ध्वनि प्रदूषण पर निबंध- Noise Pollution Essay in Hindi

Here we are providing a Noise Pollution Essay in Hindi- ( Dhwani Pradushan ) ध्वनि प्रदूषण पर निबंध. What is Sound Pollution in Hindi. ध्वनि प्रदूषण की समस्या और उसको को रोकने के उपाय की पूरी जानकारी है।

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध- Noise Pollution Essay in Hindi

भूमिका-  किसी भी चीज का दुषित होना ही प्रदुषण है। आज के समय में सबसे ज्यादा प्रदुषित हमारा वातावरण है। प्रदुषण बहुत से तरह के है-वायु प्रदुषण,जल प्रदुषण, ध्वनि प्रदुषण और भूमि प्रदुषण। धीरे धीरे ध्वनि प्रदुषण बहुत ही गति से बढ़ रहा है। प्रदुषित वातावरण हमारे स्वास्थ पर बहुत बुरा असर डालता है। ध्वनि प्रदुषण ज्यादा शोर की वजह से होता है और हमें बहुत हानि पहुँचाता हैं।

ध्वनि प्रदुषण के मुख्य कारण ( Causes ) – ध्वनि प्रदुषण फैलने के बहुत से कारण है जो कि ज्यादा शोर से जुड़े हुए है। उच्च ध्वनि अथवा ध्वनि प्रदुषण के निम्नलिखित कारण है-

1. वाहन- सड़क पर दौड़ते वाहन जैसे की गाड़ियां, बसें,मोटर साईकिल इत्यादि वायु प्रदुषण के साथ साथ ध्वनि प्रदुषण को भी
बढ़ावा देते है।इनके हॉर्नों से निकलने वाली आवाज की आवृत्ति बहुत ही ज्यादा होती है।
2. हवाई जहाज- उड़ान भरते समय और नीचे उतरते वक्त हवाई जहाज की ध्वनि बहुत ही ज्यादा होती है।
3. मनोरंजन के साधन- आज के दौर में मनोरंजन के लिए बहुत से साधनों का इस्तमाल किया जाता है जैसे कि टैलिवीजन,रेडियो, स्पीकर, थियेटर आदि। इनमें उच्च ध्वनि पर गाने या फिर कोई और कार्यकृम चलाने से भी ध्वनि प्रदुषण होता है। शादियों में बजने वाले बैंड और डीजे भी बहुत तेज ध्वनि उत्पन्न करते है।
4. उघोग- हमारे आस पास बहुत से उघोग होते है जिनमें काम करने वाली मशीनों से बहुत ही शोर आता है।
5. मरम्मत का कार्य- सड़को की टूट फूट और किसी घर को बनाते हुए भी बहुत ही शोर होता है जो कि ध्वनि प्रदुषण को बढावा देता है।

ध्वनि प्रदुषण के परभाव– किसी भी मनुष्य का वातावरण उसके स्वास्थय और मानसिकता पर बहुत असर डालता है। ध्वनि प्रदुषण हमारी शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्थिति पर बहुत. बुरा असर डालता है।

1. इसके कारण कानों के सुनने की शक्ति कम हो जाती है और हम धीरे धीरे ऊँचा सुनने के आदि हो जाते है। उच्च ध्वनि बहरेपन को निमंतरन देती है।
2.ज्यादा शोर शराबे की वजह से लोगों को नींद ना आने की बिमारी हो जाती है जिसके कारण इंसान तनाव में रहता है और साथ ही साथ चिढ़चिढ़ा भी हो जाता है।
3.ध्वनि प्रदुषण की वजह से रक्तचाप पर भी असर होता है। अधिक शोर से खुन भी गाढ़ा होता है जिससे की हॉर्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

ध्वनि प्रदुषण रोकने के उपाय– लगातार बढ़ रहे ध्वनि प्रदुषण को रोकना बहुत ही आवश्यक है। इसे रोकने के निम्नलिखित उपाय हैं-

1. सड़को पर चल रहे वाहनों में लगे हॉर्नो का इस्तमाल वर्जित होना चाहिए। हाल ही में सरकार द्वारा हॉर्न वर्जित करने के लिए कानून भी बनाया गया है।
2. सभी शादियों , पार्टियों में सरकार द्वारा 1० बजे के बाद गाने बजाना बैन किया गया है ताकि आस पास रह रहे लोग चैन से सो सके।
3. रैलियों में लाउड स्पिकर का इस्तमाल भी बंद किया जाना चाहिए।
4. बड़े बड़े उघोग शहर के बाहर लगाने चाहिए ताकि शहर में रहने वाले लोगों को उससे उत्पन्न होने वाली ध्वनि से परेशानी न हो।

निष्कर्ष– ध्वनि प्रदुषण ज्यादा शोर की वजह से होता है और हमें हर तरह से परभावित करता हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम सब एक दिन सुनने की शक्ति को खो देंगे। लेकिन हम सबके सहयोग से ध्वनि प्रदुषण को काफी हद तक रोका जा सकता है।

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