छोटा परिवार सुखी परिवार निबंध- Small Family Essay in Hindi Language

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छोटा परिवार सुखी परिवार निबंध- Small Family Essay in Hindi Language

 

Chhota Parivar Sukhi Parivar Essay in Hindi

छोटा परिवार सुखी परिवार आजकल सरकार इस निनाद का प्रचार कर रही है -“छोटा परिवार सखी परिवार” । वास्तव में छोटा परिवार बड़े परिवार की तुलना में सखी होता है। बड़े परिवार में सदस्यों की संख्या अधिक होती है । कमानेवाले एक या दो होते हैं और खानेवाले बहुत होते हैं । आय कम और खर्च अधिक होता है । इसलिए सब सदस्यों की आवश्यकतायें पूरी नहीं की जा सकतीं । सब को पौष्टिक भोजन और अच्छे कपड़े नहीं मिलते । बच्चों को उच्च शिक्षा की अच्छी सुविधायें नहीं प्राप्त होती । घर में भी उनकी छोटी-छोटी आवश्यकताएँ पूरी नहीं होतीं । जहाँ अभाव होता है, वहाँ सुख कैसे मिलता?

छोटे परिवार में माँ-बाप के अतिरिक्त दो-तीन बच्चे ही होते । सदस्यों की संख्या कम होती है । इसलिए सबकी आवश्यकताओं को पूरा करने पर श्रद्धा ली जाती है । बच्चों को अच्छी शिक्षा, अच्छे कपड़े, अच्छा भोजन आदि मिलते हैं । माँ – बाप को अपने बच्चों की समस्याओं को समझने और उन्हें दूर करने का अधिक अवकाश मिलता है । इसलिए छोटा परिवार सुखी परिवार होता है । छोटे परिवारों से देश की अनेक समस्यओं का . समाधान होता है । छोटे परिवार को बनाने में परिवार नियोजन बड़ा सहायक है । इसलिए सरकार परिवार नियोजन को खूब प्रोत्साहन दे रही है।

 

Essay on Small Family in Hindi | छोटा परिवार पर निबंध

परिवार समाज की एक छोटी ईकाई है और प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में परिवार बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। पहले के समय में कई पीढ़ी और कई परिवार एक साथ मिल जुलकर एक ही छत के नीचे रहते थे और परिवार बहुत बढ़े हुए करते थे। उस समय में जनसंख्या कम हुआ करती थी और संसाधन भी परिपूर्ण थे लेकिन समय के साथ साथ लोगों की जरूरतों में वृद्दि होने लगी और संसाधनों में भी कमी आ गई और लोग छोटे परिवारों में रहने लगे ताकि जितने लोग है उनकी सभी जरूरतों को पूरा कर सके।

छोटे परिवार में केवल माता पिता और उनके दो या तीन बच्चे होते हैं। छोटे परिवार को सुखी परिवार इसलिए कहा जाता है क्योंकि लोगों की एक परिवार में संख्या कम होने के कारण बच्चों का पालन पोषण, भोजन, कपड़ा और अन्य सुख सुविधाओं को आसानी से पूरा किया जा सकता है। छोटे परिवार में जिम्मेदारी को लेकर कोई कलेश नहीं होता है और न ही एक व्यक्ति को 15-20 लोगों का भार उठाना पड़ता है। छोटे परिवार में व्यक्ति जितना कमाता है उतने में अपने परिवार का भरन पोषण अच्छे से कर सकता है और बाद में न ही बच्चों में संपत्ति के लिए विवाद होंगे।

छोटे परिवार और सुखी परिवार का कथन जनसंख्या को कम करने के लिए ही किया गया था। सभी पुरूषों और महिलाओं को यह बाद समझनी चाहिए कि 10-12 बच्चों की बजाय दो बच्चों वाला परिवार अत्यधिक सुखी होगा क्योंकि उनकी सभी जरूरतें आसानी से पूरी होंगी और ऐसा करने से जनसंख्या नियंत्रित रहेगी जिससे कि गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्याएँ इत्पन्न नहीं होगी और देश भी संपन्न बनेगा और प्रगति की राह पर अग्रसर होगा। अत: सभी पुरूषों और महिलाओं को छोटे परिवार को अपनाना चाहिए और एक सुखद जीवन बिताना चाहिए।

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