पिता पर निबंध- My Father Essay in Hindi

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पिता पर निबंध- My Father Essay in Hindi

पापा भगवान के द्वारा दिए गए सबसे अनमोल उपहार है और हर बच्चे के लिए उसके आदर्श और नायक भी है। मेरे पापा मेरे आदर्श है और उनका नाम धर्मवीर गर्ग है। उनकी आयु लगभग 45 वर्ष है लेकिन वह अभी भी बहुत सुंदर दिखाई देते हैं। उनका व्यवहार बहुत ही ज्यादा अच्छा है। वह बड़ो के साथ बड़ो की तरह बर्ताव करते हैं और बच्चों के साथ बच्चे बन जाते हैं। उनका स्वभाव हँसमुख और खुशमिजाजी है। वह सबको हमेशा हँसाते रहते हैं लेकिन यदि कोई उनसे झूठ बोले तो वह गुस्सा कर जाते हैं।

मेरे पापा एक दुकानदार है जिनकी बिजली के सामान की दुकान हैं। वह रोज सुबह 6 बजे उठ जाते हैं और सैर के लिए जाते हैं। सैर करके आने के बाद वह मुझे बड़े प्यार से उठाते हैं और नहाने चले जाते हैं। मैं और पापा हमेशा एक साथ खाना खाते हैं। वह सुबह के 9 बजे से रात के 8 बजे तक दुकान पर रहते हैं। वह ज्यादा पड़े लिखे नहीं है पर उन्हें गणित और हिसाब किताब में कोई नहीं हरा सकता है। वह हमारा पालन पोषण करने के लिए कठिन मेहनत करते हैं। वह रात को खबरें जरूर देखते हैं। उन्हें घुमना फिरना भी बहुत पसंद है इसलिए वह साल में एक बार अवश्य कहीं न कहीं घुमने जाते हैं। मेरे पापा सकारात्मक विचारों वाले हैं जो हर बात में कुछ न कुछ अच्छा खोज लेते हैं।

पापा के बहुत सारे दोस्त भी हैं जिनसे वह हर हफ्ते मिलते हैं। सभी लोग मेरे पापा की बहुत प्रसन्नसा करते हैं। एक बार मेरे पापा ने मेरी खुशी के लिए स्कूल में नाच प्रतियोगिता में भाग भी लिया था। वैसे तो मेरे पापा का हृदय बहुत ही कोमल है लेकिन वह पढ़ाई के मामले में बहुत ही सख्त है। लोग कहते है कि मैं उनके जैसा दिखता हूँ और मेरा हर काम उनके जैसा है। मैं बिल्कुल अपने पापा के जैसे कठिन मेहनत करने वाला और सच्चे दिल वाला व्यक्ति बनना चाहता हूँ। मेरे पापा मुझे हर कदम पर सहयोग देते हैं और मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। वह पल पल मेहनत करके मुझे एक सुरक्षित भविष्य देना चाहते हैं। मेरे पापा दुनिया के सबसे अच्छे पापा है और मैं उनसे बहुत ज्यादा प्यार करता हूँ। उनकी हर बात मुझे जिंदगी जीना सिखात है और उनके समझाने का अंदाज भी बहुत ही निराला है। मेरे पापा मेरी जिंदगी के नायक है जो मुझे हर मुसीबत से बचाते हैं और मजबूत भी बनाते हैं।

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