डाकिया पर निबंध- Essay on Postman in Hindi

In this article, we are providing information about Postman in Hindi- A short Essay on Postman in Hindi Language. डाकिया पर निबंध, Dakiya Par Nibandh for class 1,2,3,4,5,6,7,8 students.

डाकिया पर निबंध- Essay on Postman in Hindi

Essay on Postman in Hindi

Dakiya Par Nibandh | Essay for kids ( 100 words )

डाकिया जन-सेवक है। वह खाकी वर्दी पहनता है, वह पत्र इकट्ठे करता है और लिखे हुए पते पर पहुँचाता है। वह नियमित और समय का पक्का है। वह ईमानदार है। वह हर मौसम में अपना कर्त्तव्य पूरा करता है चाहें वह अच्छा हो या बुरा हो। अक्सर अच्छे समाचार के लिए उसकी प्रतिक्षा और बुरे के लिए उसकी बुराई की जाती है। लोगों के लिए वह कर्त्तव्य, समय की पाबन्दी, और कठोर परिश्रम का चिन्ह है। कई बार वह अनपढ़ लोगों को पत्र पढ़ कर सुनाता है। वह ग्रामीण लोगों का मित्र और मार्गदर्शक है। उसे काम के लिए थोड़ी-सी तन्खाह दी जाती है। रिटायरमैन्ट (सेवा-निवृत्ति) के बाद उसे थोड़ी-सी पेंशन दी जाती है।

 

Essay on Postman in Hindi in 300 words

डाकिया वह व्यक्ति होता है जो लोगों को उनके संदेश, मनी ऑर्डर आदि पहुँचाता है। इसका काम मेहनत से भरा होती है और थकावट वाला होता है। डाकिया खाकी रंग की वर्दी में होता है और इसने कंधे पर काले रंग का चमड़े का बैग टाँगा होता है जिसमें चिट्ठियाँ आदि होती है। यह साईकिल पर लोगों के घर के बाहर जाता है और उनकी चिट्ठी देता है और इसने सिर पर खाकी रंग की टॉपी पहनी होती है। यह सर्दी गर्मी और मौसम की परवाह किए बिना अपना कार्य करता रहता है। यह पहले डाकखाने जाकर अपने इलाके की चिट्ठी अपने बैग में डालता है और फिर उन्हें बाँटने निकल जाता है। यह कुछ लोगों के लिए खुशी भरा संदेश लेकर जाता है तो कुछ कै लिए दुखद समाचार लेकर जाता है। पूरे दिन मेहनत का काम करन के बावजूद भी इसका वेतन बहुत कम होता है पर कभी कभी दिवाली आदि त्योहारो पर लोग खुश होकर इन्हें कुछ पैसे और मिठाई आदि दे देते हैं।

डाकिया समाज सेवक है जो कि समाज के लिए बहुत उपयोगी है और संचार वाहक की तरह काम करता है। डाकिया को जिम्मेदार, ईमानदार और निष्ठापूर्ण होना चाहिए। डाकिया की लापरवाही की वजह से लोगों के संदेश समय से उन तक नहीं पहुँच पाते हैं या फिर कहीं ओर चले जाते हैं। अगर यही लापरवाही मनी आर्डर के साथ हो तो वह अपराध बन जाता है इस तरह एक लापरवाह डाकिया समाज के लिए हानिकारक कहलाता है। सरकार को भी डाकिया की आर्थिक स्थिति की तरफ ध्यान देना चाहिए और उन्हें भी एक बेहतर जीवन देना चाहिए। हमें डाकिए को प्रति दया पूर्ण व्यवहार रखना चाहिए और डाकिए को भी विनम्र होना चाहिए। डाकिया को स्वस्थ होना चाहिए ताकि वह अपना काम अच्छे से कर सके और लोगों की सहायता कर सके। समय के साथ साथ डाकिया का कार्य कम हुआ है क्योंकि चिट्ठियों का प्रचलन कम हुआ है।

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