In this article, we are providing information about Self Confidence in Hindi- Short Essay on Self Confidence in Hindi Language. आत्मविश्वास पर निबंध, Aatmvishwas par Nibandh for students.
आत्मविश्वास पर निबंध- Essay on Self Confidence in Hindi
( Essay-1 ) Atmavishwas Par Nibandh Essay in Hindi | आत्मविश्वास पर निबंध
प्रस्तावना
आत्मविश्वास का अर्थ होता है स्वयं पर विश्वास। किसी भी कार्य को करने के लिए व्यक्ति का स्वयं पर विश्वास होना अति आवश्यक है क्योंकि इस विश्वास के सहारे ही वह उस कार्य में सफलता प्राप्त कर सकता है। आत्म विश्वास सफलता की सबसे बड़ी पूँजी है।
आत्म विश्वास की उत्पति
कुछ लोगों में आत्म विश्वास बचपन से ही होता है जबकि कुछ लोगों में आत्म विश्वास समय के साथ उत्पन्न होता है। माता पिता को चाहिए कि वह बच्चों को हमेशा प्रोत्साहित करे और उनके आत्म विश्वास को बढ़ाए। स्कूल में अध्यापक भी बच्चों को विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और उन्हें उनके हूनर के बारे में बता उस क्षेत्र में उनका अत्मविश्वास बढ़ाते हैं। व्यक्ति को खुद भी किसी भी कार्य को करने के लिए अपने उपर विश्वास करना चाहिए और दृढ़ इच्छा शक्ति रखनी चाहिए।
सफलता
जिस व्यक्ति में आत्म विश्वास होता है सफलता उस व्यक्ति के कदम चुमती है। हर क्षेत्र में लोग उसी व्यक्ति को पसंद करते है जो विश्वास से भरा हो और दिए हुए कार्य को करने में सक्षम हो और अपनी बात लोगों को आसानी से समझा सके। जिस व्यक्ति में आत्म विश्वास होता है वह अकेला ही सौ के बराबर होता है। इतिहास में बहुत से ऐसे व्यक्ति हुए है जिन्होंने अपनी मेहनत और आत्म विश्वास को बल पर ही सफलता को प्राप्त किया है।
निष्कर्ष
आत्मविश्वास प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत आवश्यक है। आत्मविश्वास की उत्पति दृढ़ संकल्प से होती है। किसी भी व्यक्ति को चाहिए कि यदि वह कोई भी कार्य करने की ठान लेता है तो उसे खुद पर यकीन रखना चाहिए कि वह उसे सही तरीके से पूर्ण भी कर लेगा। व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में अपना आत्म विश्वास नहीं खोना चाहिए। आत्म विश्वास सफलता की चाबी है जिसे हर व्यक्ति के पास होना चाहिए।
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( Essay-2 ) Essay on Self Confidence in Hindi | आत्मविश्वास पर निबंध
प्रस्तावना
आत्मविश्वास का ज्ञान होते ही मनुष्य में दुगुना बल आ जाता है । हनुमान् जब अपने साथियों के साथ सीता की खोज में निकले तो पहाड़, जंगल, मैदान छान मारे; परन्तु सीता का पता न लगा। आगे समुद्र आ गया । सब थककर चूर हो चुके थे । वहीं धम्म से बैठ गये । वे सोचने लगे कि अब क्या करें ? उस समय जाम्बवान् ने ललकारा। उसने हनुमान् के आत्मविश्वास को जगाया। आत्मविश्वास का बोध होते ही हनुमान् की शक्ति के सामने समुद्र की शक्ति तुच्छ हो गई । अपनी बाँहों के बल पर हनुमान् समुद्र को तैरकर लंका में जा पहुँचे ।
आत्मविश्वासी चाहे लकड़हारा हो या लुहार, किसान हो या गड़रिया, वैज्ञानिक हो या नाविक – वह भरोसे का आदमी होता है । वह इज्जत के लायक आदमी होता है । वह आत्म- विश्वासी दृढ़ मनुष्य होता है । वह फौलाद का बना हुआ होता है । ऐसा मनुष्य अपनी पत्नी तथा बच्चों के लिए आवश्यकता पड़ने पर अपना सारा धन लुटा सकता है । अपने पड़ोसियों के लिए वह जी खोलकर खर्च कर सकता है । अपने देश और देश- वासियों के लिए वह सारे जीवन की कमाई कुर्बान कर सकता है । भामाशाह ने ऐसा ही किया था ।
आत्मविश्वासी विद्यार्थी को अपनी सफलता पर अटूट विश्वास होता है । वह कमजोर विद्यार्थी की उदारता से सहायता करता है । आत्मविश्वासी मजदूर नौसिखिये को काम का ढंग सिखाकर अपना मित्र बना लेता है । आत्मविश्वासी कारीगर बहुत से नये कुशल कारीगर तैयार कर देता है ।
आत्मविश्वास के बल पर एक व्यापारी थोड़ी पूँजो से व्यापार चलाकर बड़े से बड़ा उद्योग खड़ा करने में सफल हो जाता है । वह आत्मविश्वास के ही बल पर अनगिनत लोगों के लिए जीविका के साधन पैदा कर देता है । जीविका यानी रोजगार देने से बढ़कर सहायता दूसरी नहीं हो सकती ।
निष्कर्ष
आत्मविश्वास से अपनी सहायता आप करने की हिम्मत पैदा होती है । आत्मविश्वास के बल पर मनुष्य कठोर से कठोर धरती पर भी हल चला लेता है । आत्मविश्वासी कहता है- ‘मुझे कठिन काम दीजिए । मैं उसे करूँगा ।’
# Self Confidence Essay in Hindi
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