In this article, we are providing information about Vachan in Hindi – Vachan ke bhed | Vachan in Hindi Grammar Language. वचन बदलो ( Vachan Badlo in Hindi ) | Ek Vachan Bahuvachan List, list of singular and plural words in hindi
Vachan in Hindi Grammar- वचन की परिभाषा और भेद उदाहरण सहित
वचन की परिभाषा ( Meaning of Vachan in Hindi )
वचन का शाब्दिक अर्थ है- बोली। परन्तु हिन्दी में व्याकरण की दृष्टि में वचन का अर्थ संख्या से लिया जाता है। इसलिए वचन को परिभाषित करते हुए कहा जा सकता है- संज्ञा सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं।
वचन के भेद ( Vachan ke bhed )
हिन्दी में वचन के दो भेद माने गए हैं ( Two Types of Vachan )
(1) एकवचन ( Ekvachan | Singular )
(2) बहुवचन ( Bahuvachan | Plural )
Singular & Plural in Hindi
(1) एकवचन (Singular Number) : जैसा कि नाम से स्पष्ट है, एकवचन विकारी शब्द का वह रूप है जिससे एक ही व्यक्ति या वस्तु का बोध होता है। उदाहरण- घोड़ा दौड़ता है। गाय चरती है। इन वाक्यों में ‘घोड़ा’ और ‘गाय’ से एक जानवर का बोध होता है। अतः ये एकवचन हैं।
(2) बहुवचन (Plural Number) : बहुवचन वह विकारी शब्द है जिससे एक से अधिक वस्तुओं, व्यक्तियों आदि का बोध होता है। जैसे- घोड़े चरते हैं। गायें दौड़ती हैं। ‘घोड़े | और ‘गायें” कहने से एक से अधिक जानवरों का बोध होता है। अतः ये बहुवचन हैं।
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वचन के रूपान्तर ( Vachan Badlo in Hindi ):
यद्यपि वचन के कारण संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के रूप में परिवर्तन होता है तथापि सर्वनाम, विशेषण और क्रिया के रूप मूलतः इनसे जुड़ी संख्या पर ही आधारित होते हैं। अतएव एकवचन में संज्ञा शब्दों के रूपान्तर की ही प्रमुखता है। | वचन के अधीन संज्ञा के रूप दो तरह से परिवर्तित होते हैं-
(1) विभक्ति रहित
(2) विभक्ति सहित
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विभक्ति रहित संज्ञाओं के बहुवचन बनाने के नियम :
विभक्ति रहित संज्ञाओं का बहुवचन साधारणतः निम्नलिखित नियमों के अन्तर्गत बनाया जाता है-
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1. पुल्लिंग संज्ञा के आकारान्त को एकारान्त कर बहुवचन बनाया जाता है। यथा-
एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन
घोड़ा घोड़े गधा गधे
लड़का लड़के
अपवाद- मामा, नाना, बाबा, पिता, योद्धा, आत्मा, देवता, जामाता आदि। इन शब्दों के रूप दोनों वचनों में समान होते हैं।
2. पुल्लिग आकारान्त शब्दों के अतिरिक्त अन्य मात्राओं से अन्त होने वाले शब्दों के रूप दोनों वचनों में एक समान रहते हैं। जैसे-
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एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन
एक बालक चार बालक एक डाकू चार डाकू
एक भाई चार भाई एक जौ चार जौ
3. आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में ‘एँ’ जोड़ने से बहुवचन बनता है। जैसे-
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एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन
शाखा शाखाएँ लता लताएँ
माता माताएँ महिला महिलाएँ
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4. अकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा के बहुवचन शब्द में आगत अंतिम अ को ये कर देने से बनता है। जैसे-
एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन
गायें गाय रात रातें
बात बातें आँख आँखें
याद यादें
5. दीर्घ या ह्रस्व इकारान्त संज्ञाओं को ह्रस्व इकारान्त कर उनके अन्त में याँ जोड़ देने से बहुवचन बनता है। जैसे-
एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन
नारी नारियाँ पहेली पहेलियाँ
लड़की लड़कियाँ सहेली सहेलियाँ
नीति नीतियाँ नदी नदियाँ
घड़ी घड़ियाँ छड़ी छड़ियाँ
धोती धोतियाँ साड़ी साड़ियाँ
6. जिन स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में ‘या’ आता है, ‘या’ पर चन्द्रबिन्दु लगाकर बहुवचन बनाया जाता है जैसे
एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन
बुढ़िया बुढ़ियाँ चिड़िया चिड़ियाँ
गुड़िया गुड़ियाँ डिबिया डिबियाँ
दुनिया दुनियाँ
7. ह्रस्व या दीर्घ ऊकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाओं को ह्रस्व उकारान्त बनाकर अन्त में ‘एँ’ लगाने से बहुवचन का निर्माण होता है। जैसे-
एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन
धेनु धेनुएँ वस्तु वस्तुएँ
बहू बहुएँ ऋतु ऋतुएँ
8. कुछ शब्द समष्टि मूलक होते हैं। जैसे- गण, कुल, वृन्द, समूह, वर्ग, लोग, जन, मण्डल दल, ग्राम, मण्डली आदि। ये शब्द विशेषतः वहाँ जोड़े जाते हैं, जहाँ दोनों वचनों में पुल्लिंग अथवा स्त्रीलिंग में एक ही रूप होते हैं।
उदाहरण :
एकवचन बहुवचन एकवचन बहुवचन
पाठक पाठकगण आप आप लोग
तुम तुम लोग छात्र छात्रगण
विद्यार्थी विद्यार्थीगण
विभक्ति सहित संज्ञाओं के बहुवचन बनाने के नियम :
सविभक्ति संज्ञाओं के बहुवचन बनाने के सामान्य नियम निम्नलिखित हैं
1.संस्कृत शब्दों को छोड़कर हिन्दी के अकारान्त, आकारान्त तथा एकारान्त संज्ञाओं के अन्तिम अ, आ, ए के बदले बहुवचन बनाने में इसे ‘ओ’ कर दिया जाता है। जैसे
एकवचन बहुवचन
नर नरों (का)
चीता चीतों (द्वारा)
चोर चोरों (ने)
घोड़ा घोड़ों (को)
विभक्ति चिह्नों के साथ प्रयोग :
(क) नरों की कहानी।
(ख) चीतों का भय।
(ग) चोरों की पकड़े।
(घ) घोड़ों की हिनहिनाहट।
2.संस्कृत आकारान्त संज्ञाओं तथा हिन्दी एवं संस्कृत की सम्पूर्ण अकारान्त, उकारान्त, ऊकारान्त तथा आकारान्त संज्ञाओं को बहुवचन बनाने के लिए अन्त में ‘ओं जोड़ना पड़ता है। ऊकारान्त में ‘ओं सम्पृक्त करने के पूर्व उसे उकारान्त करना पड़ता है। जैसे-
एकवचन बहुवचन विभक्ति चिह्नों के साथ प्रयोग
कला कलाओं कलाओं का प्रदर्शन
घर घरों घरों में जाओ वधुओं
वधू वधुओं वधुओं का सम्मेलन ।
3.समस्त इकारान्त और ईकारान्त संज्ञाओं का बहुवचन बनाने के लिए अन्त में ‘यों’ जोड़ना पड़ता है। ईकारान्त संज्ञाओं में ‘यों जोड़ने के पूर्व ई का इ कर दिया जाता है। जैसे :
एकवचन बहुवचन विभक्ति चिह्नों के साथ प्रयोग
नारी नारियों नारियों की स्थिति
नदी नदियों नदियों का प्रवाह कवि कवियों
कवि कवियों कवियों की वाणी
कपि कपियों कपियों का समूह
Vachan badlo in hindi ( जरुरी पॉइंट्स )
1.सम्मान ज्ञापित करने के लिए सदैव एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग होता है, जैस- गुरु जी पढ़ा रहे हैं।
2.प्रत्येक तथा हर एक का प्रयोग हमेशा एकवचन में ही होता है। जैसे- प्रत्येक व्यक्ति अपनी जगह बैठ चुका है।
3. द्रव्यवाचक संज्ञाओं का उपयोग एकवचन में होता है। जैसे- सोना का भाव बहुत ऊंचा है। परन्तु यदि द्रव्य के विभिन्न प्रकारों का बोध होता है तो द्रव्यवाचक संज्ञा बहुवचन में प्रयोग की जाती है, यथा- लोहे की कई किस्में हैं।
4. समाचार, प्राण, होंठ, आँसू, हस्ताक्षर, दर्शन, होश आदि शब्दों का प्रयोग बहुवचन में होता है।
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