Essay on Shivaji Maharaj in Hindi- छत्रपति शिवाजी महाराज निबंध

In this article, we are providing an Essay on Shivaji Maharaj in Hindi- छत्रपति शिवाजी महाराज निबंध- जीवन परिचय, जीवन की प्रमुख घटनाएँ & Shivaji Maharaj Biography / History in Hindi

Essay on Shivaji Maharaj in Hindi- छत्रपति शिवाजी महाराज निबंध

Chhatrapati Shivaji Maharaj Nibandh

बीजापुर में मुसलमान शासक था। उसी समय सन् 1627 ई० में शिवनेरी दुर्ग में एक सितारा चमका। शाहजी की धर्मपत्नी जीजाबाई की कोख से एक बालक जन्मा, जिसका नाम छत्रपति शिवाजी था । आपके जन्म के कुछ समय पश्चात सौत के आ जाने से जीजाबाई शिवनेरी दुर्ग छोड़कर पूना चली आईं। आप विश्व में प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ कहलाये। आपका उच्च चरित्र बनाने में माता ने कुछ उठा न रखा था। आप ने बचपन में अपनी माता से धार्मिक पुस्तकें रामायण, महाभारत और बड़े-बड़े वीर योद्धाओं की कहानियाँ सुनीं, जिससे आप में शौर्य और उत्साह कूट-कूट कर भर गया । आप शैशवकाल से ही मल्ल-युद्ध, भाले-बर्छ और बाण-विद्या सीखने लग गए थे। आप थोड़े दिनों में ही सब कुछ सीख गए। आप पर जातीय और प्रेमभरी शिक्षाओं का प्रभाव समर्थ गुरु रामदास जी का पड़ा।

अभी बचपन ही था, आपने बालकों के दल बना-बनाकर कृत्रिम युद्ध आरम्भ कर दिए। फिर कुछ ही काल में अपनी शक्ति बढ़ा ली । आपके पिता शाहजी बीजापुर के बादशाह के यहाँ उच्च पद पर थे। वे चाहते थे कि शिवाजी भी बादशाहत में ही कोई उच्च-पद प्राप्त करें। परन्तु शिवाजी पर कुछ और ही रंग चढ़ा था। आपने उधर कुछ ध्यान ही न दिया और दल बनाकर बीजापुर के दुर्गों पर धावे बोलने लगे। 19 वर्ष की आयु में ही शक्ति बढ़ानी आरम्भ की और दो ही वर्षों बाद तोरण, सिंहगढ़, पुरन्दर आदि दुर्गों पर अधिकार जमा करके मुगलों से भिड़ने लगे। आपके पास सेना थोड़ी थी। डटकर सामना करना कठिन था। पहाड़ों में छिपे रहते थे। तभी आपको पहाड़ी चूहा भी कहा गया।

दिल्ली में औरंगजेब का शासन था। उसने शिवाजी को जयसिंह के द्वारा अपने पास बुलवाया। वहाँ आपका उचित सम्मान न हुआ, इसलिये आप बिगड़ गये। वहीं बादशाह ने बन्दीगृह में आपको बन्दी बनवा लिया। आपको यह पता लग गया थौ कि औरंगजेब मौत के घाट उतारना चाहता है। आप चतुर तो थे ही। रोगी होने का बहाना किया और फिर नीरोगी होना भी प्रसिद्ध कर दिया। अपनी आरोग्यता पर मिठाई बाँटनी आरम्भ की और अवसर पाकर मिठाई के टोकरे में बैठकर कारागार से निकल भागे। अपना सिर मुडवा कर काशी और जगन्नाथपुरी तीर्थों के दर्शन करते हुए अपनी राजधानी जा पहुंचे।

कुछ काल पश्चात् मुगलों से युद्ध छिड़ा। इस अवसर पर सन्धि कर ली। औरंगजेब आपका राजा घोषित कर दिया। लेकिन सिंह और सियार की क्या बराबरी? कुछ समय बाद फिर युद्ध ठन गया। शिवाजी शक्तिशाली हो चुके थे। आपने सूरत और कई नगरों को लूटकर रायगढ़ में अपनी राजधानी बनाई और राज्याभिषेक कराया।

अभी आप अपने राज्य को भली प्रकार सम्भाल भी न पाए थे कि सन् 1880 ई० में 53 वर्ष की आयु में स्वर्ग सिधार गये।

शिवाजी में राज्य-प्रबन्ध की विलक्षण शक्ति थी। एक प्रसिद्ध कवि भूषण आपके दरबारी कवि थे, जिन्होंने शिवाजी की प्रशंसा में ‘शिवराज विजय’ ग्रन्थ लिखा है। हमें आपसे वीरता सच्चरित्रता और जाति की उन्नति की शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए।

Essay on Guru Nanak Dev Ji in Hindi

ध्यान दें– प्रिय दर्शकों Essay on Shivaji Maharaj in Hindi आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे

3 thoughts on “Essay on Shivaji Maharaj in Hindi- छत्रपति शिवाजी महाराज निबंध”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *