Essay on Republic Day in Hindi- गणतंत्र दिवस पर निबंध

In this article, we are providing an essay on Republic Day in Hindi. In this essay, you get to know- why we celebrate Republic Day/26 January and history of Republic Day in Hindi. इस निबंध में आपको पता लगेगा की हम गणतंत्र दिवस कब, क्यों और कैसे मानते है। Gantantra Diwas हमारा राष्ट्रीय पर्व है।

Essay on Republic Day in Hindi- गणतंत्र दिवस पर निबंध

जाग उठा है आज देश का वह सोया अभिमान।

प्राची की चंचल किरणों पर आया स्वर्ण-विहान।

भूमिका- उन अमर शहीदों के चरणों में कोटिश: प्रणाम है, जिन्होंने स्वतन्त्रता संग्राम के यज्ञ में अपने जीवन को आहुति के रूप में समर्पित किया है। पराधीनता की कालिमामय रात को चीर कर स्वतन्त्रता का जो सूर्य आकाश में उदित हुआ, उसके आलोक से जीवन पुष्प खिल उठा। आशा और आकांक्षा का सौरभ बिखर पड़ा, हर्ष निनाद करते हुए भ्रमर गुन्जार कर उठे। 15 अगस्त, 1947 को नवजीवन का संदेश लेकर स्वर्णिम-विहान भारतीय धरा पर उतरा और 26 जनवरी, 1950 को भारतीय गणतन्त्र का भव्य, सुदृढ़ प्रासाद निर्मित हुआ। 26 जनवरी, 1950 का दिन वह ऐतिहासिक दिन है, जब हमारे देश में अपना संविधान क्रियान्वित हुआ। इस प्रकार 26 जनवरी, 1950 को भारत वर्ष सम्पूर्ण प्रभुत्व-सम्पन्न राष्ट्र घोषित कर दिया गया। तब देश का शासन पूर्ण रूप से देशवासियों के हाथ में आ गया।

गणतंत्र का अर्थ ( Meaning of Republic Day in Hindi)– गणतन्त्र तथा प्रजातन्त्र समानार्थी शब्द हैं और यह शासन की वह पद्धति है, जिसमें प्रजा के द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि ही देश की बागडोर अपने हाथों में लेकर देश का शासन चलाते हैं तथा देश के अभ्युत्थान, सुख-समृद्धि के लिए प्रयत्नशील होते हैं। चुनाव विधि द्वारा जनता फिर से एक निश्चित अवधि के बाद नए प्रतिनिधियों को चुनती है। भारतीय संविधान में 22 भाग, 7 अनुसूचियां तथा 395 अनुच्छेद हैं। संविधान में यह स्पष्ट है कि भारत समस्त राज्यों का एक संघ होगा, जिसके अन्तर्गत चार प्रकार के राज्य होंगे। भारतीय संविधान में सभी भारतीय नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों तथा स्वत्व की रक्षा का वचन दिया गया है। भारतीय संविधान धर्म-निरपेक्षता के महान् सिद्धान्त को प्राथमिकता देता है।

पृष्ट्ठ-भूमि-अनन्त बलिदानों की गाथा- भारत की शस्यशयामला धरा को मुसलमान तथा अंग्रेज़ों जैसे अत्याचारी शासकों ने लगभग 500 वर्षों तक अपने अपवित्र कार्यों से अपावन कर दिया था। मुसलमानों के बाद अंग्रेज़ों ने इस देश को गुलामी की जंज़ीरों में जकड़ा। भारतीय उसी दिन से उस जाल को काटने के लिए अनवरत प्रयास करते रहे। इस पुनीत संग्राम का श्रीगणेश झांसी की रानी लक्ष्मी-बाई के कर-कमलों से सन् 1857 में हुआ। संघर्ष की इस ज्वाला में बालक-वृद्ध, युवा-युवती, नर-नारी सभी झुलसते रहे। बलिदान की इस माला में भगत सिंह, चन्द्रशेखर आज़ाद, राजगुरु, सुखदेव, बटुकेश्वर दत्त, खुदीराम गंगाधर तिलक, जवाहर लाल नेहरू, सुभाष चन्द्र बोस जैसे स्वतन्त्रता सेनानियों के ही रत्न नहीं पिरोये गए हैं अपितु इनकी संख्या अनगिनत है। अगनित माताओं की गोदें सूनी हुई और अनगिनत पत्नियों के सुहाग लुट गये (सौभाग्य का सिन्दूर लुट गया।) अनन्त बहनों के भाई स्वतन्त्रता की बलि-वेदी पर चढ़कर अमर गति को प्राप्त हुए। अनेक परिवार इस पवित्र जलियावाला बाग़’ ‘कामा- मारू, कमीशन का विरोध”, भारत छोड़ो आन्दोलन’, ‘विदेशी वस्त्रों की होली जलाओ” तथा अनेक सत्याग्रह इस संघर्ष की रोमांचक कहानी कहते हैं। 26 जनवरी, 1930 को रावी के किनारे पर काँग्रेस का विशाल अधिवेशन हुआ, जिसमें सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास किया गया कि पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करना ही हमारा अधिकार है। नेहरू ने इस दिन घोषणा की थी कि जब तक हम पूर्ण स्वराज्य प्राप्त नहीं कर लेगे, तब तक न स्वयं चैन से बैठेगे और न ही सरकार को चैन से बैठने देगे।

गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day Celebration)

राष्ट्रीय समारोह- गणतन्त्र दिवस समारोह उल्लास और उत्साह से देश की राजधानी दिल्ली में मनाया जाता है। राजधानी इस दिन अपना अनुपम श्रृंगार करती है। देश और विदेश के गणमान्य अतिथि इस समारोह को देखने दिल्ली आते हैं। इण्डिया गेट के विशाल मैदान में सेना के तीनों अंग-जल, स्थल, वायु सेना की टुकड़ियाँ राष्ट्रपति को सलामी देतीं हैं। राष्ट्रपति की सवारी देखने के लिए और उनका अभिवादन करने के लिए सड़कों पर एक विशाल जन समूह एकत्रित होता है। सलामी के बाद सेना के शस्त्रों का प्रदर्शन किया जाता है। इसी अवसर पर 31 तोपें दागी जाती हैं। सैनिक वाद्य विशेष धुने बजाते हैं। राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम संदेश प्रसारित करते है।

यह छब्बीस जनवरी आकर कहती है हर बार।

संघर्षों से ही मिलता है जीने का अधिकार।

26 जनवरी के समारोह में भिन्न-भिन्न राज्यों की अनेक संस्कृतियों, प्रगति कला-कौशल आदि से सम्बन्धित सुन्दर झांकियाँ प्रस्तुत की जाती हैं। अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इस अवसर पर प्रदर्शित किये जाते हैं। संध्या के आगमन पर राजधानी विद्युत के रंगीन प्रकाश से आलोकित हो उठती है।

स्थानीय समारोह- यह राष्ट्रीय पर्व नगरों और ग्रामों, स्कूलों और कालेजों में भी मनाया जाता है। प्रभात-भेरी की धुन तथा गगन-भेदी नारों के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ होता है। यह पर्व राष्ट्रीय गान का गायन और पुन: भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न कार्यक्रमों से सम्पन्न होता है। कई प्रकार की प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं। मिष्ठान वितरण का कार्यक्रम इन गतिविधियों को सुमधुर बना देता है। एन. सी. सी. की विभिन्न शाखाएँ, है। दूरदर्शन और आकाशवाणी के माध्यम से इन कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है।

हमारे विद्यालय में भी इस पुनीत अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रधानाचार्य ध्वजारोहण करते हैं। संस्कृति की गौरव-गाथा तथा शहीदों का पुण्य-स्मरण करने के साथ-साथ अनेक प्रकार की प्रतिस्पर्धाएँ होती हैं और प्रधानाचार्य विजेताओं को पारितोषिक वितरित करते है। संध्या के आगमन पर नगर और ग्राम दीपमाला के अलोक से आलोकित हो उठते हैं। विभिन्न रंगों का प्रकाश स्वतन्त्रता संग्राम की उज्ज्वल गाथा बताता है। राष्ट्र और संस्कृति में भी नर-नारी, युवा-युवती, बाल-वृद्ध सभी भाव-विभोर हो उठते हैं। सम्पूर्ण राष्ट्र अमर शहीदों की स्मृति में अपनी पावन श्रद्धांजलि अर्पित करता है तथा उन्हें नमन करता है। वस्तुत: यह दिवस हमारे संकल्प का दिवस है। जब हम प्रण करते है कि हम अपनी गौरवशाली संस्कृति को नहीं भूलेंगे तथा अपने राष्ट्र की अखण्डता तथा एकता को बनाए रखेंगे। वतन पर मर-मिटने वालों की स्मृति हमें संदेश देती है कि हम भी उनके चरण चिन्हो पर चलकर देश के गौरव को बनाकर रखे। कवि की ये पंक्तियां याद हो आती है-

“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,

वतन पर मर-मिटने वालों का बाकी यही निशी होगा।”

उपसंहार- कया इस गणतन्त्र के विधान में सभी नागरिक देश के प्रति अपने कर्तव्यों समझते हैं ? क्या शासक एवं अधिकारी वर्ग प्रजा के अधिकारों की रक्षा करता है ? हम सही अर्थों में देश को सुनहरे भविष्य की ओर ले जाने के लिए प्रयत्नशील हैं ? अर्थों में हम प्रजातन्त्र देश के नागरिक तभी बन सकेगे, जब हम देश और समाज के अपने कर्तव्य को पहचान सकेंगे।

करना है हमें नव मारत का निर्माण।

हमें हमारी मातृभूमि की ऊँची रखनी शान।

हिंदी में गणतंत्र दिवस पर निबंध- Long essay on Republic Day in Hindi

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