In this article, we are providing Essay on Terrorism in Hindi. आतंकवाद पर निबंध (Aatankwad par Nibandh), आतंकवाद : एक गंभीर समस्या-अंतरष्ट्रिीय स्तर पर एक समस्या, आतंकवाद के पोषक तत्त्व, कश्मीर समस्या।
आतंकवाद पर निबंध- Essay on Terrorism in Hindi
वर्तमान में आतंकवाद हमारे देश के लिए ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एक समस्या बन गया है। आतंकवाद से अभिप्राय अपने प्रभुत्व व शक्ति से जनता में भय की भावना का निर्माण कर अपना उद्देश्य सिद्ध करने की नीति के विस्तार से है। हमारा देश भारत सबसे अधिक आतंकवाद की चपेट में है। पिछले दस-बारह वर्षों में हजारों निर्दोष लोग इसके शिकार हो चूका है। अब तो जनता के साथ-साथ सरकार को भी आतंकवाद का सामना करना पड़ रहा है।
वर्तमान शासन प्रणाली को हिंसात्मक हथकंडो से समाप्त करना या उनसे अपनी बात मनवाना ही आतंकवाद का मुख्य उद्देश्य है।आतंकवाद के मूल में सामान्यत: असंतोष एवं विद्रोह की भावनाएँ केंद्रित रहती हैं। धीरे-धीरे अपनी बात मनवाने के लिए आतंकवाद का प्रयोग एक सामान्यत: असंतोष एवं विद्रोह की भावनाएँ केंद्रित रहती हैं। धीरे-धीरे अपनी बात मनवाने के लिए आतंकवाद का प्रयोग एक हाथॉयर के रूप में किया जाना सामान्य-सी बात हो गई है।
आज देश के कुछ स्वार्थी तत्त्वों ने क्षेत्रवाद को बढ़ावा देना शुरू कर इससे सांस्कतिक टकराव, आर्थिक विषमता, भ्रष्टाचार तथा भाषायी मतभेद जैसे सभी तत्त्व आतंकवाद का पोषण करते दिया है। वर्तमान में कश्मीर समस्या आतंकवाद का कारण बनी हुई है। हालांकि स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद से ही कश्मीर में हथियारबंद घुसपैठियों की समस्या उत्पन्न हो गई थी। भारत-पाक सीमा पर आतंकवादियों से सेना की मुठभेड़ आम बात हो गई है। भारतीय संसद पर हमला, गुजरात का अक्षरधाम मंदिर हमला तथा कश्मीर के रघुनाथ मदिर तथा मुंबई में हुए हमले भी आतंकवाद का ही हिस्सा है। हमारा देश ही नहीं. आतंकवाद से और भी राष्ट्र पीड़ित है। अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर व पेंटागन पर हुए आतंकवादी हमले ने आतंकवाद को अंतर्राष्ट्रीय रूप दे दिया।
आतंकवाद के मूल में राजनीति का अपराधीकरण होना तो एक कारण है ही लेकिन अंतर्राष्ट्रीय राजनीति की भूमिका भी इसके लिए कम उत्तरदायी नहीं है। आतंकवाद के नाम पर विभिन्न राष्ट्रों द्वारा एक-दूसरे पर दोषारोपण करना आम बात हो गई है। भारत में आतंकवादियों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए कुछ राष्ट्र भारत को समर्थन देने के नाम पर लामबंद होने की बात करने लगे हैं। एक समय पाकिस्तान का समर्थक रहा अमेरिका भी अब स्वयं पाकिस्तानी आतंकवाद से परेशान है।
कुल मिलाकर यदि इस पर शीघ्र ही काबू न पाया गया तो यह समूचे विश्व के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। इसलिए आतंकवाद पर विजय प्राप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय, राजनीतिक, सामाजिक आदि सभी स्तरों पर समन्वित एवं दृढ़ प्रयास किए जाने की आवश्यकता है, अन्यथा यह समूची मानव सभ्यता को अपने भस्मासुरी हस्त के नीचे भस्म कर देगा।
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