In this article, we are providing Essay on Green Revolution in Hindi हरित क्रांति पर निबंध | Nibandh। Essay in 200, 300, 500 words For Class 7,8,9,10,11,12 Students. Speech & Green Revolution
हरित क्रांति पर निबंध- Essay on Green Revolution in Hindi
Harit Kranti Essay in Hindi ( 700 words )
भूमिका
भारत एक कृषि प्रधान देश है यहां पर 80% से ज्यादा की संख्या में लोग गांव में रहते हैं। और कृषि उत्पादक का कार्य करते हैं भारत विश्व में 15 नंबर पर आता है कृषि उत्पादन में, लेकिन आज जो स्थिति भारत की है। उसका कहीं ना कहीं श्रेय भारत में हुई हरित क्रांति पर जाता है,क्योंकि हरित क्रांति के बाद भारत में कृषि उत्पादन में बहुत बड़ा बदलाव आया था। भारत में आज़ादी के बाद अकाल पड़ गया था जिसकी वजह से हरित क्रांति नीति लाने की योजना बनाई गई भारत सरकार द्वारा इस योजना का नाम हरित क्रांति दिया गया ग्रीन रिवॉल्यूशन।
हरित क्रांति क्या है? What is Green Revolution in Hindi
हरित क्रांति से अभिप्राय कृषि उत्पादन में होने वाली उस भारी वृद्धि से हैं, जो कृषि की नई नीति अपनाने के कारण हुई, भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1966 से 1967 के बीच एम •एस •स्वामीनाथन द्वारा की गई । एम •एस स्वामीनाथन पौधों के जेनेटिक वैज्ञानिक थे। हरित क्रांति का सबसे ज्यादा असर गेहूं और चावल की फसलों पर पड़ा हरित क्रांति आने के बाद मोटे अनाज और दलहन उत्पादन कम हो गया था।
भारतीय कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट 2009 के अनुसार 1960 -61 से 1990 -91 कुल गेहूं उत्पादन में करीब 5 गुना बढ़ोतरी हुई और चावल में दोगुना ज्यादा बढ़ोतरी हुई हरित क्रांति नीति अपनाने के द्वारा।
हरित क्रांति के घटक?
1.हरित क्रांति में मुख्य रूप से सबसे ज्यादा योगदान अधिक उपज देने वाले बीजों का है। यह बीज बहुत जल्दी ही परिपक्व हो जाते हैं । और इन बीजों का सबसे ज्यादा उपयोग बाजरा, गेहूं ,धान, जैसी फसलों में किया जाता है लेकिन गेहूं इन सब में ऐसी फसल है जिसमें सबसे ज्यादा सफलता प्राप्त हुई और सबसे ज्यादा अनाज पैदा हुआ।
2. हरित क्रांति में रसायनों का प्रयोग किया जाता है ताकि फसल को खराब होने से बचाया जा सके शुरुआती दौर में रसायनों का प्रयोग प्रति हेक्टेयर 2 किलोग्राम का छिड़काव करके किया जाता था पर अब यह मात्रा बढ़ चुकी है जो कि हानिकारक है परंतु खेती में कोई नुकसान ना हो इसलिए इन रसायनों का छिड़काव किया जाना अनिवार्य हो गया है।
3. कई फसलों का उत्पादन हरित क्रांति में 1 साल में एक ही खेत में एक से अधिक फसलों का उत्पादन किया जाना संभव हो सका।
4. खेती में मशीनों जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर पंप आदि का इस्तेमाल किया जाने लगा।
5. हरित क्रांति आने के बाद बेहतर परिवहन, सिंचाई और भंडारण की सुविधाओं का इस्तेमाल होने लगा। गांवो में बेहतर विद्युत सुविधाएं देने की भी कोशिश की।
6. हरित क्रांति का पूर्ण लाभ हो किसानों को इसलिए विभिन्न प्रकार की कमर्शियल बैंक नेशनल बैंक के माध्यम से किसानों को क्रेडिट की सुविधा उपलब्ध कराई गई इसके चलते किसान खेती में बेहतरीन तकनीक का उपयोग कर सके और अच्छे बीजों का प्रयोग कर सकते हैं।
7. किसानों की सारी समस्याओं का हल उनको तुरंत मिले इसलिए कृषि सेवा केंद्र की स्थापना की गई और इनका एक और उद्देश्य था किसान को आगे बढ़ाएं और उनको सारी तकनीकी ज्ञान प्रदान करें और उनकी जरूरत के अनुसार उन को वित्तीय सहायता प्रदान की जाए।
हरित क्रांति के सकारात्मक परिणाम
1.हरित क्रांति के आने के बाद बहुत ही तेजी से फसलों की पैदावार में वृद्धि हुई और भारत आत्मनिर्भर हुआ। अब भारत को बाहर के देशों से अनाज खरीदने कि कोई भी आवश्यकता नहीं है और भारत में अब पर्याप्त मात्रा में फसलों का उत्पादन हो रहा है।
2. हरित क्रांति अपनाने के कारण किसानों में कृषि के लिए बहुत सारे विकल्प सामने आए और किसानों ने बहुत सारी नई तकनीकी भी अपनाई हैं। जिसकी वजह से भविष्य में कृषि उत्पादन बढ़ाने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
3. हरित क्रांति का सबसे ज्यादा प्रभाव भारत के इन राज्यों में देखा गया पंजाब ,हरियाणा ,दिल्ली ,पश्चिम बंगाल ,उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और भी बहुत से अधिक राज्य हैं हरित क्रांति के बाद किसानों के जीवन स्तर में विधि आई और मजदूरों को भी रोजगार के नए अवसर प्राप्त हुए।
4. कृषि पर आधारित उद्योगों का तेजी से विकास हुआ और साथ ही कृषि मशीनरी उद्योग में भी बढ़ोतरी हुई जैसे की कीटनाशक कृषि यंत्र कीटनाशक बनाने वाले उद्योग देश में स्थापित किए गए और हरित क्रांति का प्रचलन हुआ।
निष्कर्ष
हरित क्रांति ने बहुत ही सकारात्मक प्रभाव दिए हैं हमारे किसानों को और गरीब किसानों को उनकी गरीबी से बाहर निकालने में हरित क्रांति का बहुत ही ज्यादा योगदान है और हरित क्रांति की वजह से हमारे देश में अनाज की बढ़ोतरी हुई कृषि में हरित क्रांति का योगदान इतिहास में सबसे महान रहेगा।
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