अंधविश्वास पर निबंध- Essay on Superstitions in Hindi

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अंधविश्वास पर निबंध- Essay on Superstitions in Hindi

भूमिका- अंधविश्वास आज के समय की सबसे बड़ी समस्या है। किसी पर भी अंधाधुंध यकीन करना अंधविश्वास कहलाता है। भारत की अधिकतर जनसंख्या बाबा, तांत्रिकों आदि में अंधविश्वास रखती है। पाखंडी बाबा लोगों के मन में डर को पक्का करके उनका भरोसा जीत लेते हैं और लोग भी समस्या से छुटकारा पाने के लिए उनपर हद से ज्यादा विश्वास करते हैं।

अंधविश्वास के कारण- हर व्यक्ति को अपने जीवन में कोई न कोई समस्या होती है जिससे वह जल्दी से जल्दी से निजात पाना चाहता है और ऐसे में उसे यदि समस्या का हल करने वाले पाखंडी बाबा मिल जाते हैं तो वह उनपर अंधविश्वास करने लगता है। ये पाखंडी बाबा कहते हैं कि वो प्रेम विवाह, जायदाद संबधी समस्या, संतान सुख प्राप्ती आदि कि समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। अंधविश्वास की शिकार मुख्य रूप से महिलाएँ पाई जाती है।

अंधविश्वास के नुकसान- अंधविश्वास से मनुष्य को जान माल और इज्जत की हानि होती है। व्यक्ति इतना ज्यादा अंधविश्वासी हो चुका होता है कि वह हर काम पाखंडी बाबा के कहने के अनुसार करता है जिससे ये तांत्रिक उनसे मोटी रकम वसुलते है और कई बार बच्चों की बली भी देते हैं। जो महिलाएँ अपनी समस्या के समाधान को लिए बाबा के पास जाती है वो कई बार अपनी इज्जत भी गवाँ बैठती है।

अंधविश्वास को रोकने के उपाय- सरकार द्वारा काला जादु और नर बली पर प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है लोगों में जागरूकता होना और उनकी सोच। लोगों को सारी चीजों को विग्यान से जोड़कर विचार विमर्श करके ही किसी पर विश्वास करना चाहिए और उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि भाग्य को कोई भी तांत्रिक नहीं बदल सकता है वह केवल निर्माता के हाथ में है।

निष्कर्ष- अंधविश्वास समाज में फैलती हुई बुराई है जिसे छुटकारा पाने के लिए लोगो में जागरूकता का होना आवश्यक है अन्यथा बहुत से लोग अपना धन और इज्जत गवाँ बैठेंगे।

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