चण्डीगढ़ पर निबंध- Essay on Chandigarh in Hindi

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चण्डीगढ़ पर निबंध- Essay on Chandigarh in Hindi

मनुष्य ने अपनी कल्पना शक्ति एवं कर्म-भावना के आधार पर ‘धरा के अव्यवस्थित रूप को सजा संवार कर उसे रमणीय रूप प्रदान किया है। सभ्यता के विकास काल से ही अपने रहने के लिए सुख-सुविधा से सम्पन्न घर का निर्माण करना उसकी विशेष रूची रही है। धीरे-धीरे इसमें कलात्मक सुधार भी होता रहा है। नगरों में रहने का मानव-इतिहास सिन्धु घाटी-सभ्यता से ही आरम्भ हुआ। राजा और महाराजाओं ने भी अनेक नगर बसाए। इन भव्य नगरों के निर्माण स्थापत्यकला, निर्माण कला एवं सुरुचि के परिचायक हैं। आज भी विश्व में सुन्दर नगर लोगों के लिए आकर्षण का कारण होते हैं। भारत के विशाल नगरों में बम्बई, कलकत्ता, मद्रास, दिल्ली आदि प्रमुख नगर हैं। ये शहर आधुनिक और प्राचीन । कला एवं जीवन के तथा आधुनिकता के संगम एवं प्रतीक बन गए हैं। भारत में नव-निर्मित शहरों में चण्डीगढ़ एक आधुनिक शहर है जोकि अपनी अनेक विशेषताओं के कारण विश्व में चर्चित है तथा जिसे देखने के लिए देश-विदेश से लाखों यात्री आते रहते हैं। वास्तव में यह सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाओं से सम्पन्न शहर है।

पीठिका एवं स्थिति-शिवालिक नदी के तट पर बहुत वर्षों पहले एक मन्दिर था जो चण्डी देवी के मन्दिर के नाम से प्रसिद्ध था। इसके आस-पास ही पुराना चण्डीगढ़ स्थित है। आरम्भ में इस शहर के चारों ओर, आस-पास घने-घने हरे भरे जंगल थे। इन घने जंगलों में मनुष्य स्वतन्त्र रूप से निडर होकर नहीं घूम सकता था। क्योंकि यहां अनेक हिंसक जंगली जानवर घूमा करते थे। चण्डीदेवी का जो मन्दिर यहां स्थित है उसके नाम पर इसका नाम चण्डीगढ़ रख दिया गया है। आधुनिक युग का भव्य नगर चण्डीगढ़ बहुत पुराना नगर नहीं है। इस नगर की नींव 7 अक्तूबर 1953 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने रखी थी। इस नगर का कुल क्षेत्रफल लगभग 24 वर्ग किलोमीटर है। इस नगर के चारों ओर की स्थिति में एक ओर तो ऊंची पहाड़ियां हैं और शेष तीनों ओर खुले हुए दूर-दूर तक फैले मैदान हैं। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला चण्डीगढ़ से केवल 96 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके दूसरी ओर अम्बाला है और अम्बाला शहर की इससे दूरी 48 किलोमीटर है। इस सुन्दर शहर की पंजाब के औद्योगिक नगर लुधियाना से कुल दूरी 95 किलोमीटर है। इसके एक ओर स्थित पहाड़ियों से इस नगर की जलवायु प्रभावित होती है और गर्मियों में सन्ध्या तथा रात्रि के समय ठण्डी वायु होती है। रात्रि में तापमान भी काफी कम हो जाता है।

नगर की निर्माण-व्यवस्था- इस नगर की निर्माण-योजना फ्रांस के एक प्रसिद्ध इंजीनियर श्री एस. डी. कारबूजियर ने कठिन परिश्रम करके तैयार की है और यह नगर आज उनकी मेहनत तथा बुद्धि की प्रामाणिक गवाही देता है। प्रत्येक दृष्टि से पूर्ण आयताल सैक्टरों में बंटा हुआ यह नगर भवन-निर्माण कला के प्रति मानव की रुचि का साक्षी है। प्रत्येक सैक्टर में सभी प्रकार की आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं, यथा-स्कूल, बाजार डाकघर, डिस्पेंसरी, धार्मिक स्थल, चौड़ी-चौड़ी सुन्दर सड़कें और घास के हरे-भरे सुन्दर बड़े मैदान तथा खेल के मैदान। बाज़ार भी समुचित बड़े और व्यवस्थित हैं तथा प्रत्येक सैक्टर में स्थित बज़ार सभी प्रकार की क्रय-विक्रय की वस्तुओं की दुकानों से युक्त हैं। दुकानों का आकार और व्यवस्था भी एक जैसी ही है। इनमें पाकिंग के लिए भी खुले स्थान हैं जिससे यातायात में कोई भी अनावश्यक बाधा उत्पन्न नहीं होती है। सैक्टर की निर्माण व्यवस्था में एक और विशेष बात का भी ध्यान रखा गया है। कुछ सैक्टर व्यापारिक उद्देश्य से और विभिन्न प्रकार के क्रय-विक्रय के केन्द्रों के लिए तथा कुछ सरकारी कार्यालयों के लिए ही विशिष्ट ढंग से निर्मित है। इन सैक्टरों में लोगों का निवास स्थान नहीं है। औद्योगिक दृष्टि कोण से भी एक अलग विशाल सैक्टर विकसित किया गया है जोकि शहर से काफी दूर बाहर की ओर स्थित है तथा शहर को प्रदूषण से बचाता है। सैक्टर-17 व्यापारिक गतिविधियों का केन्द्र तो है ही यहां पंजाब तथा केन्द्रीय सरकार के भी अनेक कार्यालय हैं। सैक्टर-14 शिक्षा संस्थाओं के लिए विशेष प्रसिद्ध है तथा यहां पंजाब विश्वविद्यालय है। पंजाब-विश्वविद्यालय के साथ ही पी. जी. आई. एवं इंजीनियरिंग कॉलेज भी स्थित है।

आधुनिक सभ्यता के प्रतीक इस नगर में मनोरंजन एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी पूरी व्यवस्था है। शहर में अनेक सिनेमा घर हैं जिनका निर्माण भी विशेष ढंग से किया गया है। सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए एक प्रसिद्ध थियेटर टैगोर थियेटर हैं जहां चण्डीगढ़ की अनेक सांस्कृतिक संस्थाएं तथा अन्य देश विदेश से आई हुए टीमें अपने भव्य सांस्कृतिक एवं संगीत कार्यक्रम तथा नृत्य एवं नाटक प्रस्तुत करते हैं। संध्या के समय प्रत्येक सैक्टर के पार्क बच्चों के कोलाहल से भर जाते हैं एवं वृद्धों के भ्रमण से महक उठते हैं। सभी लोग इन पार्को में टहलते हैं और आनन्दित होते हैं। बाज़ारों में भीड़ तो प्रत्येक सैक्टर में होती है लेकिन सैक्टर-17 तथा सैक्टर-22 की भीड़ का आनन्द अपनी ही तरह का दृश्य उपस्थित करता है।

पंजाब सरकार का मुख्य कार्यालय, विधान सभा-भवन की विशाल इमारत के पास ही स्थित है। कुछ कार्यालय यहां पर स्थान की कमी होने के कारण अन्य सैक्टरों में भी स्थित है। चण्डीगढ़ के पास ही स्थित और विकसित होते नगर साहिबजादा अजीत सिंह नगर में भी अनेक कार्यालय स्थित हैं। जिनमें पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड का प्रसिद्ध एवं विशाल कार्यालय भी है।

दर्शनीय स्थल-सचमुच गीतों और निवास करने की प्रबल इच्छाओं का शहर चण्डीगढ़ आज भारत का ही नहीं बल्कि विश्व का चर्चित और सुन्दर नगर माना जाता है। इसकी चौड़ी-चौड़ी सड़कें सपाट सुन्दर तो हैं ही उनके दोनों ओर लगे सन्दर वृक्षों का पंक्तियां और हरियाली की क्यारियां उन्हें और भी भव्यता प्रदान करती है। सुन्दर काली चौड़ी सड़कों पर यातयात का प्रवाह ‘प्रकाश विधि’ से नियन्त्रित होता है। जन प्रवाह उमड़ता रहता है इन सड़कों पर। दौड़ती बसें, कारें, स्कूटर आदि मन को मुग्ध करती है। फूलों की रंग-बिरंगे हंसती क्यारियां और लदे वृक्ष नयनभिराम दृश्य उपस्थित करते हैं। रोज़ गार्डन में खिलते मुस्कराते गुलाब की कई किस्में दर्शकों को मोहित करती है। चण्डीगढ़ का रॉक-गार्डन आज भी दर्शकों और यात्रियों को हैरान कर देता है। रोज़ गार्डन में 20 मीटर की ऊंचाई तक उठता हुआ पानी का फव्वारा बच्चों और वृद्धों, युवाओं और युवतियों सभी को सम्मोहित करता है। सुखना झील की सन्धया मन और मस्तिष्क में प्यार की धुन छेड़ती है। इसमें नाव पर तैरते लोग प्रफुल्लित हो उठते हैं। चण्डीगढ़ में स्थित अजायब घर सभी के लिए समान रूप से आकर्षण का कारण है। सैन्ट्रल स्टेट लाइब्रेरी, विधान सभा भवन, आर्ट गैलरी, हाइकोर्ट चण्डीगढ़ को रमणीयता एवं आकर्षण प्रदान करते हैं। सैक्टर-14 में पंजाब विश्वविद्यालय का विशाल परिसर शिक्षा की तपोभूमि तो है ही युवक और युवतियों के फैशनमय परिधानों, सुंगधित द्रव्यों की मादक सुगंध से भी सुरभित रहता है। यह विश्वविद्यालय देश के अनेक योग्य वैज्ञानिकों, डाक्टरों, इंजीनियरों, साहित्यकारों और कलाकारों को शिक्षित करने वाला विश्व-प्रसिद्ध विश्वविद्यालय है जिसमें विदेशों से भी छात्र पढ़ने के लिए आते हैं। चण्डीगढ़ शहर की सजी हुई दुकानें ग्राहक को बलपूर्वक अपनी ओर खींच लेती हैं।

चण्डीगढ़ शहर आज फैशन और सौन्दर्य, सभ्यता और संस्कृति का संगम बन गया है। उन्मुक्त वातावरण में इठलाता यौवन इस शहर को नया आयाम देता है। देश के अनेक भागों से बसे हुए लोग अनेक भाषाओं में बातचीत करते हुए विशाल भारत का मानचित्र सामने ले जाते हैं। अनेक प्रकार के परिधान, पकवान तथा व्यंजन और मिष्ठान यहां सरलता से मिष्ठान केन्द्रों, रेस्टोरेन्ट में उपलब्ध हो जाते हैं जो इस के साक्षी हैं कि भारत के अनेक प्रदेशों के लोग यहां आते हैं और इसे भारत की एक इकाई का रूप देते हैं।

चण्डीगढ़ शहर वास्तुकला के आधुनिक नियमों पर आधारित, निर्मित सुन्दर शहर है जिसमें बसने की इच्छा पंजाब के लोकगीतों में भी प्रकट होती हैं। यहां आकर लोग कुछ दिनों तक अपने को एक नए वातावरण में पाकर प्रसन्नतामय जीवन व्यतीत करते हैं। औद्योगिक दृष्टि से यह तेज़ी से विकसित हो रहा है, और पर्यटकों के लिए तो यह प्रतिवर्ष आकर्षण का केन्द्र है।

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