महिला सशक्तिकरण पर निबंध – Women Empowerment Essay in Hindi

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महिला सशक्तिकरण पर निबंध – Women Empowerment Essay in Hindi

Essay on Women Empowerment in 300 words

भारत एक विभिन्न धर्मो वाला महान देश माना गया है, जहा सभी को समान अधिकार प्राप्त है पुरुष और महिला दोनों सामाजिक, आर्थिक, एवं कानूनी रूप से समान माने गए है महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत महिलाओं को हर तरह से शक्तिशाली बनाने की मुहीम एवं प्रयास को महिला सशक्तिकरण का नाम दिया गया है

पुरुषो को हमारे समाज में ऊँचा दर्जा प्राप्त है, किन्तु आज के आधुनिक युग में महिलाओं ने भी हर जगह अपने विजय परचम को लहराया है, और अपनी योग्यता साबित की है! महिलाये किसी भी क्षेत्र में पुरुषो से कम नहीं है, स्वयं हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने महिला दिवस (8 मार्च) के उपलक्ष्य में यह सन्देश दिया कि, “ यदि हम देश की तरक्की चाहते है, तो सर्वप्रथम देश की महिलाओं को सशक्त बनाना होगा” तभी देश का विकास एवं उन्नति सम्भव है

महिला सशक्तिकरण क्यों अनिवार्य है?

महिलाओ को हमारे समाज में सदा से ही हीन दृष्टि से देखा गया है, जैसा कि गोस्वामी तुलसीदास ने कहा: “शुद्र, पशु, नारी और गंवार, ये सब ताडन के अधिकार”, नारी को पशु के समान कहने का किसी को कैसे अधिकार मिल सकता है, जबकि भारत का सविधान उसे स्वयं सर्वमान्य अधिकार एवं स्वतंत्रता प्रदान करता है

पूरे देश में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाना पर्याप्त नहीं, इसके लिए देश के सभी नागरिको को अपनी कुंठित सोच को बदलना होगा, और उसकी शुरुआत सबसे पहले अपने घर से करनी होगी, इसलिए नारी को सम्मान दे, क्योकि उन में से एक आपकी माता है, बहन है या पत्नी है, और इसलिए कहा गया है:- “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता”

Women Empowerment Essay in Hindi (400 words)

भूमिका- महिला सशक्तिकरण का मतलब महिलाओं को उनकी शक्ति, उनकी ताकत और उनकी योग्यता के विषय में बताना है जिससे की वो अपने जीवन से जुड़े सभी निर्णय ले सके। 8 मार्च को अंतराष्टरीय महिला दीवस मनाया जाता है। हर व्यक्ति को खुद से जुड़े हुए फैसले लेने की आजादी होती है। महिला सशक्तिकरण महिलाओं को ऐसी शक्ति देता है जिससे वो समाज में सही स्थान बना सके।

महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता- हमारे भारत देश में जहाँ महिलाओं को एक तरफ देवी की तरह पूजा जाता वही दुसरी तरफ उनके साथ होने वाले अत्याचारों की संख्या कम नही है। कहने को तो महिला और पुरुष बराबर है लेकिन मध्यकाल से लेकर अब तक महिला के जीवन से जुड़े सभी फैसले पुरूष ही करते आए हैं। भारत एक पितृपरधान देश है जहाँ पर सभी निर्णय पुरूषों द्वारा लिए जाते हैं। महिलाओं को उनकी योग्यता के बल पर समान हक दिलाने और पुरुषों को महिलाओं से जुड़ी जानकारी देने के लिए महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता महसूस हुई।

महिला सशक्तिकरण के लाभ- इसके कारण महिलाओं की जिंदगी में बहुत से बदलाव हुए। उन्होंने हर कार्य में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना शुरू किया है। अब वो अपनी जिंदगी से जुड़े फैसले खुद कर रही हैं। अब वो अपने हक के लिए लड़ने लगी हैं और धीरे धीरे आत्मनिर्भर बनती जा रही हैं। पुरुष भी अब महिलाओं को समझने लगे है , उनके हक भी उन्हें दे रहें हैं जिनसे वो नाजाने कितने सालों से वंचित थी। मर्द अब औरत के फैसले की इज्जत करने लगे है। हक मांगने से नही मिलता छीनना पड़ता है और औरतों ने अपने हक अपनी काबिलियत से और एक जुट होकर मर्दों से हासिल कर लिए हैं।

” हक के लिए करली जंग की तैयारी।
हम नारी शक्ति है सब पर भारी।”

महिलाओं के हक उठाए गए कदम- महिलाओं को हक दिलाने और लिंग के आधार पर भेदभाव खत्म करने के लिए सरकार द्वारा बहुत से कानुन बनाए गए है-

1. समानता का मौलिक अधिकार जिससे की कोई भी लिंग के आधार पर आपसे भेदभाव नहीं कर सकता ।
2. नौकरी के समान अवसर दिए गए है।
3. घरेलू हिंसा रोकने के लिए भी कानून बनाया गया है।
4. हाल ही में सरकार द्वारा कानून जारी किया गया है कि महिला की मर्जी है कि वो अभी बच्चा चाहती है या नहीं
5.सरकार द्वारा बाल विवाह पर भी रोक लगाई गई है और 18 साल के बाद महिला अपनी पसंद से शादी कर सकती है।

निष्कर्ष- महिला सशक्तिकरण महिलाओं को मजबूती दी है ताकि वो अपने हक के लिए लड़ सके। हम सभी को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए, उन्हें आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए। पुरुषों को भी महिलाओं का शोषण करने की बजाय उनके हक उन्हें देने चाहिए।

Mahila Sashaktikaran Nibandh in 500 words

आज भारत देश में “महिला सशक्तिकरण” बहुत बड़ा चर्चा का विषय बन चुका है। महिला सशक्तिकरण” का अर्थ यह होता है कि महिलाएं अपना फैसला खुद ले सके, महिलाएं स्वतंत्र होकर जीवन जी सकें । भारतीय संस्कृति में महिलाओ को हमेशा से उच्च स्थान मिला हे । और ऐसा कहा जाता है कि जहां पर नारी का सम्मान होता है, वहां पर साक्षात् देवी देवताओं का वास होता है ।

देश, समाज और परिवार के उच्च भविष्य के लिए “महिला सशक्तिकरण” बेहद जरूरी है, इसलिए 8 मार्च पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (international women’s Day) मनाया जाता है । दुनिया में सबसे ज्यादा स्वतंत्र देश भारत ही है इसलिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समाज में एक समान अधिकार प्राप्त होना चाहिए ।

महिला सशक्तिकरण क्यों जरूरी है ?

महिला सशक्तिकरण को बहुत आसान भाषा में परिभाषित किया जाए तो, महिला एकजुट होकर अपने जीवन से जुड़े या फिर परिवार से जुड़े सभी निर्णय को ले सके । महिला सशक्तिकरण का सिर्फ यही लक्ष्य होता है कि महिलाओं को शक्ति प्रदान की जाए, ताकि वह समाज में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर फैसले ले सके तथा गर्व से अपना सिर उठाकर चल सके । महिला सशक्तिकरण के अंदर महिलाओं को उनका अधिकार दिया जाए ।

आज हम सभी जानते हैं हमारा देश पुरुष प्रभुत्व वाला देश है, जहां पर पुरुषों को महिलाओं की तुलना में सबसे ज्यादा माना जाता है जो कि यह सही बात नहीं है । आज भी भारत देश में कई जगह पर महिलाओं को पुरुषों की तरह काम करने नहीं दिया जाता और उन्हें परिवार की देखभाल और घर से ना निकलने की हिदायत दी जाती है ।

महिला सशक्तिकरण को क्यों इतना महत्व दिया जाता है ?

आज के आधुनिक युग में 40% से 50% महिलाएं ऐसी है, जो शिक्षित होने के बाद भी घर पर बैठी है । यानी कि देश का आधा ज्ञान घर पर बैठे-बैठे बेकार हो रहा है । हालांकि घर पर बच्चों की देखभाल या फिर परिवार की देखभाल करना जीवन का एक हिस्सा होता है परंतु इसका मतलब यह तो नहीं होता है की,जीवन वहीं तक सीमित रहे । महिलाओं को भी पुरुषों की तरह घर से बाहर निकल ना चाहिए और काम करना चाहिए क्योंकि इससे उनका ज्ञान और बढ़ता है । महिलाएं भी देश के लिए बहुत कुछ अच्छा कर सकती है ।

हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्रभाई मोदी जी ने भी कहां है कि “देश को आगे बढ़ाने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना बहुत जरूरी होगा ” यदि महिलाएं आगे बढ़ने लगी, तो समझ लीजिए कि देश का विकास 4 गुना बढ़ जाएगा । महिलाओं को सशक्त बनाना एक बहुत ही महत्व का कार्य है ।

महिलाओं को क्यों नहीं दिया जा रहा है उनका हक ?

भारत देश मैं बहुत सारे ऐसे गांव हैं, जहां पर सिर्फ पुरुषों को ही शिक्षा दी जाती है । महिलाओं को शिक्षा नहीं दी जाती है, क्योंकि वहां पर महिला-पुरुष का एक भेदभाव रखते हैं । वहां के सभी लोग यही सोचते हैं कि महिलाएं पढ़ कर क्या करेंगी । लेकिन उन सभी लोगों को यह नहीं पता होता है कि महिला क्या कुछ कर सकती हैं । आपने देखा होगा कि आज सभी नौकरियों में सबसे ज्यादा प्रभुत्व महिला का ही होता है, क्योंकि अब बदल रहा है हमारा भारत देश

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