मेरा प्रिय खेल पर निबंध- Mera Priya Khel Nibandh | Essay in Hindi

In this article, we are providing 6 essays on Mera Priya Khel Par Nibandh | Essay on My Favourite Game in Hindi मेरा प्रिय खेल पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों आज हमने Mera Priya Khel Essay in Hindi | Mera Priya Khel Nibandh in Hindi Essay लिखा है मेरा प्रिय खेल पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है।

मेरा प्रिय खेल पर निबंध- Mera Priya Khel Nibandh

 

( Essay-1 ) Mera Priya Khel in Hindi Short Essay

Mera Priya Khel Cricket

हमारे देश में अनेक खेल खेले जाते हैं। इनमें से मुझे क्रिकेट का खेल अत्यंत प्रिय है। क्रिकेट का खेल यद्यपि विश्व के कुछ ही देशों में खेला जाता है तथापि यह विश्व का लोकप्रिय खेल है। इस खेल के तीन रूप हैं-टैस्ट मैच, जो पाँच दिनों तक चलता है; एकदिवसीय (50-50 ओवर का), जिसका निर्णय एक ही दिन में हो जाता है और ट्वेंटी-ट्वेंटी जिसमें पाँच-छह घंटों में ही खेल का निर्णय हो जाता है। इन तीनों रूपों में मुझे ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट ही अधिक पसंद है। इस खेल में दोनों टीमों को खेलने के लिए 20-20 ओवर मिलते हैं। टॉस के द्वारा निर्णय होता है कि कौन-सी टीम पहले बल्लेबाजी करेगी। यह निर्णय टॉस जीतने वाले कप्तान पर निर्भर करता है। जो टीम अधिक रन बना लेती है वही टीम विजेता घोषित की जाती है। परंतु इस मैच में जो उतार-चढ़ाव आते हैं, वही रोमांच उत्पन्न करते हैं। एक-एक गेंद के साथ दर्शकों के दिल की धड़कन बढ़ती जाती है। दर्शकों की उत्तेजना देखते ही बनती है। खेल को देखकर लाखों लोगों का मनोरंजन होता है। यह खेल दिन-पर-दिन युवाओं के हृदय की धड़कन बनता जा रहा है।

 

( Essay-2 ) Short Essay on My Favourite Game in Hindi | मेरा प्रिय खेल पर निबंध 150 words

Mera Priya Khel Football

परिचय- आधुनिक खेलों में फुटबॉल सबसे लोकप्रिय खेल है। आजकल हमारे देश में इसका प्रचल अधिक हो गया है। गाँव हो या शहर, लड़के इस खेल को बड़े चाव से खेलते हैं।

वर्णन- इस खेल में दो दल होते हैं। प्रत्येक दल में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। मैदान के आमने-सामने दोनों सीमाओं पर गोल पोस्ट या लकड़ी गाड़ दी जाती है। गोल पोस्ट के भीतर बॉल को निकाल देना या गोल करना इस खेल का उद्देश्य है। प्रत्येक दल में एकएक गोल-रक्षक होता है। केवल गोल-रक्षक ही बॉल को हाथ से पकड़ सकता है। गोलरक्षक के सामने दाहिने बायें दो बैक रहते हैं। छः रक्षक भाग के खिलाड़ी कहलाते हैं। शेष पाँच आक्रामक भाग के खिलाड़ी कहलाते हैं। रेफरी सीटी बजाकर खेल शुरू करता है। वही फिल्ड में खेल का संचालन करता है।

समय- यह खेल 1 घं० 30 मिनटों का होता है। हाफ टाइम 10 मिनट का होता है।

लाभ- यह खेल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। इस खेल से अनुशासन और नियम पालन की शिक्षा मिलती है।

Also Read- 10 lines on Football in Hindi

 

जरूर पढ़े- Essay on My Favourite Game Kho Kho in Hindi

 

Mera Priya Khel Badminton in Hindi

Mera Priya Khel Par Nibandh

 

( Essay-3 ) मेरा प्रिय खेल पर निबंध- Mera Priya Khel Par Nibandh ( 180 words )

Mera Priya Khel Kabaddi

मेरा प्रिये खेल कबड़्डी है। यह एक प्राचीन खेल है। गॉंवो में यह अधिक लोकप्रिय खेल है। यह खेल खेलने में ना मात्र का खर्चा होता है।

खेल के मैदान के बीच में एक रेखा खींची जाती है। खिलाडियों की दो टुकड़ियाँ बनती हैं। दोनों टुकड़ियों में खिलाडियों की समान संख्या होती है।

एक टुकड़ी का खिलाड़ी कबड्डी-कबड्डी बोलता हुआ दूसरी तरफ़ जाता है। दूसरे दल के खिलाड़ी उसे पकड़ने का प्रयत्न करते हैं। अगर वह पकड़ा जाता है तो उसका दल एक पाइंट खोता है। ‘कबड्डी’ के उच्चारण को बंद किये बिना अपने पक्ष की ओर आयेगा तो एक पाइंट प्राप्त होता है। निशिचत अवधि में जिस पक्ष को ज्यादा पाइंट मिलते हैं, उसकी जीत होती है।

कबड्डी खेलने के लिए चतुरता के साथ शारीरिक बल की आवश्यकता भी है । इस खेल से हृदय की गति सुधर जाती है। साँस का चलन तीव्र होता है। रक्त का प्रसार बढ़ता है। इससे वह साफ़ होता है। उसमें ताजगी आती है।

 

( Essay-4 ) मेरा प्रिय खेल पर निबंध Badminton | My Favourite Game in Hindi Essay ( 200 words )

Mera Priya Khel Badminton in Hindi- मैं खेलकूद में बड़ी रुचि रखता हूँ। उनमें सक्रिय भाग लेता हूँ। मैं फुटबाल, क्रिकेट और बेडमिंटन खेलता हूँ। बैडमिंटन मेरा प्रिय खेल है। इसे मैं बड़े चाव और लगन से खेलता हूँ। शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब मैं बेडमिंटन नहीं खेलता।

अभी मेरी उम्र 11 वर्ष की है। मैं जब 8 वर्ष का था तभी से यह खेल खेल रहा हूँ। बेडमिंटन दो टीमों के बीच खेला जाता है। एक पार्टी में एक या दो सदस्य होते हैं। वे एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े होकर खेलते हैं। दोनों टीमों के बीच में चौड़ा फैला हुआ नैट (जाल) होता है। यह खेल रैकेट (जालीदार बल्लों) और शटल कॉक्स (चिड़िया) से खेला जाता है। इसे हम अपनी भाषा में चिड़ी-छक्का भी कहते हैं।

बैडमिंटन खेलने में चुस्ती-फुर्ती और कौशल की आवश्यकता होती है। बैडमिंटन खिलाड़ी की टाँगे और हाथ सशक्त होने चाहिए। उसे बड़ा चुस्त और चौकन्ना होना चाहिए। उसे दौड़ने-भागने, ऊँचा कूदने और एक क्षण में सही निर्णय लेने जैसे कार्यों में निपुण होना चाहिए।

मैं बेडमिंटन का एक कुशल खिलाड़ी हूँ। स्कूल की बेडमिंटन टीम का मैं कप्तान हूँ। हमारी टीम ने कई पुरस्कार और शील्डस जीती हैं।

जरूर पढ़े- 10 lines on Badminton in Hindi

 

( Essay-5 ) मेरा प्रिय खेल पर निबंध- Mera Priya Khel Essay in Hindi ( 400 words )

Mera Priya Khel Hockey

प्रस्तावना

खेलों का मानव जीवन में विशेष महत्त्व है। वह स्वभाव से दी खेलों में रुचि रखता है। भारत में प्राचीन काल से ही खेलों की परम्परा रही है। आजकल तो. भारतवर्ष में अनेक खेल राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेले जाते हैं, जैसे-क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल, वालीबाल, कवड्डी, टेनिस आदि। मुझे इन सबमें से हॉकी का खेल बहुत प्रिय है।

राष्ट्रीय खेल

हॉकी का खेल भारत का राष्ट्रीय खेल है। इस समय विश्व में जर्मनी, आस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और भारत को हॉकी जगत में विशेष स्थान प्राप्त है। इस खेल का जन्म आज से 4000 वर्ष पूर्व ईरान में हुआ था। इसके बाद कितने ही देशों में इसका श्रीगणेश हुआ परन्तु इसे उचित सम्मान तो भारत में ही मिला। भारतीय संरक्षण में रहकर यह खेल खूब पनपा तथा विश्व में लोकप्रिय भी हुआ।

भारतवर्ष में हॉकी का विकास

भारत में हॉकी का चलन सन् 1885 में प्रारम्भ हुआ था। सन् 1895 में बेटनकप टूर्नामेंट आरम्भ हुआ जिसमें देश की सभी प्रसिद्ध टीमों ने भाग लिया था। सन् 1928 में सर्वप्रथम भारत की | राष्ट्रीय टीम ओलम्पिक खेलों में खेलने गई और स्वर्ण पदक प्राप्त किया। उसके बाद तो हॉकी के जादूगर ध्यानचन्द तथा रूपसिंह के अथक परिश्रम से भारत ने हॉकी जगत में अपनी धाक बैठा ली थी। सन् 1932, 1935, 1948, 1952 तथा 1956 के ओलम्पिक खेलों में भारतीय टीम ने निरन्तर स्वर्ण पदक प्राप्त किए। इसके बाद सन् 1968 व 1972 में केवल कांस्य पदक पाकर ही संतोष करना पड़ा। सन् 1980 में फिर से स्वर्ण पदक प्राप्त करके भारतीय खिलाड़ियों ने अपने देश का नाम संसार में रोशन कर दिया।2020 ओलंपिक में भारत ने इतिहास रच दिया। भारत ने पुरुष हॉकी में 4 दशक बाद कांस्य पदक जीता।

हॉकी का आधुनिक रूप

पहले यह खेल देश के विभिन्न भागों में भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता था। पंजाब के देहातों में बच्चे इसे ‘खिछीखुण्डी’ नाम से खेलते थे। विभिन्न रूपों में खेले जाने के कारण इसके नियम भी प्रत्येक स्थान पर भिन्न-भिन्न थे। पहले इस खेल के खिलाड़ियों पर किसी तरह का कोई प्रतिबन्ध नहीं था। किन्तु आधुनिक खेल को बिल्कुल ही नियमों में जकड़ दिया है। नियमों के अनुसार आजकल एक टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं और गोल के सामने अर्द्ध-गोलाकार रेखा-सी खींची जाने लगी है और गेंद को उसमें से जाकर, चोट करके गोल किया जाने लगा। इसके साथ ही यह नियम भी है कि किसी कोने से चोट के बाद गोल में पहुँचाने से पहले किसी भी एक पक्ष द्वारा गेंद को स्पर्श करना आवश्यक है।

निष्कर्ष

इस प्रकार नियमों में बँधा हॉकी का यह खेल खिलाड़ियों की शारीरिक चुस्ती, मानसिक स्फूर्ति उनके विकास की सीढ़ी बन गया है। इसमें किसी तरह का कोई डर नहीं है अपितु आनन्द की प्राप्ति होती है। यह एक ऐसा खेल है जो आत्मानुशासन और पारस्परिक रूप में कार्य करने की प्रेरणा देता है। इससे परस्पर सहयोग की भावना को बल मिलता है। अतः भारत के इस खेल को विश्व में लोकप्रिय बनाने के लिए हमें अथक प्रयास करना होगा।

जरूर पढ़े- 10 lines on Hockey in Hindi

 

( Essay-6 ) Mera Priya Khel Cricket Par Nibandh- Hindi Essay My Favourite Game Cricket ( 400 )

क्रिकेट दिन भर की थकान के बाद मनुष्य कुछ समय के लिए अपना मनोरंजन करना चाहता है। खेल मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन है। खेल से मनोरंजन के साथ-साथ व्यायाम भी होता है तथा शरीर स्वस्थ रहता है। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का निवास होता है। आज अनेक प्रकार के खेल प्रचलित हैं, जैसे हॉकी, क्रिकेट, फुटबॉल, बालीबॉल बास्केटबॉल, बैडमिन्टन, टेनिस आदि। परन्तु आज का सर्वाधिक प्रिय खेल है-क्रिकेट। और यही मेरा भी प्रिय खेल है।।

क्रिकेट का जन्म इंग्लैण्ड में हुआ था। पहले केवल राजा, नवाब, लॉर्डस ही इस खेल को खेलते थे, परन्तु आज अमीर-गरीब सभी श्रेणियों के लोग क्रिकेट खेलते हैं तथा यह उनका प्रिय खेल है। क्रिकेट मैच के अवसर पर जगह-जगह टी. वी. पर मैच देखनेवालों की अपार भीड़ तथा ट्रांजिस्टर पर सीधा प्रसारण सुनना इस खेल की लोकप्रियता के प्रमाण हैं।

आज क्रिकेट संसार के प्रायः सभी देशों में खेला जाता है। यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का खेल है। सभी देशों की टीमें एक दूसरे के देश में जाकर मैच खेलती हैं। हमारे देश की टीम भी विदेशों में जाकर मैच खेलती है तथा विदेशी टीमें भी हमारे देश में मैंच खेलने आती हैं। इस प्रकार क्रिकेट प्रेमी एक दूसरे के निकट आ रहे हैं। इस खेल के द्वारा विश्व के लोगों में सद्भावना बढ़ रही

पहले क्रिकेट मैच पाँच दिन तक खेला जाता था। दोनों टीमों को दो पारी खेलनी होती थी। पाँच दिन पूरे हो जाते थे परन्तु दोनों टीमें दो-दो पारी नहीं खेल पाती थी, इस कारण हार-जीत का फैसला नहीं हो पाता था। आजकल जब से सीमित ओवरों के एक दिवसीय मैचों और टी-20- का प्रचलन हुआ है तब से इस खेल के प्रति लोगों का रुझान पागलपन की हद तक बढ़ गया है। मैंने भी सभी मैच टी. वी० पर देखे हैं। मैं क्रिकेट अच्छा खेल भी लेता हूँ। मैं अपने विद्यालय की क्रिकेट टीम का कप्तान भी हूँ।

क्रिकेट के मैच में दो टीमें होती हैं प्रत्येक टीम में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। जो टीम टॉस जीतती है, वह पहले बल्लेबाजी करेगी या गेंदबाजी इसका फैसला करती है। जब एक टीम बल्लेबाजी करती है, तब दूसरी टीम गेंदबाजी करती है। बॉल के किल्ली पर लग जाने या- कैच हो जाने पर बल्लेबाज आउट माना जाता है। एक दिवसीय मैच पचास ओवरों का होता है और टी-20 मैच 20 ओवर का होता है। एक ओवर में छह गेंदें फेंकी जाती हैं। प्रत्येक टीम को एक दिवसीय मैच पचास ओवर और टी-20 मैच 20 ओवर खेलने को मिलते हैं। जो टीम अधिक रन बना लेती है, उसे विजयी घोषित किया जाता है। विराट कोहली मेरा सबसे प्रिय खिलाड़ी है।

जरूर पढ़े- 10 lines on Cricket in Hindi

———————————–

इस लेख के माध्यम से हमने Mera Priya Khel Par Nibandh | Essay on My Favourite Game in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

Mera Priya Khel in Hindi Essay
nibandh mera priya khel
mera priya khel nibandh
Hindi Essay My Favourite Game Kabbadi
Hindi Essay My Favourite Game Hockey
Hindi Essay My Favourite Game Badminton
Hindi Essay My Favourite Game Football
Hindi Essay My Favourite Game Cricket

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *