर रहने का उपदेश तथा किसी से घृणा न करने का उपदेश । अत: हम सब की मंजिल एक है। सब के आचार-विचार, आचार-व्यवहार भिन्न है पर सब में आत्मा एक है। अनेकता में एकता हमारे इस भारत देश की विशेषता है।
हमारे इस प्यारे भारत में कल-कल और छल छल करती नदियां बहती हैं। अनेक प्रकार के पक्षी भारत की प्रशंसा के तराने गाते हैं। यह ठीक है कि हमारी वेशभूषा, खान- जात, भाषा और धर्म शास्त्र अलग-अलग है पर देश तो हमारा भारत एक है। यह विशेषता देश की एकता और अखण्डता की संरक्षिका है।
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भूमिका – भारत हमारा देश हैं। इस देश में रहने वाले हम सब भारतीय हैं । हमारे देश में भिन्न-भिन्न धर्म मानने वाले, भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं । उनका खान-पान अलग-अलग है। उनका पहनावा अलग-अलग है। इतनी भिन्नता होते हुए भी हम सब एक हैं। अनेकता में एकता हमारी विशेषता है ।
भारत में अनेकता – भारत एक विशाल देश है। यहाँ कन्या कमारी से कश्मीर और लद्दाख तथा बंगाल से कच्छ तक अनेक राज्य हैं। प्रत्येक राज्य की भाषा अलग है, लोगों के धर्म भी अलग-अलग हैं, उनके पहनावे अलग-अलग हैं, त्योहार अलग-अलग हैं। विदेशी लोग इन्हीं अनेकताओं के कारण इसे एक देश न मानकर प्रायद्वीप मानते हैं। किन्तु उनकी यह धारणा गलत है। हमारे यहाँ अनेकता में एकता है ।
1 विविध राज्य हमारा देश अलग-अलग राज्यों में बँटा है। इस विभाजन का आधार भाषा है। पूर्व में असम, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, नागालैण्ड, अरुणाचल प्रदेश हैं तो पश्चिम में गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि । उत्तर में यदि पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर आदि राज्य हैं तो दक्षिण में आन्ध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि राज्य । मध्य में मध्यप्रदेश है। ये सब प्रदेश माला के विभिन्न फलों के समान हैं जिन्हें पिरोकर एक माला बनती है । और वह माला है हमारा भारत ।
2 अलग-अलग खान-पान-हम सब भारतीयों का खान-पान अलग- अलग है। दक्षिण में अगर लोग इडली, सांभर, डोसा आदि को बहुत स्वाद से खाते, है तो बंगाल में भात और मछली स्वादिष्ट व्यंजन माना जाता है। कहीं गेहूं की चपाती स्वाद से खाई जाती है तो कहीं मक्का या ज्वार अथवा बाजरा की ।
3 अलग-अलग धर्म-भारत में बहुत-से धर्मों के अनुयायी रहते हैं । यहां अधिकांश तो हिन्दू धर्म को मानने वाले हैं। फिर मुसलमान हैं जो इस्लाम धर्मको मानते हैं। ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या भी यहाँ काफी है। इनके अतिरिक्त बौद्ध हैं, पारसी हैं, सिक्ख हैं। हिन्दुओं में कई सम्प्रदाय के लोग यहाँ हैं जैसे-सनातन धर्मी, आर्य समाजी, जैनी। इतने धर्मावलम्बी होने पर भी सब हिल-मिलकर रहते हैं। सब एक-दूसरे के त्योहारों को मनाते हैं, एक दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते हैं। सबके धार्मिक ग्रन्थ अलग-अलग हैं। मुसलमान क़ुरान शरीफ का पाठ करते हैं, हिन्दू गीता, रामायण का, ईसाई बाइबिल का तो सिक्ख गुरु ग्रंथसाहब का। लेकिन सबका संदेश एक है-ईश्वर एक है, वही हम सबका पिता है। यही हमारी एकता का रहस्य है।
4 पहनावा – खान-पान, धर्म के समान ही हम भारतीयों का पहनावा भी अलग-अलग है । दक्षिण के लोग आमतौर पर लुंगी और कमीज धारण करते हैं। पंजाब में भी लुंगी और कुर्ता या फिर कुर्ता और पाजामा पहनने का रिवाज है। वैसे आजकल देश के हर कोने में कमीज और पैण्ट का चलन बहुत हो गया है। देश की अधिकांश महिलाएँ साड़ी पहनती हैं- पंजाब में स्त्रियाँ सलवार और कुर्ता पहनती हैं। साड़ी पहनने का ढंग अलग-अलग है।
5 भाषा- इतने बड़े देश में भाषाएँ भी अलग-अलग हैं। कहा जाता है कि हमारे यहाँ तो बीस कोस पर भाषा बदल जाती है। बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश में हिन्दी बोली जाती है। जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी भाषा बोली जाती है। गुजरात में गुजराती, महाराष्ट्र में मराठी, आन्ध में तेलगू, तमिलनाडु में तमिल, केरल में मलयालम और कर्नाटक में कन्नड़ भाषा बोली जाती है । फिर भी हिन्दी ऐसी भाषा है जिसे देश के हर भाग में समझने वाले कुछ-न-कुछ लोग अवश्य मिल जाते हैं । हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा जो है।
अनेकता में एकता- इस प्रकार ऊपर से देखने में हमारे यहाँ अनेकता है। लेकिन हम सब एक हैं । इन्द्रधनुष में जैसे कई रंग होते हैं-सभी आकर्षक और सब मिलकर इन्द्रधनुष बनाते हैं, वैसे ही हम सब मिलकर भारतीय कहलाते हैं। भारत रूपी बाग में खिलने वाले हम सब फल हैं।
उपसंहार-अनेक धर्म, अनेक भाषाएँ, अनेक वेश-भूषाएँ होने पर भी हमारा देश बँटा नहीं है। कुछ सिरफिरे लोग इसको बाँटने की कोशिश कर रहे हैं – वे निर्दोष लोगों की हत्याएँ कर रहे हैं, लेकिन उनके मंसवे कभी सफल नहीं होंगे। हम सदा एक थे, एक हैं और एक रहेंगे । अनेकता में एकता हमारा विलक्षण गुण है ।
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अनेकता में एकता पर निबंध पर निबंध’ ये हिंदी निबंध class 8,9,10,11 and 12 के बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है। यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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