हंस पर निबंध- Essay on Swan in Hindi Language

In this article, we are providing information about Swan in Hindi- Short Essay on Swan in Hindi Language. हंस पर निबंध- Hans par Nibandh.

हंस पर निबंध- Essay on Swan in Hindi Language

हंस जल में रहने वाला एक बहुत ही खुबसूरत पक्षी है जो कि अन्य पक्षियों से बड़ा होता है। पूरे विश्व में हंस की सात से भी अधिक प्रजातियाँ पाई जाती है। हंस अधिकतर सफेद और काले रंग में पाए जाते हैं। हंस के पंख बहुत ही मुलायम होते हैं और उनका व्यास लगभग 3.1 मीटर तक हो सकता है। हंस की गर्दन पतली और लंबी होती है। हंस की औसतन आयु 10 वर्ष होती है और इनका अधिकतम वजन 12 किलो तक होता है। हंस स्वभाव से बहुत ही शर्मीले होते हैं जो कि मनुष्य के नजदीक आने पर दुर भाग जाते हैं।

हंस ज्यादातर तालाब, नदियों और नहरों में रहते हैं। हंस सर्वाहारी होते हैं। यह बीज, बेरी, कीड़े मकौड़े और छोटी मछलियों को खाते हैं। हंस का मुँह और आँखे उसके शरीर के मुताबिक काफी छोटी होती है। हंस के पैर झिल्लीदार होते हैं जिससे उन्हें तैरने में सहायता मिलती है। हंस के दाँत नहीं होते हैं और इनकी चोंच लाल, नारंगी केसरी आदि विभिन्न रंगों की होती है।

हंस को सरस्वती माँ का वाहन कहा जाता है। यह सुख और समृद्धि का प्रतीक है। मादा हंस एक समय में 5-7 अंडे देती है। वह सरोवर के पास घास या झाड़ियों में अंडे देती है और उनपर बैठी रहती है। हंस के बच्चे अंडे में से 35-40 दिन में बाहर आ जाते हैं। हंस की हत्या हिंदु धर्म में बहुय बड़ा पाप है। हंस की सुंदरता सभी को अपनी तरफ आकर्षित कर लेती है। हंस कभी भी किसी को भी नुकसान नहीं पहुँचाते है लेकिन यदि कोई उन्हें हानि पहुँचाए तो ये उसका पीछा करते है और काटते हैं।

हंसो के बारे में प्रचलित है कि यह मानसरोवर में रहते हैं और मोती चुगते हैं। हंस को सभी पक्षियों में सबसे पवित्र पक्षी माना जाता है।

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