In this article, we are providing information about Golden Temple in Hindi- Golden Temple History in Hindi Language. हिस्ट्री ऑफ गोल्डन टेम्पल | स्वर्ण मंदिर का इतिहास और रोचक तथ्य
स्वर्ण मंदिर का इतिहास और रोचक तथ्य- Golden Temple History in Hindi
स्वर्ण मंदिर पंजाब राज्य के शहर अमृतसर में स्थित सिक्खों का धार्मिक स्थल हैं। यहाँ पर हर धर्म को लोग जा सकते है। स्वर्ण मंदिर को हरमंदिर साहब और दरबार साहब को नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर हर समय लंगर और हलवे की व्यवस्था रहती है। रोज सुबह ढाई बजे गुरू ग्रंथ साहिब को उनके कक्ष से श्रदालु पालकी में भजन कीर्तन को साथ दरबार में लातो हैं और फिर रात को उसी प्रकार उनको कक्ष में लो जाते हैं।
History of Golden Temple in Hindi
Swarn Mandir History in Hindi ( Who built Golden Temple ) स्वर्ण मंदिर का निर्माण सिक्खों के पाँचवे गुरू अर्जुद देव ने करवाया था। उन्होंने 1588 में लाहौर को संत मिया मीर से मंदिर की नींव रखवाई थी। अमृतसर जिस सरोवर के बीच में द्वीप पर स्थित है उस सरोवर को सिक्खों के चौथे गुरू राम दास ने बनवाया था। स्वर्ण मंदिर को बहुत बार क्षति पहुँचाई गई थी पर जितनी बार भी इसे नष्ट किया गया उतनी बार ही श्रदालुओं ने इसे दोबारा बनाया है और मंदिर में इतिहास को दिखाया भी गया है। 17वीं सदी में महाराजा सरदार जस्सा सिंह अहलुवालिया ने इसे दोबारा बनवाया था। अफगवान हमलावरों के मंदिर को नष्ट करने पर 19 वीं सदी में महाराजा रणजूत सिंह ने इसे दोबारा बनवाया था।
स्वर्ण मंदिर की वस्तु कला | Architecture Information about Golden Temple in Hindi
हरमंदिर साहिब का शिल्प सौंद्रय बहुत ही अनोखा है। मंदिर का नक्शा स्वयं गुरू अर्जुन देव जी ने तैयार किया था। मंदिर को संगमरमर के पत्थर से बनाया गया है जिसकी दिवारों पर सोने की पत्तियों से नक्काशी की गई है। इसका बाहरी आवरण सोने का होने को कारण ही इसो स्वर्ण मंदिर कहा जाता है। इसमें दो बड़े और बहुत सारे छोटे तीर्थ स्थल है।
1. द्वार- हरमंदिर साहिब के चार द्वार है जो यह दर्शाते हैं कि यहाँ पर किसी भी दिशा से किसी भी धर्म और जाति के लोग आ सकते हैं।
2. सरोवर- हरमंदिर साहिब सरोवर से घिरा हुआ है। इस सरोवर को अमृत सरोवर और अमृत झील के नाम से भी जाना जाता है। व्यक्ति मंदिर में प्रवेश करने से पहले सरोवर में पैर धोता है या फिर स्नान करता है। मंदिर को सरोवर को किनैरो से पुल के माध्यम सो जोड़ा गया है।
3. बेरी का पेड़- सरोवर को पास बेरी का पेड़ है जिसे बेर बुड्डा बाबा को नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि जब स्वर्ण मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा था तब बाबा बुड्डा यहाँ बैठकर कार्य की निगरानी करते थे।
4. अकाल तख्त- अकाल तख्त संगमरमर से बनी इमारत है जिसका निर्माण 1606 में हुआ था। उस समय यहाँ पर कई बहुत अहम निर्णय लिओ जाते थे। यह गुरद्वारे के बाहर बाईं तरफ स्थित है। यहाँ पर दरबार साहिब स्थित है।
स्वर्ण मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य | Konark Temple Information and Facts in Hindi
1. स्वर्ण मंदिर जमीन की सतह से ज्याद ऊँचा नहीं बना है।
2. स्वर्ण मंदिर में सिक्ख धर्म की ऐतिहासिक वस्तुएँ भी दिखाई जाती है जिसे देश विदेश के लोग देखते हैं।
3. स्वर्ण मंदिर को देखने दिन में 40000 लोग आते हैं जबकि ताजमहल को देखने केवल 12000 लोग ही आते हैं।
4. स्वर्ण मंदिर को पहले ईंटो और पत्थरों से बनाया गया था लोकिन बाद में इसे संगमरमर से बनाकर इसपर सोने की परत चढ़ा दी गई थी।
5. स्वर्ण मंदिर के लिए जमीन मुगल शासक अकबर ने दान की थी।
6. प्रथम विश्व युद्ध में जीत प्राप्त करने के लिए ब्रिटिश ने यहाँ पर अखंड पाठ करवाया था।
#Amritsar Golden Temple History in Hindi
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