In this article, we are providing महंगाई की समस्या पर निबन्ध. Essay on Inflation in Hindi, महंगाई के कारण, महँगाई पर अंकुश लगाने के उपाय।
महंगाई की समस्या पर निबन्ध- Essay on Inflation in Hindi
भारत जैसे देश में पूंजीवाद को बढ़ावा दिए जाने के कारण महँगाई बढ़ी है। सरकार बड़ी-बड़ी कंपनियों को तो ब्याज दर में छूट देती थी लेकिन वह भूमिहीन, कृषि मज़दूरों तथा लघु कारीगरों की दशा सुधारने के लिए ऐसे कदम नहीं उठती कि वे गरीबी की रेखा से ऊपर उठ सके।
महँगाई के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण देश में अबाध गति से बढ़ती हुई जनसँख्या है। देश का का उत्पादन सीमित है। रोजगार के अवसर सीमित हैं प्राकतिक संसाधन सीमित हैं। ऐसी स्थिति में करोड़ों के लिए अन्न, वस्त्र, आवास का व्यवस्था करना एक चुनौती बन गया है। महँगाई का एक अन्य कारण व्यवसायों का भ्रष्ट होना है। देश में जितनी उपज होती है वह सीधे किसानों या उत्पादकों से न खरीदकर अनेक बिचौलियों द्वारा उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जाता है। ये बिचौलिए कभी-कभी इतने चालाक होते हैं कि बाजार में माँग के अनुरूप वस्तुओं की आपूर्ति नहीं करते और वस्तुओं का कृत्रिम अभाव दिखाकर मनमाने पैसे उगाहते हैं।
जमाखोरों, भ्रष्टाचारियों तथा कालाबाजारियों पर जब तक रोक नहीं लगाई जाती, उन्हें कठोर दंड नहीं दिया जाता, तब तक महँगाई पर नियंत्रण पाना कठिन होगा। व्यावसायिक शिक्षा का अभाव तथा सुशिक्षितों के लिए रोजगार के अवसर न मिलना भी महँगाई का एक बड़ा कारण है। सरकार की गलत नीतियाँ भी इस विसंगति की जिम्मेदार हैं जो देश में नए लघु उद्योगों को पनपने में बाधाकारी सिद्ध होती रही हैं। महँगाई और भी बुरी तब लगती है जब व्यक्ति के पास भरण-पोषण के लिए पैसे नहीं होते। इसलिए शिक्षा को व्यवसायिक बनाने तथा रोजगार के अवसर बढ़ाने से महँगाई को कम किया जा सकता है और यदि महँगाई कम न भी हुई तो उसको सहन करने की शक्ति जरूर बढ़ जाती है।
भारत जैसे विकासशील देश के लिए निरंतर बढ़ रही महँगाई पर अंकुश लगाए बिना प्रगति असंभव है। इसके लिए राष्ट्रीय नीति बनाई जाए। ताकि देशवासियों को उचित दामों पर आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध हो सके वरन् लोगों में बढ़ रहे असंतोष से देश की शांति व्यवस्था में अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं।
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