समुद्र की शादी- Akbar Birbal Short Story
एक बार, बादशाह, बीरबल के किसी मजाक पर चिढ़ गए और उन्होंने उन्हें तुरंत अपना राज्य छोड़कर जाने का हुक्म दे दिया। बीरबल चुपचाप वहाँ से चले गए। गुस्सा ठंडा होने के बाद बादशाह ने बीरबल को बहुत ढूँढ़वाया, लेकिन उनके सिपाहियों को बीरबल कहीं नहीं मिले।
अब बादशाह ने बीरबल को ढूँढ़ निकालने की एक युक्ति सोची। वे जानते थे कि बीरबल कोई भी चुनौती मिलने पर खुद को रोक नहीं पाते। उन्होंने निश्चय किया कि वे ऐसा सवाल पूछेगे, जिसका जवाब बीरबल के अलावा कोई न दे सके। अगले दिन उन्होंने सभी पड़ोसी राजाओं के पास संदेश भिजवा दिया कि वे अपने राज्य के समुद्र की शादी करवाना चाहते हैं और इसके लिए वे राजा अपने राज्य की नदियों को उनकेपास भिजवा दें।
कुछ दिनों तक बादशाह के प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं आया। अकबर को निराशा होने लगी। वे सोचने लगे कि क्या बीरबल ने चुनौतियों को स्वीकार करने की अपनी आदत छोड़ दी है। वे उम्मीद छोड़ने ही वाले थे कि तभी एक दिन एक राज्य से उनके पास एक पत्र आया जिसमें लिखा था- ‘हम समुद्र से शादी के लिए अपने राज्य की नदियों को भेजने के लिए तैयार हैं। लेकिन एक शर्त है। उनका स्वागत करने के लिए आपके राज्य के कुंओं को आधी दूरी तय करको आना होगा।’
अकबर को समझते देर न लगी कि इस तरह का उत्तर बीरबल के अलावा और कोई नहीं दे सकता। उन्होंने तुरंत अपने दूतों को उस राज्य में भेजकर बीरबल को फिर से अपने पास बुलवा लिया।
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