आम के कद्रदान- Akbar Birbal Aam Story in Hindi
Best Akbar Birbal Stories in Hindi
एक दिन बादशाह और बीरबल, दोनों ही एक साथ बैठे आमों का स्वाद ले रहे थे। बादशाह ने थोडी देर पहले ही दरबार खत्म किया था और अब वे अपना खाली वक्त बीरबल के साथ बिता रहे थे। बादशाह को बीरबल के साथ समय गुजारना बेहद पसंद था। बीरबल बढ़िया चुटकुले और कहानियाँ सुनाकर बादशाह का मनोरंजन कर रहे थे। बीरबल की बातें सुनने में बादशाह को बहुत मजा आ रहा था। आम खाकर वे उनकी गुठलियाँ मेज के नीचे फेंकते जा रहे थे।
तभी बादशाह को बीरबल से मजाक करने की सूझी। उन्होंने चुपचाप अपने खाए आमों की गुठलियाँ बीरबल की ओर सरका दीं। फिर वे जोर से बोले, ‘बीरबल, मुझे नहीं पता था तुम आम खाने में इतने उस्ताद हो। तुम तो आम इतनी तेजी से खा रहे हो, जैसे तुमने पहले कभी आम खाए ही न हों।’
तब बीरबल ने मेज के नीचे देखा। उनकी ओर तो आम की गुठलियों का ढेर पड़ा था, जबकि बादशाह की ओर एक भी गुठली नहीं थी। बीरबल समझ गए कि बादशाह मजाक में उन पर बीस साबित होने की कोशिश कर रहे हैं।
वे तुरंत बोले, ‘बादशाह सलामत! ये बात सच है कि मुझे आम बेहद पसंद हैं, लेकिन आप तो आमों के मुझसे भी बड़े कद्रदान हैं। मैंने तो आमों का गूदा ही खाया है, लेकिन आपने तो उनकी गुठलियाँ भी खा ली हैं।’
बीरबल की बात सुनकर बादशाह हैरानी से उनका मुँह ताकते रह गए। उनसे कोई जवाब देते न बन पड़ा।
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