जैसलमेर किले का इतिहास और तथ्य- Jaisalmer Fort History in Hindi

In this article, we are providing information about Jaisalmer Fort in Hindi- Jaisalmer Fort History in Hindi Language. हिस्ट्री ऑफ जैसलमेर फोर्ट | जैसलमेर किले का इतिहास और तथ्य

जैसलमेर किले का इतिहास और तथ्य- Jaisalmer Fort History in Hindi

जैसलमेर किला भारत के राज्यस्थान राज्य के जैसलमेर शहर में स्थित है। यह थार मरूस्थल के त्रिकुटा पर्वत पर खड़ा है और यहाँ पर दुनिया का सबसे बड़ी किलेबंदी है। यह एक वर्लड हेरिटेज साईट भी है।

Jaisalmer Fort History in Hindi

Jaisalmer kila ka itihas 1156 ईस्वी में जैसल रावल ने जैसलमेर के किले को बनवाया था।1276 में जेत्सी के राजा ने दिल्ली के सुल्तान पर आक्रमण किया जिसके 8 साल बाद सुल्तान की सेना ने किले का विनाश कर दिया था और तब भाटियों ने किले पर नियंत्रण करने की कोशिश की थी। 1306 में दोदू को उनकी बहादुरी के कारण किले का रावल चुन लिया गया था और तभी से उसने किले का निर्माण कार्य शुरू करवा दिया था। लेकिन वह मुगलों के हमलों का सामना नहीं कर पाया और 1570 में अकबर की शरण में चला गया। 13वीं शताब्दी में किले पर अलाउद्दीन खिजली ने आक्रमण किया और 9 साल तक राज किया। उसके बाद 1541 में हुमायु ने किलो पर आक्रमण किया। यह किला 1762 तक मुगल शासकों के अधीन रहा। 12 दिस्मबर 1918 को अंग्रेजों के समझौते के बाद किला राजा मूलराज के अधीन रहा। 1920 में किले पर मूलराज के पोते गज सिंह ने नियंत्रण लिया। जैसलमेर के किले ने 1965 और 1971 में हुए भारत पाकिस्तान के युद्ध में अपनी महानता को साबित किया था।

जैसलमेर किले की वस्तु कला- Architecture Information about Jaisalmer Fort in Hindi

यह किला मुख्यतः मुगल शैली में बना हुआ है। यह तिकोनाकार पर्वत पर बना हुआ है जिसकी ऊँचाई 250 फीट है। यह किला 1500 फीट लंबा और 750 फीट चौड़ा है। यह किला पीले बलुआ पत्थरों से बना हुआ है जो कि धुप में सुनहरा दिखाई देता है। इसमें तीन दिवारों की परत है जिसमें बीच वाली परत साँप के आकार की है। बाहरी और निचली दिवार ठोस पत्थरों से बनी हुई है। किले में सुरक्षा के लिए 99 बुर्ज है जिन्हें बनाने में काफी समय लगा था। इनमें से 92 बुर्ज 1634-1647 के बीच में बने थे। बुर्ज के उपर खाली भाग में तोप चलाने के लिए कंगूरे बने हुए थे और बुर्ज के नीचे कमरे बने हुए है।

किले में 4 मुख्य द्वार है-

1.अखैपोला द्वार किले के पूर्व में स्थित है और यह किले का मुख्य द्वार है जिसके सामने आंगन छोडा गया है।

2. दुसरे द्वार बैरीशाल बुर्ज के पीछे छिप जाता है और इतना तंग है कि उसमें से एक समय में ज्यादा लोग अंदर नहीं आ सकते।

3. किले के तीसरे द्वार को गणेश पोल के नाम से जाना जाता है।

4. किले का चौथा द्वार रंगपोल है।

किले में एक रणछो मंदिर है जिसे महाराज अखैलसिंह की माता ने 1761 में बनवाया था। किले में 700 से ज्यादा पक्के मकान है जिनकी खिड़कियाँ और झरोंखों पर महीन नक्काशी की गई है।

इस किले में बहुत से महल भी हैं। सर्वोत्म महल बहुत ही सुंदर है जिसे बनाने के लिए नीली चीनी मिट्टी और युरोप से आए काँच का जड़ाऊ काम किया गया है। इसे शीशमहल के नाम से भी जाना जाता है। इसे महाराज अखैसिंह ने बनवाया था। हवा पोल के ऊपर भी एक महल बना है जो कि तीन मंजिला है और इसमें हॉल और दालान हैं। प्रत्येक तल में राज सभा दरबार है। इसकी दीवारों पर सुंदर नक्काशी की गई है।

Jaisalmer Fort Information and Facts in Hindi | जैसलमेर किले से जुड़े रोचक तथ्य

1. इस किले को बनाने के लिए कहीं पर भी चूने का इस्तमाल नही किया गया है।

2. इस किले के उपर एक उपन्यास भी लिखा गया था जिसे बाद में फिल्माया गया था।

3. इसमें एक जलनिकासी सिस्टम भी है जिसे घुट नाली नाम दिया गया है जो बरसात के पानी को किले से बाहर करता है।

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